ऑस्ट्रेलिया में सर्वाधिक टेस्ट रन बनाने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज़
ऋषभ पंत [Source: @WRish_17/x.com]
टेस्ट क्रिकेट में रन बनाना वैसे भी मुश्किल काम है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में उनके लगातार तेज गेंदबाज़ों के सामने ऐसा करना बिलकुल अलग बात है। उछाल भरी पिचें, तेज गेंदबाज़ और अत्यधिक दबाव के कारण अधिकांश बल्लेबाज़ों के लिए यह एक बुरा सपना बन जाता है।
विकेटकीपरों के लिए यह काम कठिन है क्योंकि वे आम तौर पर टीम के मुश्किल में होने या पुछल्ले बल्लेबाज़ों के साथ खेलने के लिए मैदान पर उतरते हैं और फिर भी उनसे उम्मीद की जाती है कि वे अच्छा प्रदर्शन करेंगे। हालांकि, कुछ मेहमान विकेटकीपरों ने शानदार तरीके से ऐसा करने में कामयाबी हासिल की है। ऑस्ट्रेलिया में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले शीर्ष तीन मेहमान विकेटकीपर-बल्लेबाज़ों पर नीचे विस्तार से बात की गई है।
3. जेफ डुजॉन (वेस्टइंडीज़)
जेफ डुजॉन [Source: @ICC/x.com]
जेफ डुजॉन वेस्टइंडीज़ के क्रिकेट के स्वर्णिम युग में एक चट्टान की तरह रहे। जहां आमतौर पर स्टार खिलाड़ियों से सजी बल्लेबाज़ी लाइनअप को ही सारी सुर्खियां मिलती थीं, वहीं डुजॉन ने चुपचाप अपना काम किया।
1982 से 1989 के बीच ऑस्ट्रेलिया में खेले गए 11 मैचों की 18 पारियों में उन्होंने 587 रन बनाए।
डुजॉन ने बार-बार दिखाया कि वह ऑस्ट्रेलिया के कुछ बेहतरीन गेंदबाज़ों के सामने अपनी पकड़ बनाए रख सकते हैं। डुजॉन बहुत भरोसेमंद थे। उन्होंने स्कोरबोर्ड को आगे बढ़ाया, निचले क्रम को दिशा दी और कई बार अपनी टीम को बचाया।
2. एलन नॉट (इंग्लैंड)
एलन नॉट [Source: @ICC/x.com]
एलन नॉट साहस और दृढ़ संकल्प के साक्षात् उदाहरण है। 1970 के दशक में खेलते हुए, जब तेज गेंदबाज़ों का दौर था, नॉट ने अपनी छाप छोड़ी। ऑस्ट्रेलिया में 13 मैचों और 22 पारियों में उन्होंने 33.84 की शानदार औसत से 643 रन बनाए। उनकी नाबाद 106 रनों की पारी को आज भी ऑस्ट्रेलिया में विकेटकीपर-बल्लेबाज़ द्वारा खेली गई सबसे बहादुरी भरी पारियों में से एक मानी जाती है।
नॉट कभी भी स्टाइलिश बल्लेबाज़ नहीं रहे, लेकिन जो कमी उनमें थी, वह उन्होंने संघर्ष करके पूरी की। गेंदबाजों को थका देने, दबाव को झेलने और अपनी टीम को मुश्किलों से बाहर निकालने में उनकी महारत थी।
1. ऋषभ पंत (भारत)
ऋषभ पंत [Source: @WRish_17/x.com]
और अब, शीर्ष पर गर्व से बैठे कोई और नहीं बल्कि ऋषभ पंत हैं। 2018 में अपने पदार्पण के बाद से, पंत ने टेस्ट क्रिकेट में विकेटकीपर-बल्लेबाज़ होने का मतलब फिर से लिख दिया है। ऑस्ट्रेलिया में सिर्फ़ आठ मैचों की 13 पारियों में 66.10 की औसत से 661 रन बनाए हैं। इस तरह कोई भी उनके करीब भी नहीं है।
2018-19 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान सिडनी में उनकी अविस्मरणीय 159* रन की पारी ने साबित कर दिया कि वह किस चीज के बने हैं। फिर 2020-21 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान गाबा में उनकी 89* रन की पारी ने भारत को ऑस्ट्रेलिया के किले को भेदने में मदद की, जो युगों तक याद रखने वाली पारी थी।
पंत ने ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में न केवल टिके रहने का प्रयास किया है, बल्कि उन्होंने खूब तरक्की भी की है। चाहे नेथन लायन की गेंद पर छक्का जड़ना हो या पैट कमिंस, मिचेल स्टार्क और जोश हेजलवुड जैसे तेज गेंदबाज़ों का सामना करना हो, पंत के निडर रवैये ने सभी को हैरान कर दिया है।