'इसे मत तोड़िए'- मुंबई टेस्ट से पहले गौतम गंभीर और टीम इंडिया से इस अनचाहे रिकॉर्ड को ना तोड़ने की अपील की आकाश चोपड़ा ने
न्यूजीलैंड से भारत की हार के बाद गौतम गंभीर और रोहित शर्मा को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा (@sujeetsuman1991/X.com)
न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ घरेलू मैदान पर चल रही टेस्ट सीरीज़ में लगातार दो मैच हारने के बाद भारत की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। रोहित शर्मा और उनकी टीम को 1 नवंबर से मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट मैच से पहले काफी विश्लेषण और रणनीति बनानी होगी।
डब्ल्यूटीसी फाइनल की उम्मीदों को ज़िंदा रखने के लिए भारतीय टीम की जीत की सख्त ज़रूरत पर विचार करते हुए पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने कहा है कि भारत तीसरा टेस्ट नहीं हारना चाहेगा। उन्होंने कहा कि वे गौतम गंभीर के युग में टीम के इतिहास में पहली बार 0-3 से घरेलू सीरीज़ हारने का अनचाहा रिकॉर्ड नहीं बनाना चाहेंगे।
चोपड़ा ने गंभीर और रोहित से किया अनुरोध
उन्होंने कहा कि आगामी मैच कोई अंतिम मैच नहीं है क्योंकि इससे पहले भारतीय टीम दो मैचों की सीरीज़ हार चुकी है लेकिन तीन मैचों की सीरीज़ में उसका कभी सफ़ाया नहीं हुआ है और रोहित की अगुआई वाली भारतीय टीम उम्मीद करेगी कि वह यह रिकॉर्ड ना बनने दे।
उन्होंने कहा, "यह कोई अंतिम मैच नहीं है। इसमें दो बातें हैं। पहली बात, हमने कभी भी तीन मैचों की घरेलू सीरीज़ 3-0 से नहीं हारी है। दो मैचों की सीरीज़ में हम एक बार हार गए थे, लेकिन तीन मैचों की सीरीज़ में ऐसा कभी नहीं हुआ। हम उस रिकॉर्ड की दहलीज़ पर भी हैं। इसे मत तोड़िए।"
उन्होंने आगे कहा कि भारत को यह मुक़ाबला जीतना चाहिए क्योंकि इसमें WTC अंक भी शामिल हैं। भारत, जो पहले WTC फाइनल 2025 के लिए अपनी योग्यता के मामले में अपेक्षाकृत आसान स्थिति में था, अब इसे बनाने के लिए छह मैचों में से चार जीत की ज़रूरत है।
चोपड़ा ने कहा, "कृपया यह मैच जीतें क्योंकि इसमें WTC अंक भी शामिल हैं। अगर आप यह मैच जीतते हैं तो आपको (सीरीज़ के लिए) 33% अंक मिलेंगे। गौतम गंभीर के कार्यकाल में पहले ही कई कुख्यात रिकॉर्ड बन चुके हैं। फिर आप कहते हैं कि आप कोई और रिकॉर्ड नहीं तोड़ना चाहते हैं।"
भारत का लक्ष्य मज़बूती से वापसी करना है
इस बीच, भारत का सबसे बड़ा 'तनाव' उनकी बल्लेबाज़ी लाइन-अप है। उनके पास विपक्षी टीम को डराने की अपनी सामान्य क्षमता की कमी है और पिछले दो मैचों में न्यूज़ीलैंड के गेंदबाज़ों ने इसका फायदा उठाया है।
तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच को जीतने के लिए भारत को अपना सर्वश्रेष्ठ खेल वापस लाने की उम्मीद होगी। इसके अलावा भारत के बल्लेबाज़ों का लक्ष्य होगा कि वे दबाव के समय में नहीं टूटें और मुंबई की पिच पर सम्मानजनक और संघर्षपूर्ण स्कोर बनाएं।