"शमी कहाँ है?" दक्षिण अफ़्रीका वनडे सीरीज़ के लिए भारतीय टीम चयन पर हरभजन ने खड़े किये सवाल
भज्जी ने शमी को बाहर करने पर सवाल उठाए [स्रोत: @chixxsays, @Vipintiwari952/X.com]
दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ भारत को दिल तोड़ने वाली हार का सामना करना पड़ा, जब प्रोटियाज़ ने 359 रनों के ऐतिहासिक लक्ष्य का पीछा करते हुए वनडे सीरीज़ 1-1 से बराबरी पर ला दी। इस हार से प्रशंसक हैरान रह गए, जिसे लेकर पूर्व भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने भी अपना गुस्सा नहीं छिपाया।
उन्होंने टीम प्रबंधन के फैसलों पर खुलकर सवाल उठाए, ख़ासकर सीनियर तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी की टीम में ग़ैर मौजूदगी पर।
हरभजन ने शमी की अनदेखी के लिए प्रबंधन पर निशाना साधा
मैच के बाद, हरभजन सिंह ने मोहम्मद शमी के बारे में पूछा। उनके अनुसार, जसप्रीत बुमराह और शमी के बिना भारत का गेंदबाजी आक्रमण बिल्कुल अलग और कमज़ोर लग रहा था।
हरभजन ने अपने यूट्यूब वीडियो में कहा, "शमी कहां हैं? मुझे नहीं पता कि शमी क्यों नहीं खेल रहे हैं। मैं समझता हूं, आपके पास प्रसिद्ध हैं, वह एक अच्छे गेंदबाज़ हैं, लेकिन उन्हें अभी भी बहुत कुछ सीखना है। आपके पास अच्छे गेंदबाज़ थे, और आपने उन्हें धीरे-धीरे दरकिनार कर दिया। बुमराह के साथ, यह एक अलग गेंदबाजी आक्रमण है, और बुमराह के बिना, यह पूरी तरह से अलग आक्रमण है। हमें जसप्रीत बुमराह के बिना मैच जीतने की कला सीखनी होगी। "
हरभजन ने बताया कि प्रसिद्ध कृष्णा और हर्षित राणा जैसे युवा गेंदबाज़ों में प्रतिभा है, लेकिन उन्हें अभी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत कुछ सीखना है।
अपने दौर के दिग्गज ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ का मानना है कि ऐसे उच्च दबाव वाले मैचों में अनुभवी मैच विजेताओं की ज़रूरत होती है।
उन्होंने आगे कहा, "इंग्लैंड में बुमराह के बिना भी सिराज अविश्वसनीय और शानदार थे। भारत ने वे सभी टेस्ट जीते जिनमें बुमराह नहीं खेले। लेकिन छोटे प्रारूपों में हमें ऐसे खिलाड़ी ढूंढने होंगे जो आपको मैच जिता सकें, चाहे वह तेज़ गेंदबाज़ी हो या स्पिन। ऐसे स्पिनर ढूंढो जो आकर विकेट ले सकें। कुलदीप तो हैं, लेकिन बाकियों का क्या?"
भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए दमदार प्रदर्शन किया था । विराट कोहली ने 93 गेंदों पर 102 रन बनाए, जबकि रुतुराज गायकवाड़ ने सिर्फ 83 गेंदों पर 105 रन बनाए।
बाद में खेल में केएल राहुल और रवींद्र जडेजा ने तेज़ी से रन जोड़े और भारत कुल 358 रन तक पहुंच गया।
लेकिन दक्षिण अफ़्रीका की योजना कुछ और ही थी। टेम्बा बावुमा और एडेन मारक्रम के बीच एक मज़बूत साझेदारी हुई। मारक्रम ने कप्तानी पारी खेलते हुए 110 रन बनाए। मैथ्यू ब्रीट्ज़के और डेवाल्ड ब्रेविस के सहयोग ने दक्षिण अफ़्रीका को जीत के और क़रीब पहुँचा दिया।
भारतीय गेंदबाज़ों को संघर्ष करना पड़ा
दूसरी ओर, भारतीय गेंदबाज़ों को भी काफ़ी संघर्ष करना पड़ा। भारी ओस के कारण गेंद पर पकड़ बनाना मुश्किल हो गया और गेंदबाज़ सही लाइन और लेंथ बनाए रखने में भी नाकाम रहे।
प्रसिद्ध कृष्णा का दिन ख़ासा खराब रहा, उन्होंने सिर्फ़ 8.2 ओवर में 82 रन दे दिए । हर्षित राणा भी काफ़ी महंगे रहे। सिर्फ़ अर्शदीप सिंह ही कुछ प्रभाव छोड़ पाए।
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