भारत की वाइट-बॉल योजनाओं से बाहर होते नज़र आ रहे हैं ऑल 'फ़ॉर्मैट स्टार' यशस्वी जयसवाल
यशस्वी जयसवाल [Source: @katil_patil_445/X.com]
कभी सभी प्रारूपों के क्रिकेट में चमकते सितारे रहे यशस्वी जयसवाल अब भारतीय सीमित ओवरों की टीम से बाहर हो गए हैं। राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने का सपना देखने वाले 23 वर्षीय इस खिलाड़ी ने 2023 में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच में पदार्पण किया था और उसी साल अगस्त में T20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। लेकिन, उन्हें राष्ट्रीय टीम में जगह कैसे मिली?
यशस्वी जयसवाल का धमाकेदार आगमन
यशस्वी जयसवाल के लिए IPL की कहानी यादगार रही। उन्होंने पहली बार 2020 में राजस्थान रॉयल्स के लिए खेला था, जहाँ उन्हें ज़्यादातर सीज़न बेंच पर बैठना पड़ा और उन्होंने अपने 3 मैचों में सिर्फ़ 40 रन बनाए। उनका सबसे सफल सीज़न IPL 2023 रहा, जहाँ उन्होंने 14 मैचों में 48.08 की शानदार औसत से 625 रन बनाए। पाँच अर्धशतक और एक शतक!
तभी जयसवाल भारतीय थिंक टैंक की नज़र में आए। भारतीय टीम के तत्कालीन कोच राहुल द्रविड़ ने जयसवाल की क्षमताओं पर भरोसा जताया। एक छोटे से पानी-पूरी वाले का बेटा वेस्टइंडीज़ दौरे पर देश के लिए खेलने और अपने सपनों को जीने आया।
बल्ले से योग्यता का प्रमाण, लेकिन बहरे कानों में
जयसवाल ने पहले टेस्ट में 171 रनों की विशाल पारी खेली और इसके बाद हुई T20 सीरीज़ में भी अपनी तकनीक से प्रभावित किया, जहाँ उन्होंने 51 गेंदों में 84 रनों की शानदार पारी खेली। इसके बाद भारत बनाम आयरलैंड T20 सीरीज़, 50.00 की औसत से एशियाई पुरुष टी20 2023, SMT T20, ऑस्ट्रेलिया दौरा और कई अन्य मैच खेले। 23 मैचों में 36.15 की औसत से रन बनाने की निरंतरता, अभिषेक शर्मा के वर्तमान प्रदर्शन के समान है - 24 T20 मैचों में 36.91 की औसत।
जयसवाल की तकनीक मज़बूत है। वह शीर्ष क्रम में एक अर्ध-आक्रामक बल्लेबाज़ हैं जो संतुलन बनाना जानते हैं, न कि अब स्टार बन चुके अभिषेक शर्मा की तरह कोई धाकड़ बल्लेबाज़। जयसवाल का फुटवर्क, कवर लॉफ्ट के ऊपर से सटीक समय पर लगाए गए शॉट और मैदान का 360 डिग्री कवरेज उन्हें शीर्ष क्रम में एक समझदार विकल्प बनाता है, क्योंकि सलामी बल्लेबाज़ के रूप में उनके बाएँ हाथ के बल्लेबाज़ी कौशल को देखते हुए। फिर भी, 2025 तक इस राजस्थान रॉयल्स स्टार पर किसी की नज़र नहीं है।
निकट भविष्य में जयसवाल के लिए कोई जगह नहीं?
जयसवाल अब एक मुश्किल दौर से गुज़र रहे हैं क्योंकि सफ़ेद गेंद वाले क्रिकेट में उनके दिन अब गिने-चुने रह गए हैं। शुभमन गिल, अभिषेक शर्मा, स्काई, तिलक और संजू सैमसन जैसे नामों के साथ भारत को अपनी बेहतरीन T20 और वनडे टीम मिल गई है, इसलिए टीम में उनकी जगह लगभग तय है। जयसवाल पहले भी सलामी बल्लेबाज़ थे और अब भी हैं, और अब उन्हें सिर्फ़ लाल गेंद वाले क्रिकेट में अपनी भूख मिटाने के लिए ही बचा है।
एक क्रिकेटर को खराब प्रदर्शन करने पर टीम से बाहर कर दिया जाता है। लेकिन क्या 2023 में 33.08 का T20I औसत और 2024 में 41.86 का औसत आपको बुरा लगता है? किसी को भी बुरा नहीं लगता। यह एक सुधार है। फिर भी, इस प्रगति के बावजूद, यशस्वी जयसवाल को भारतीय चयनकर्ताओं की ओर से एक खामोश उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है, जो उन्हें एक ऑल-फॉर्मेट स्टार के रूप में समर्थन देने से हिचकिचाते दिख रहे हैं।