OTD: जब हुआ बांग्लादेश में एक नए सुपरस्टार का जन्म; टूटा था 40 साल पुराना रिकॉर्ड
मोहम्मद अशरफुल [X]
मोहम्मद अशरफुल 2000 के दशक के सबसे होनहार क्रिकेटरों में से एक थे। उनके करियर की शुरुआत से ही यह साफ़ था कि उनमें बहुत प्रतिभा है और क्रिकेट विशेषज्ञों, प्रशंसकों और पंडितों ने हमेशा भविष्यवाणी की थी कि वे महान काम करेंगे। हालाँकि, उनका करियर शुरुआती दौर में जिस ऊँचाई पर पहुँचने का वादा किया गया था, वह नहीं पहुँच पाया।
भले ही अशरफुल का करियर अचानक और समय से पहले खत्म हो गया, लेकिन यह गौरव से रहित नहीं था। खिलाड़ी के करियर और बांग्लादेश क्रिकेट के सबसे शानदार पलों में से एक 8 सितंबर 2001 को आया। यह एशियाई टेस्ट चैंपियनशिप का दूसरा मैच था, और कोलंबो (SLC) में बांग्लादेश और श्रीलंका का आमना-सामना हो रहा था।
मुरली के जादू ने पहली पारी में बांग्लादेश को तहस-नहस कर दिया
बांग्लादेश की टीम अभी भी अपने शुरुआती दौर में थी और टेस्ट क्रिकेट में पैर जमाने की कोशिश कर रही थी। उस समय इस प्रारूप में उनका अनुभवहीन होना उनकी पहली पारी की बल्लेबाज़ी से साफ़ था, जहां वे सिर्फ 90 रन पर ढ़ेर हो गए थे। मुथैया मुरलीधरन ने गेंद से कमाल दिखाया और 9.3 ओवर में सिर्फ 13 रन देकर पांच विकेट चटकाए।
अटापट्टू और जयवर्धने के बड़े शतक
बांग्लादेश के मामूली स्कोर के जवाब में श्रीलंका ने अपनी पहली पारी में बड़ी और लंबी बल्लेबाज़ी की। मार्वन अटापट्टू ने पारी की शुरुआत करते हुए दोहरा शतक (259 गेंदों पर 201 रन) बनाया और एक बड़े स्कोर की नींव रखी। महेला जयवर्धने ने 150 रन बनाकर खेल में श्रीलंका की स्थिति को और मज़बूत किया। इन दो बड़े शतकों और अन्य बल्लेबाज़ों के योगदान की बदौलत श्रीलंका ने पारी घोषित करने से पहले 555/5 का विशाल स्कोर बनाया।
बांग्लादेश की टीम के आत्मविश्वास को पहले ही झटका दे चुके श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने पहली पारी की अपनी हरकतों को दोहराने की उम्मीद की होगी। उन्होंने बांग्लादेश को एक बार फिर 81/4 के स्कोर पर मैट पर ला दिया, जब एक युवा बल्लेबाज़ बल्लेबाज़ी करने आया और उसने दबाव में अविश्वसनीय लचीलापन दिखाया।
अशरफुल ने बांग्लादेश के लिए धैर्य के साथ लड़ाई लड़ी
अशरफुल ने शानदार शतक बनाया और टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम उम्र में शतक बनाने वाले बल्लेबाज़ बन गए। 212 गेंदों पर 114 रनों की उनकी पारी में 16 चौके शामिल थे और यह उस समय की सबसे कमज़ोर टीम की एकमात्र चुनौती थी। अशरफुल ने अमीनुल इस्लाम और नैमुर रहमान के साथ साझेदारी करके बांग्लादेश को दूसरी पारी में 300 का आंकड़ा पार करने में मदद की।
अशरफुल के आउट होने के बाद बांग्लादेश ने सिर्फ़ 20 रन पर चार विकेट खो दिए, जो उनकी पारी की अहमियत को दर्शाता है। वे अपनी दूसरी पारी में 328 रन बनाने में सफल रहे, लेकिन पारी और 137 रन से मैच हार गए।
भले ही यह बांग्लादेश के लिए एक बड़ी हार थी, लेकिन यह मैच मोहम्मद अशरफुल के चरित्र और दृढ़ता के लिए याद किया जाएगा। उनके प्रदर्शन ने क्रिकेट जगत को यह बता दिया कि बांग्लादेश में भविष्य में खेल की बेहतर टीमों में से एक बनने की प्रतिभा और क्षमता है, जिसने क्रिकेट प्रेमियों और प्रशंसकों में उम्मीद की भावना जगाई।
सबसे युवा टेस्ट शतकवीर
यहां क्रिकेट के शीर्ष तीन सबसे युवा टेस्ट शतकवीरों पर एक नजर डाली गई है।
खिलाड़ी | उम्र | बनाम | साल |
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मोहम्मद अशरफुल | 17 वर्ष 61 दिन | श्रीलंका | 2001 |
मुश्ताक मोहम्मद | 17 वर्ष 78 दिन | भारत | 1961 |
सचिन तेंडुलकर | 17 वर्ष 107 दिन | इंगलैंड | 1990 |
मोहम्मद अशरफुल ने 17 साल और 61 दिन की उम्र में यह शतक बनाया। उन्होंने मुश्ताक़ मोहम्मद का 40 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा। पाकिस्तानी बल्लेबाज़ ने अपना पहला टेस्ट शतक 17 साल और 78 दिन की उम्र में 1961 में भारत के ख़िलाफ़ बनाया था।