'पाकिस्तान में कोई टेस्ट गेंदबाज़ नहीं है': रावलपिंडी में खराब प्रदर्शन के बाद शाहीन एंड कंपनी की आलोचना में बोले राशिद लतीफ़
पाकिस्तान टीम बनाम बांग्लादेश [X]
दो मैचों की सीरीज़ के पहले टेस्ट में बांग्लादेश के हाथों पाकिस्तान की चौंकाने वाली हार के बाद, पूर्व पाक विकेटकीपर राशिद लतीफ़ ने देश की घटती तेज़ गेंदबाज़ी क्षमता पर गहरी चिंता ज़ाहिर की।
बांग्लादेश की ऐतिहासिक जीत में पाकिस्तान की अपने प्रतिद्वंद्वी की तीव्रता का मुक़ाबला करने में साफ़ तौर पर असमर्थता भी शामिल थी। खास कर गेंदबाज़ी विभाग में, जो कभी उनकी क्रिकेट पहचान का आधार हुआ करता था।
अपने बेबाक बयानों के लिए मशहूर लतीफ़ ने कहा कि पाकिस्तान का कभी खतरनाक रहा तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण अब अपने पुराने वजूद की छाया मात्र रह गया है।
टेस्ट मैच के लिए कोई गेंदबाज़ नहीं है: राशिद लतीफ़
तेज़ी में गिरावट, जो गेंदबाज़ कभी 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाज़ी करते थे, अब 130 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, पूर्व क्रिकेटर के लिए खास तौर से एक पीड़ादायक बिंदु था।
लतीफ़ ने कहा , "हमारे तेज़ गेंदबाज़ केवल सफेद गेंद वाले क्रिकेट में ही प्रभावी हैं। पाकिस्तान में टेस्ट मैच के लिए कोई गेंदबाज़ नहीं बचा है। वे टेस्ट मैच में 30 ओवर नहीं फेंक सकते। इस तरह की गेंदबाज़ी के साथ टेस्ट क्रिकेट खेलना संभव नहीं है।"
राशिद ने टीम के सहयोगी स्टाफ़ की भी आलोचना की और सवाल उठाया कि पाकिस्तानी गेंदबाज़ चोटों के बाद अपनी गति हासिल करने में असमर्थ क्यों हैं, जबकि जोफ्रा आर्चर और जसप्रीत बुमराह जैसे अंतरराष्ट्रीय गेंदबाज़ ऐसा नहीं करते।
"हमारे प्रशिक्षक और फिजियो इसके लिए जिम्मेदार हैं। अगर आप जोफ्रा आर्चर को देखें, तो वह दो साल के अंतराल के बाद वापस आए हैं, लेकिन उनकी गति में कोई कमी नहीं आई है। जसप्रीत बुमराह के साथ भी ऐसा ही है - वह ऑपरेशन से वापस आए हैं और उसी वेग से गेंदबाजी करते हैं। पैट कमिंस... वह चोट के कारण लंबे समय तक क्रिकेट से बाहर रहे।"
लतीफ़ की टिप्पणी पाकिस्तान क्रिकेट की स्थिति, खासकर उसके तेज़ गेंदबाज़ों की विरासत को बनाए रखने के संबंध में व्यापक चिंता को दिखलाती है।
पाकिस्तान अब 7 अक्टूबर से घरेलू मैदान पर तीन मैचों की टेस्ट सीरीज़ के लिए इंग्लैंड से भिड़ेगा।