जानें...आख़िर क्यों सचिन तेंदुलकर को 'क्रिकेट का भगवान' कहा जाता है


2011 क्रिकेट विश्व कप जीतने के बाद सचिन तेंदुलकर [X] 2011 क्रिकेट विश्व कप जीतने के बाद सचिन तेंदुलकर [X]

सचिन तेंदुलकर खेल के इतिहास में अब तक के सबसे महान बल्लेबाज़ों में से एक हैं। भारत से आने वाले तेंदुलकर ने साल 1989 में अपने करियर की शुरुआत की और उत्कृष्टता के उस स्तर पर पहुँच गए जहाँ वे अपने सभी समकालीनों से आगे निकल गए और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन गए।

उल्लेखनीय रूप से, तेंदुलकर ने क्रिकेट के प्रत्येक स्तर पर अपने कौशल से सभी को प्रभावित किया। जब वह घरेलू सर्किट में शानदार प्रदर्शन कर रहे थे, तो भारतीय प्रबंधन ने 16 वर्षीय बच्चे को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मौक़ा देने का फैसला किया। अपने शुरुआती दिनों में, सचिन ने अपनी बल्लेबाज़ी से कई दिग्गजों को प्रभावित किया, जिनमें महान सर डोनाल्ड ब्रैडमैन भी शामिल थे। ऐसा लग रहा था कि एक दिन मुंबई का 'वंडर किड' पूरी दुनिया के दिलों पर राज करेगा।


अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड

जहाँ तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का सवाल है, ऐसे बहुत कम बल्लेबाज़ी रिकॉर्ड हैं जो सचिन तेंदुलकर के नाम नहीं हैं। आइए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इस महान खिलाड़ी की कुछ उपलब्धियों पर नज़र डालें।

नंबर
रिकॉर्ड
100 सर्वाधिक अंतर्राष्ट्रीय शतक
49 एकदिवसीय क्रिकेट में सर्वाधिक शतक
18,426
एकदिवसीय क्रिकेट में सर्वाधिक रन
15,921 टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन
34,347 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक रन
145 एकदिवसीय क्रिकेट में सर्वाधिक अर्धशतक
1,894 एक कैलेंडर वर्ष में वनडे में सर्वाधिक रन
2,016 वनडे करियर में सर्वाधिक चौके
76 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक मैच जीतने वाले खिलाड़ी का पुरस्कार
264 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक अर्धशतक
200* एकदिवसीय मैचों में दोहरा शतक बनाने वाले पहले खिलाड़ी
9
एक कैलेंडर वर्ष में वनडे में सर्वाधिक शतक

ये रिकॉर्ड इस बात के प्रमाण हैं कि सचिन तेंदुलकर किस तरह इस कला के उस्ताद बन गए। जिस दौर में उन्होंने क्रिकेट खेला और जिस तरह से उन्होंने खेल के विकास के साथ खुद को ढ़ाला, वह उनके 'क्रिकेट के भगवान' के उपनाम को सही साबित करता है।


शीर्षक का भावनात्मक पहलू

भारतीय क्रिकेट एक ऐसे दौर से गुज़रा है जब तेंदुलकर के आउट होते ही दर्शक अपना टीवी बंद कर देते थे। कहा जा सकता है कि सचिन ने करीब एक दशक तक एक अरब लोगों की उम्मीदों का बोझ अपने कंधों पर उठाया।

एक ऐसे दौर में जब भारतीय क्रिकेट बुरे दौर से गुज़र रहा था, सचिन उम्मीद की किरण थे। मैदान पर उन्होंने जो चमक दिखाई, उससे हर भारतीय को इस बात पर गर्व हुआ कि वे भी उसी देश के हैं, जिस देश का ये महान खिलाड़ी है।

जैसे-जैसे साल बीतते गए, 'वंडर किड' तेंदुलकर भारतीय क्रिकेट की रीढ़ और सबसे बड़ी चीज़ बन गए। उनके बनाए गए प्रत्येक रिकॉर्ड के साथ, सचिन का कद बढ़ता गया। जब वे अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर पहुंचे, तब बल्लेबाज़ी में कुछ ऐसे मील के पत्थर रह गए थे जो सचिन के नहीं थे। उनकी बल्लेबाज़ी में चमक और भारतीय आबादी के साथ उनके भावनात्मक जुड़ाव ने उन्हें भगवान के पद पर पहुंचा दिया।

जिन्होंने उन्हें खेलते हुए देखा है, वे उनके संन्यास के 10 साल बाद भी उन्हें खेलते हुए याद करते हैं । 'सचिन.....सचिन.....' की गूंज आज भी हर भारतीय क्रिकेट प्रशंसक के कानों में गूंजती है। उन्होंने हमें जो मनोरंजन और गर्व दिया है, वह वाकई हमें यह कहने पर मजबूर करता है - 'अगर क्रिकेट एक धर्म है, तो सचिन भगवान हैं।'


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Mohammed Afzal

Mohammed Afzal

Updated: Aug 9 2024, 9:07 PM | 5 Min Read
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