'हॉकी में जूनियर लड़कियों का स्कोर 17-18 होता है': भारतीय हॉकी स्टार ने कोहली के यो-यो टेस्ट स्कोर का उड़ाया मज़ाक


हार्दिक सिंह ने हॉकी खिलाड़ियों और क्रिकेटरों के यो-यो टेस्ट स्कोर की तुलना की (ICC) हार्दिक सिंह ने हॉकी खिलाड़ियों और क्रिकेटरों के यो-यो टेस्ट स्कोर की तुलना की (ICC)

भारतीय हॉकी मिडफील्डर हार्दिक सिंह ने एक ऐसा खुलासा किया है जो निश्चित रूप से भारतीय खेलों में हलचल मचा देगा। उन्होंने दावा किया है कि उनके साथी खिलाड़ी नियमित रूप से देश के क्रिकेट सुपरस्टार्स की तुलना में यो-यो टेस्ट स्कोर में कहीं अधिक अंक प्राप्त करते हैं। हार्दिक के इस बयान ने पिछले कुछ समय से चल रही बहस को और भी तीखा कर दिया है।

भारतीय खेलों में फिटनेस का पर्याय बन चुका यो-यो टेस्ट, धीरज और गति का माप है। यह टेस्ट तब चर्चा में आया जब बीसीसीआई ने इसे राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में चयन के लिए अनिवार्य कर दिया।

क्रिकेट में फिटनेस और अनुशासन के प्रतीक विराट कोहली को अक्सर भारतीय क्रिकेट में सबसे फिट एथलीट के रूप में सराहा जाता है, उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 17.2 दर्ज किया गया है। हालांकि, हार्दिक के चौंकाने वाले खुलासे से एक अलग ही तस्वीर उभर कर सामने आती है।

"हॉकी खिलाड़ियों ने ऊंचा मानक स्थापित किया"

हाल ही में एक पॉडकास्ट में हार्दिक सिंह ने राज खोलते हुए बताया कि उनके हॉकी टीम के साथी, जिनमें अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश भी शामिल हैं, नियमित रूप से 20 के आसपास स्कोर करते हैं, और कुछ ने तो 23.8 का अधिकतम स्कोर भी बनाया है।

हार्दिक ने चुटकी लेते हुए कहा, "क्रिकेट में अगर कोई यो-यो टेस्ट में 19 या 20 अंक हासिल करता है, तो लोग उसे सबसे फिट कहते हैं। लेकिन श्रीजेश 21 अंक हासिल करता है।"

उन्होंने यह भी कहा कि हॉकी में जूनियर लड़कियों का स्कोर 17-18 है, जिस श्रेणी में विराट कोहली खुद आते हैं, जिससे कई प्रशंसकों और खेल प्रेमियों में अविश्वास पैदा हो गया है।

यो-यो टेस्ट में खिलाड़ियों को दो कोन के बीच बार-बार दौड़ना होता है, जिसमें हर सेट के बाद तीव्रता बढ़ती जाती है। वैसे तो यह कई खेलों में एक आम पैमाना रहा है, लेकिन हार्दिक की टिप्पणियों से संकेत मिलता है कि क्रिकेट के फिटनेस मानक हॉकी के मुक़ाबले कमतर हो सकते हैं।

कोहली की विरासत पर सवाल?

विराट कोहली की फिटनेस के प्रति लगन उनकी क्रिकेट सफलता का एक महत्वपूर्ण पहलू रही है। वास्तव में, उनकी कप्तानी में, फिटनेस टीम इंडिया के लिए एक ज़रूरी मानदंड बन गई, जिसमें यो-यो टेस्ट खिलाड़ियों की शारीरिक प्रतिभा का अंतिम परीक्षण बन गया।

भारतीय क्रिकेट के प्रशंसकों के लिए कोहली का 17.2 का स्कोर लंबे समय से अच्छे मानक के रूप में स्वीकार किया जाता रहा है। लेकिन हार्दिक सिंह के खुलासे ने इस पर सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या क्रिकेट के फिटनेस मानक पिछड़ रहे हैं?

युगों तक चलने वाली बहस

हार्दिक के बयानों ने हलचल मचा दी है, और यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है। आखिरकार, फिटनेस को लंबे समय से विराट की विकेटों के बीच गज़ब की तरह दौड़ने, इलेक्ट्रिक फील्डिंग से खेल को पलटने और सालों से निरंतरता बनाए रखने की क्षमता के पीछे एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में बताया जाता रहा है। लेकिन जैसा कि हार्दिक सिंह सुझाव देते हैं, क्रिकेट में फिटनेस का मतलब सिर्फ दिखने से कहीं ज़्यादा हो सकता है।

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