भारत-ऑस्ट्रेलिया दूसरे टेस्ट के दौरान फ़िलिप ह्यूज़ की 10वीं पुण्यतिथि पर उन्हें सम्मानित करेगा क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया
फिल ह्यूज का निधन 27 नवंबर 2014 को हुआ [स्रोत: @ICC/x.com]
फ़िलिप ह्यूज़ की दुखद मौत के दस साल पूरे होने के मौक़े पर क्रिकेट एक भावनात्मक पखवाड़े के लिए तैयार है। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के सबसे चमकते सितारों में से एक ह्यूज़ ने साल 2014 में अपने 26वें जन्मदिन से कुछ दिन पहले ही दुनिया छोड़ दी थी। एससीजी में बाउंसर लगने से उनकी असामयिक मौत ने क्रिकेट जगत को झकझोर कर रख दिया और खेल पर गहरा असर छोड़ा।
एडिलेड टेस्ट में फिलिप ह्यूज़ को श्रद्धांजलि देकर पूरे ऑस्ट्रेलिया में उनका सम्मान किया जाएगा
इस दुखद पल में झंडे आधे झुके रहेंगे, खिलाड़ी काली पट्टियाँ बाँधेंगे और कुछ पल मौन रखेंगे। शेफ़ील्ड शील्ड से लेकर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे एडिलेड टेस्ट तक, क्रिकेट जगत अपने प्रिय क्रिकेटर को श्रद्धांजलि देने के लिए तैयार है।
श्रद्धांजलि की शुरुआत इस शनिवार को शेफ़ील्ड शील्ड खेलों से होगी। ह्यूज़ की पुरानी टीम, साउथ ऑस्ट्रेलिया, एडिलेड में वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगी। इस बीच, उनकी बचपन की टीम, न्यू साउथ वेल्स, एससीजी में तस्मानिया का सामना करेगी। क्वींसलैंड गाबा में विक्टोरिया से भिड़ेगी।
हर एक खेल के चौथे दिन काली बांह की पट्टियाँ पहनी जाएँगी और एक मिनट का मौन रखा जाएगा। सिडनी और ब्रिसबेन में होने वाले मैचों के लिए, अंतिम दिन 27 नवंबर से मेल खाएगा - जिस दिन 2014 में ह्यूज़ का निधन हुआ था।
इसके अलावा, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने ह्यूज़ के जीवन और उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए एडिलेड में भारत के ख़िलाफ़ दूसरे टेस्ट को चुना है। 6 दिसंबर से शुरू होने वाला यह टेस्ट उस दिन से लगभग दस साल बाद होगा जब ह्यूज़ की दुखद मौत के बाद ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेट फिर से शुरू हुआ था।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने ह्यूज़ के परिवार के साथ मिलकर उनके सम्मान में एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है। यह फिल्म टेस्ट मैच से पहले प्रसारित की जाएगी, जिससे प्रशंसकों को मैदान के अंदर और बाहर ह्यूज़ के प्रभाव के बारे में सोचने का मौक़ा मिलेगा।
फिल ह्यूज़ की विरासत जीवित है
फिल ह्यूज़ ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 26 टेस्ट मैच खेले और अभी शुरुआत ही की थी। अपने मज़बूत इरादे और आकर्षण के लिए जाने जाने वाले ह्यूज़, एससीजी में उस भाग्यशाली खेल के दौरान 63 रन बनाकर नाबाद रहे।
दस साल बाद भी ह्यूज़ की विरासत ज़िंदा है। अगले कुछ हफ्तों में क्रिकेट उन्हें उस तरह से सम्मानित करेगा, जिसके वे हक़दार हैं। इसके लिए वे उनके जीवन और खेल को दिए गए उनके योगदान का जश्न मनाएंगे।