वो 3 चीज़ें...जिन्हें भारत के ख़िलाफ़ पहली पारी में हसन महमूद ने सही तरीके से किया
हसन महमूद ने IND vs BAN पहले टेस्ट में पांच विकेट लिए (X)
हसन महमूद ने चेपॉक में भारत के ख़िलाफ़ पहले टेस्ट में सनसनीखेज़ पांच विकेट लेकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। भारत में यह ख़ास रिकॉर्ड हासिल करने वाले हसन पहले बांग्लादेशी गेंदबाज़ बन गए हैं। युवा तेज़ गेंदबाज़ भारत के लिए कांटा साबित हुए, ख़ासकर शुरुआत में जब उन्होंने 34/3 के स्कोर पर भारत को मुश्किल में डाल दिया था, और बाद में भी जब उन्होंने मेज़बान टीम को 376 रनों पर रोक दिया।
हालांकि भारत रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन के बीच रिकॉर्ड साझेदारी की बदौलत वापसी करने में सफल रहा, लेकिन हसन का प्रयास सबसे शानदार रहा।
आइये हसन महमूद की ओर से अपनी पहली पारी में की गई तीन अच्छी चीज़ों पर नज़र डालें।
1. नई गेंद का शानदार इस्तेमाल
हसन ने शुरू से ही नई गेंद को अपने इशारों पर नचाया। उनके शानदार नियंत्रण और गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराने की क्षमता ने भारत के शीर्ष क्रम को चकनाचूर कर दिया।
खेल के पहले 45 मिनट में ही उन्होंने रोहित शर्मा, शुभमन गिल और विराट कोहली को पवेलियन भेज दिया। यह सिर्फ़ उनकी गति ही नहीं बल्कि सीम से मूवमेंट भी थी जो भारत की इस हालत की ज़िम्मेदार बनी।
महमूद की लाइन लगातार चुस्त थी, जिससे भारतीय बल्लेबाज़ों को ऐसी गेंदों पर खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा जिन्हें वे छोड़ना चाहते थे। ख़ास गलियारे में गेंद को पिच करने की उनकी क्षमता ने बल्लेबाज़ों को सकते में डाल दिया कि गेंद को खेलना है या छोड़ना है।
2. विविधताओं और रिवर्स स्विंग का शानदार उपयोग
जब गेंद की चमक ख़त्म हो गई और चेपक की पिच सपाट हो गई, तो महमूद ने अपनी लय बदली और रिवर्स स्विंग के साथ हल्की विविधताओं का इस्तेमाल करते हुए भारतीय मध्यक्रम को क़ाबू में रखा।
जब बांग्लादेश ने भारत को 144/6 के स्कोर पर झकझोर दिया था, तब अश्विन और जडेजा ने पारी को संभालना शुरू किया, लेकिन महमूद ने पुरानी गेंद का चतुराई से इस्तेमाल जारी रखा।
लंच के ठीक बाद ऋषभ पंत का विकेट, जो लंबाई में बदलाव के कारण हुआ भारत की शुरुआती बढ़त को तोड़ने में महत्वपूर्ण था। महमूद ने धीमी गेंदों से बल्लेबाज़ों की परीक्षा भी ली, और गेंद को रिवर्स करने की उनकी क्षमता ने पक्का किया कि भारत की वापसी उतनी आसान नहीं रहे जितनी उन्हें उम्मीद थी।
पुरानी गेंद से उनके लगातार दबाव के कारण अश्विन और जडेजा की साझेदारी के बाद भारत की पारी जल्द ही समाप्त हो गई।
3. लाइन-लेंग्थ में कमाल का अनुशासन
महमूद के भारतीय डिफ़ेंस को बार-बार भेदने का एक मुख्य कारण उनका अनुशासन था। उन्होंने बहुत ही सटीक गेंदबाज़ी की और बल्लेबाज़ों को एक पल की भी राहत नहीं दी।
यहां तक कि जब ,जडेजा और अश्विन के बीच साझेदारी फल-फूल रही थी तब भी हसन अपनी लय में थे, लगातार स्टंप पर आक्रमण कर रहे थे और सटीक तरीके से विकेटों पर गेंद कर रहे थे।
उनके मज़बूत इरादे और एक इंच भी हार न मानने के रवैये ने उन्हें भारतीय बल्लेबाज़ों के लिए एक बुरा सपना बना दिया। चेन्नई की गरम परिस्थितियों में, उनकी सहनशक्ति और एकाग्रता भी उतनी ही सराहनीय थी।
यह तथ्य कि भारत के वापसी करने के बावजूद वह पांच विकेट लेने में सफल रहे, उनके चरित्र और अनुशासन को दर्शाता है।