भारत का टॉप ऑर्डर संघर्ष...पिछले 5 सालों में टेस्ट क्रिकेट में कोई भी बल्लेबाज़ 50 से ज़्यादा का औसत नहीं बना पाया
विराट कोहली और शुभमन गिल [X]
चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में भारत बनाम बांग्लादेश के पहले टेस्ट के पहले सत्र में भारतीय शीर्ष क्रम को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। बांग्लादेश ने टॉस जीतकर घरेलू टीम को बल्लेबाज़ी के लिए उतारा, लेकिन भारतीय बल्लेबाज़ों को शुरुआत से ही संघर्ष करना पड़ा।
बांग्लादेश की ओर से हसन महमूद मुख्य गेंदबाज़ के रूप में सामने आए। उन्होंने पहले तीन विकेट चटकाए और 10वें ओवर तक भारत का स्कोर 34/3 पर पहुंचा दिया। बांग्लादेश ने दिन के लगभग आधे समय तक भारत को मैदान पर ही रखा। रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा की जुझारू पारियों ने संयोगवश भारत को शर्मनाक प्रदर्शन से बचा लिया।
हाल के दिनों में भारत के लिए यह कोई एक घटना नहीं रही है। हमने शायद टेस्ट क्रिकेट में भारतीय शीर्ष क्रम को कई बार सस्ते में गिरते हुए देखा है। तथ्य यह है कि भारत अभी भी इस प्रारूप में एक ताकत बना हुआ है, जिसका श्रेय मध्य और निचले क्रम के बल्लेबाज़ों के लचीलेपन और एक बहुत ही प्रभावी गेंदबाज़ी आक्रमण को दिया जा सकता है।
आंकड़े क्या कहते हैं? क्या पिछले कुछ सालों में भारतीय शीर्ष क्रम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है?
रोहित शर्मा: भारत के शीर्ष क्रम में एकमात्र सितारा
खिलाड़ी | मैच | पारी | रन | औसत |
---|---|---|---|---|
रोहित शर्मा | 33 | 55 | 2,558 | 49.19 |
ऋषभ पंत | 26 | 43 | 1,773 | 45.46 |
रवींद्र जडेजा | 33 | 47 | 1,718 | 44.05 |
मयंक अग्रवाल | 20 | 34 | 1,370 | 40.29 |
विराट कोहली | 38 | 62 | 2,264 | 38.37 |
शुभमन गिल | 26 | 47 | 1,492 | 34.69 |
अजिंक्य रहाणे | 30 | 50 | 1,607 | 34.19 |
चेतेश्वर पुजारा | 36 | 63 | 1,962 | 32.70 |
केएल राहुल | 18 | 32 | 983 | 30.71 |
रविचंद्रन अश्विन | 36 | 49 | 1,050 | 23.33 |
तालिका - टेस्ट क्रिकेट में औसत के मामले में शीर्ष 10 भारतीय बल्लेबाज़ [न्यूनतम 15 मैच]
इस तालिका में पहली और सबसे चिंताजनक बात यह है कि पिछले पांच सालों में किसी भी भारतीय बल्लेबाज़ का टेस्ट क्रिकेट में औसत 50 से अधिक नहीं रहा है।
दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बल्लेबाज़ी क्रम में शीर्ष चार में से रोहित शर्मा एकमात्र बल्लेबाज़ हैं जो सूची में शीर्ष तीन में शामिल हैं (जब औसत माना जाता है)।
इस सूची में शीर्ष 10 में शामिल मयंक अग्रवाल, अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा जैसे खिलाड़ी अब भारतीय मुख्य योजना का हिस्सा नहीं हैं।
भविष्य की सफलता के लिए भारत के शीर्ष क्रम की समस्याओं का समाधान
ये आँकड़े भारतीय शीर्ष क्रम की कुछ चिंताजनक समस्याओं की ओर इशारा करते हैं। तथ्य यह है कि शीर्ष तीन या चार बल्लेबाज़ अक्सर शीर्ष-गुणवत्ता वाले प्रदर्शन को दिखाने में नाकाम रहते हैं, शायद यही मुख्य कारण है कि दो बार WTC के फाइनल में जगह बनाने के बावजूद भारत अब तक इसे नहीं जीत पाया है।
हालांकि एक बड़ी सकारात्मक बात यह है कि भारतीय बल्लेबाज़ी की असली ताकत मध्य क्रम में है, लेकिन भारत को अपने शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ों को और अधिक लगातार आगे बढ़ाने की ज़रूरत है। गौतम गंभीर के मुख्य कोच बनने के साथ ही भारतीय क्रिकेट का एक नया युग शुरू हो गया है। अगर भारत आने वाले दशक में क्रिकेट परिदृश्य पर हावी होने वाली टीम बनना चाहता है, तो उसे अपने शीर्ष क्रम की समस्याओं को जल्द से जल्द सुलझाना होगा।