बुमराह की बड़ी गलती; फील्डिंग में बाधा डालने के बावजूद आउट होने से बच गए लाबुशेन
पर्थ टेस्ट के दौरान मार्नस लाबुशेन [स्रोत: @ESPNcricinfo/x.com]
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच BGT 2024-25 के पहले टेस्ट में कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। यह मैच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला जा रहा है। अब तक जो कुछ भी हुआ है, उसमें गेंदबाज़ों ने मैच के पहले दिन दबदबा बनाया है।
भारतीय टीम के कप्तान जसप्रीत बुमराह ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला किया। हालांकि भारत के शीर्ष बल्लेबाज़ कुछ ख़ास योगदान नहीं दे पाए, लेकिन ऋषभ पंत और नितीश रेड्डी ने भारत की लाज बचाई। दोनों ने मिलकर भारत को 150 रनों के पार पहुंचाया।
भारतीय गेंदबाज़ों ने शानदार जवाब दिया। कप्तान जसप्रीत बुमराह की अगुआई में मेहमान टीम ने घातक तेज़ गेंदबाज़ी की और पारी के सातवें ओवर में ऑस्ट्रेलियाई टीम का स्कोर 19/3 हो गया।
क्या ऑस्ट्रेलिया ने फिर धोखा दिया?
इस समय मार्नस लाबुशेन ने अपनी टीम के लिए संघर्ष करने की कोशिश की। शरीर पर चोट लगने और कई बार पिटने के बावजूद मार्नस अपनी टीम को इस स्थिति से बाहर निकालने के लिए जूझते रहें। वह एक मौक़े से बच गए जब विराट कोहली ने पहली स्लिप में उनका आसान कैच छोड़ दिया। इसके बाद पारी के 13वें ओवर में एक विवादास्पद क्षण आया।
मोहम्मद सिराज के ओवर की तीसरी गेंद लाबुशेन के पैड पर लगी। इसके बाद बल्लेबाज़ ने क्रीज़ से बाहर होने और गेंद के खेल में होने के बावजूद बल्ले से गेंद को दूर धकेल दिया। बल्लेबाज़ की इस हरकत से सिराज और अन्य भारतीय खिलाड़ी नाराज़ दिखे, हालांकि उन्होंने आधिकारिक तौर पर अपील नहीं की। एमसीसी के नियमों के अनुसार, अगर आधिकारिक अपील होती तो ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ को आउट दिया जा सकता था।
फील्ड डिसमिसल में बाधा डालने के बारे में क्या कहता है एमसीसी का नियम?
मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) के सेक्शन 37 के तहत फील्ड में बाधा डालने का नियम उन स्थितियों से संबंधित है, जहां बल्लेबाज़ खेल के दौरान गेंद को बाधित करता है। यह नियम तब लागू होता है, जब बल्लेबाज़ गेंद को सक्रिय अवस्था में रोकता है और फील्डिंग करने वाली टीम को कैच या रन-आउट जैसे खेल को अंजाम देने से रोकता है।
बताते चलें कि ये बाधा कई तरीकों से हो सकती है। बल्लेबाज़ अपने शरीर के अंगों या बल्ले से गेंद को रोक सकता है और कैच को रोक सकता है या गेंद को स्टंप पर वापस जाने से रोक सकता है। यहां तक कि जब गेंद सक्रिय हो तो बल्लेबाज़ की ओर से फील्डर्स का मौखिक ध्यान भटकाना भी इस धारा के अंतर्गत आता है।
एक विशेष परिदृश्य में बल्लेबाज़ की ओर से गेंद को इकट्ठा करना और बिना उनकी सहमति के उसे फील्डर को वापस करना भी शामिल है। हालाँकि, अगर भारत ने अपील की होती तो ये चीज़ें खेल में आ जातीं। यह भारतीय टीम की ओर से एक बड़ी ग़लती थी कि उन्होंने इसके लिए अपील नहीं की। मेहमान टीम भाग्यशाली रही कि बल्लेबाज़ ज्यादा देर तक नहीं रुका और उसे बहुत नुकसान उठाना पड़ा।