जब गुस्सा होकर दौरे के बीच से श्रीसंत को वापस भारत भेजना चाहते थे धोनी; अश्विन ने किया याद  


अश्विन ने धोनी और श्रीसंत से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा साझा किया [x.com] अश्विन ने धोनी और श्रीसंत से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा साझा किया [x.com]

रविचंद्रन अश्विन की आत्मकथा, "आई हैव द स्ट्रीट्स - ए कुट्टी क्रिकेट स्टोरी" में, भारतीय ऑफ स्पिनर ने अपनी क्रिकेट यात्रा की कुछ यादगार कहानियां साझा की हैं।

एक यादगार घटना साल 2010 में पोर्ट एलिज़ाबेथ में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ मैच के दौरान महेंद्र सिंह धोनी, एस श्रीसंत और खुद अश्विन से जुड़ी है।

अश्विन याद करते हैं कि कैसे मैच के दौरान धोनी ने उन्हें टीम मैनेजर रंजीब बिस्वाल से श्रीसंत को वापस भारत भेजने के लिए कहने को कहा था। श्रीसंत कप्तान के कहने के बाद भी बाकी रिज़र्व खिलाड़ियों के साथ डगआउट में नहीं बैठ रहे थे। इसके बजाय वो ड्रेसिंग रूम में मसाज करवाने का विकल्प चुन रहे थे।


धोनी की हताशा और श्रीसंत की अनिच्छा

"मैं पानी लाता हूँ। एमएस पीता है। दो ओवर बाद, मैं और लाता हूँ। वह और पीता है। फिर से। एमएस के लिए मैंने किसी और से ज़्यादा पानी लाने का काम किया है। जब मैं ड्रिंक ब्रेक के लिए जाता हूँ, तो एमएस पूछता है, 'श्री कहाँ है?'" अश्विन बताते हैं।

धोनी के शांत और कड़े व्यवहार से रवि अश्विन को कप्तान के इरादों पर संदेह हुआ। कप्तान ने श्रीसंत के ठिकाने का पता लगाने पर ज़ोर दिया और अश्विन से संदेश पहुंचाने को कहा।

"मैंने उनसे कहा कि श्री ऊपर ड्रेसिंग रूम में हैं। उन्होंने मुझसे कहा कि मैं श्री से कहूं कि उन्हें नीचे आकर बाकी रिज़र्व खिलाड़ियों के साथ बैठना होगा।"

अश्विन की कोशिशों के बावजूद श्रीसंत ये बात मानने को तैयार नहीं थे। अश्विन याद करते हैं, "श्री ने कहा, 'ठीक है, तुम जाओ। मैं आऊंगा।'"

अपने ड्रिंक ड्यूटी पर लौटते हुए अश्विन को धोनी की बढ़ती हताशा का अहसास हुआ।

"इस बार मुझे महसूस हो रहा है कि एमएस गुस्से में हैं, और मैंने उन्हें कभी अपना आपा खोते नहीं देखा। 'श्री कहाँ है? वह क्या कर रहा है?' एमएस ने सख़्ती से पूछा।"

जब धोनी को पता चला कि श्रीसंत मसाज करवा रहे हैं, तो उन्होंने अश्विन को कहा कि वे बिस्वाल से श्रीसंत की भारत वापसी की फ्लाइट बुक करने को कहें । "एमएस ने कहा, 'क्या हुआ? अब तुम्हें अंग्रेज़ी भी समझ में नहीं आती?'"

अश्विन ने उस हास्यपूर्ण लेकिन तनावपूर्ण क्षण का खुलासा करते हुए कहा, "श्री जल्दी से उठता है और कपड़े पहनता है। इतना ही नहीं, अब वह ड्रिंक्स का काम भी संभालता है।"

श्रीसंत की त्वरित प्रतिक्रिया से धोनी के शब्दों का प्रभाव पता चला।

यह कहानी भारतीय क्रिकेट टीम के भीतर की अनोखी गतिशीलता को दिखलाते हुए धोनी की नेतृत्व शैली पर प्रकाश डालती है। अश्विन की आत्मकथा ऐसे किस्सों से भरी हुई है, जो उनकी आत्मकथा को क्रिकेट प्रशंसकों के लिए एक दिलचस्प किताब बनाती है।

पेंगुइन रैंडम हाउस की ओर से प्रकाशित और वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ मोंगा द्वारा सह-लिखित 184 पन्नों की इस किताब में अश्विन के शुरुआती सालों से लेकर साल 2011 में भारत की विश्व कप जीत तक की यात्रा को शामिल किया गया है।


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