स्टुअर्ट ब्रॉड ने थकाऊ फ़ील्डिंग के बाद जयसवाल-साई के पतन का किया खुलासा


स्टुअर्ट ब्रॉड ने भारत की दूसरी पारी में साई-जयसवाल की विफलता का विश्लेषण किया [Source: @RichKettle07/X.com] स्टुअर्ट ब्रॉड ने भारत की दूसरी पारी में साई-जयसवाल की विफलता का विश्लेषण किया [Source: @RichKettle07/X.com]

मैनचेस्टर टेस्ट में भारत की दूसरी पारी की शुरुआत बेहद खराब रही, क्रिस वोक्स के पहले ही ओवर में 0/2 पर ढेर हो गई, जिससे इंग्लैंड को पहली पारी में 311 रनों की विशाल बढ़त मिल गई। यशस्वी जयसवाल दूसरी ही गेंद पर स्लिप में कैच देकर आउट हो गए, जबकि साई सुदर्शन दूसरी स्लिप में लीव करने की कोशिश में गोल्डन डक पर आउट हो गए।

यह पतन भारत के मैदान पर 157.1 ओवरों की कड़ी मेहनत के बाद हुआ, जहाँ इंग्लैंड ने लगभग पाँच सत्रों में 669 रन बनाए। स्टुअर्ट ब्रॉड के अनुसार, इस अथक प्रयास ने युवा सलामी बल्लेबाजों को एक भी गेंद खेलने से पहले ही थका दिया।

ब्रॉड का मानना है कि थकान ने भारत के शीर्ष क्रम को कमजोर कर दिया है

इंग्लैंड के इस दिग्गज तेज गेंदबाज ने शारीरिक तनाव को इसका मूल कारण बताया, विशेषकर यशस्वी जयसवाल की शारीरिक भाषा पर गौर किया।

ब्रॉड ने चौथे दिन लंच ब्रेक के दौरान जियोहॉटस्टार पर कहा, "ताज़ा पैर, ताज़ा गेंदबाज़ — अगर आप अपने गेंदबाज़ों को टेस्ट मैच के दौरान दो रात की नींद दे दें, तो वो आकर गेंद से कमाल कर देंगे। ये वाकई दिलचस्प था — जैसवाल ने दूसरी ही गेंद पर कट मारने की कोशिश की और चूक गए, और तुरंत ही उन्होंने अपने पैर हिलाए। जब आपके पैरों में लैक्टिक एसिड जमा हो जाता है, तो आप उन्हें हिलाकर फिर से संवेदना लाने की कोशिश करते हैं। मेरे लिए ये संकेत था कि वो मानसिक और शारीरिक रूप से थक चुके थे, और खुद को जगाने की कोशिश कर रहे थे।"

हालांकि, स्टुअर्ट ब्रॉड ने सुदर्शन के प्रति सहानुभूति व्यक्त की, तथा टेस्ट क्रिकेट में नए खिलाड़ी पर विस्तारित फ़ील्डिंग के क्रूर प्रभाव पर जोर दिया।

उन्होंने आगे कहा, "सुधर्शन... ये पूरी तरह मानसिक और शारीरिक थकान थी, जो कि आपके दूसरे टेस्ट मैच में, जब आप 160 से ज़्यादा ओवर तक फील्डिंग कर चुके हों, तो पूरी तरह से समझ में आने वाली बात है।"

भारत को कड़ी टक्कर देने की ज़रूरत

भारत 1-2 से पिछड़ रहा है और टेस्ट मैच बचाना उसके लिए एक बड़ी चुनौती है, ब्रॉड का विश्लेषण इंग्लैंड के दबदबे वाले बल्लेबाज़ी प्रदर्शन के मनोवैज्ञानिक और शारीरिक नुकसान को रेखांकित करता है। मेहमान टीम की वापसी एक नए जोश से भरे इंग्लिश आक्रमण के सामने गहरी थकान पर काबू पाने पर निर्भर करती है।

भारत इस मुकाबले पर कब्ज़ा जमाने की कोशिश में है, लेकिन मैच के ड्रॉ होने की पूरी संभावना है, क्योंकि अब केवल एक दिन बाकी है, और भारत अभी भी आठ विकेट लेकर मज़बूत स्थिति में है। अगर चौथा टेस्ट ड्रॉ हो जाता है, तो आखिरी टेस्ट भारतीय टीम के लिए करो या मरो जैसा होगा, क्योंकि एक और ड्रॉ होने पर सीरीज़ इंग्लैंड के हाथ में चली जाएगी।

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Raju Suthar

Raju Suthar

Author ∙ July 27 2025, 11:11 AM | 3 Min Read
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