यशस्वी जायसवाल या शुभमन गिल- चैंपियंस ट्रॉफ़ी 2025 में भारत के लिए कौन होगा बेहतर विकल्प?
शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल ने भारत के लिए पारी की शुरुआत की [X]
भारतीय टीम ने हाल ही में श्रीलंका के ख़िलाफ़ वनडे सीरीज़ खेली है, जिसमें उसे 2-0 से हार का सामना करना पड़ा। इस सीरीज़ के बाद, भारत के पास अब 2025 की शुरुआत में होने वाली ICC चैंपियंस ट्रॉफ़ी से पहले सिर्फ तीन मैच बचे हैं।
अब तक, भारतीय टीम ने वनडे ओपनर के तौर पर शुभमन गिल को चुना है। लेकिन श्रीलंका सीरीज़ में गिल अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए और इससे टीम में उनकी जगह पर सवाल उठने लगे हैं। क्या अब समय आ गया है कि भारत को इस बड़े टूर्नामेंट के लिए यशस्वी जायसवाल जैसे किसी खिलाड़ी के बारे में सोचना चाहिए या कम से कम टूर्नामेंट से पहले बाएं हाथ के इस खिलाड़ी को मौक़ देना चाहिए? आइए इस सवाल का जवाब विश्लेषणात्मक तरीके से खोजने की कोशिश करते हैं।
जायसवाल बनाम गिल - इरादे का सवाल
श्रीलंका में वनडे सीरीज़ के दौरान शुभमन गिल को शुरुआत करने में काफी परेशानी हुई। उनका स्ट्राइक रेट सिर्फ 61.29 रहा। तथ्य यह है कि उन्होंने किसी भी मैच में बड़ा स्कोर नहीं बनाया और स्ट्राइक रेट में भी दिक्कत आई, जिससे रोहित शर्मा पर अतिरिक्त दबाव बना और उन्हें कुछ मौक़ों पर अपना विकेट गंवाना पड़ा।
दूसरी ओर, यशस्वी जायसवाल इस मामले में ताज़गी दे सकते हैं। वह रोहित के साथ पारी की शुरुआत करते हुए शिखर धवन की भूमिका निभा सकते हैं। यह धवन ही थे जो आक्रामक की भूमिका निभाते थे और शर्मा को लंबी पारी खेलने का मौक़ा देते थे। धवन की खेलने की शैली रोहित की शैली के अनुकूल थी और इसलिए यह जोड़ी एक सफल जोड़ी बन गई। जायसवाल को भी यही भूमिका दी जा सकती है और रोहित पर दबाव थोड़ा कम किया जा सकता है।
जायसवाल बनाम गिल - भारतीय योजना के लिए उपयुक्तता
भारतीय क्रिकेट में गौतम गंभीर का दौर अभी शुरू ही हुआ है। एक बात तो साफ है कि भारतीय प्रबंधन पूरी बल्लेबाज़ी लाइन-अप में बाएं हाथ/दाएं हाथ के संयोजन को बनाए रखने पर ज़ोर दे रहा है। टीम में यशस्वी की मौजूदगी से भारत को अपनी पारी की शुरुआत से ही इस रणनीति का पालन करने में मदद मिलेगी।
जायसवाल बनाम गिल - टिकाऊ पारियों से मैच को प्रभावित करने की क़ाबिलियत
हाल के दिनों में गिल ने अच्छी शुरुआत के बाद अपना विकेट गंवाने के रवैया दिखाया है। इससे कई बार टीम की प्रगति बाधित होती है। दूसरी ओर जायसवाल ने अपने छोटे से अंतरराष्ट्रीय करियर में अपनी शुरुआत को बड़ी पारी में बदलने की शानदार क्षमता दिखाई है। इससे टीम को ज़्यादातर मामलों में मज़बूत लक्ष्य हासिल करने और विपक्ष को चुनौती देने में मदद मिलेगी।