दिवंगत कोच बॉब वूल्मर को याद कर युनिस ख़ान ने कही पाकिस्तान क्रिकेट के लिए बड़ी बात
यूनिस खान का दिवंगत बॉब वूल्मर के साथ घनिष्ठ संबंध था (x.com)
पाकिस्तान के सर्वाधिक टेस्ट रन बनाने वाले खिलाड़ी और पूर्व कप्तान यूनिस ख़ान ने कहा है कि अगर राष्ट्रीय टीम के दिवंगत मुख्य कोच बॉब वूल्मर जीवित होते तो देश का क्रिकेट अच्छी ऊंचाइयों पर पहुंच गया होता।
वूल्मर, पाकिस्तान की आयरलैंड से हार और 2007 क्रिकेट विश्व कप से बाहर होने के कुछ घंटों बाद जमैका में अपने होटल के कमरे में मृत पाए गए थे।
यूनुस ने कहा, "मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि अगर वूल्मर मुख्य कोच बने रहते तो आज पाकिस्तान क्रिकेट बहुत अलग होता और वह इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाते।"
साल 2007 में टीम के सदस्य रहे यूनिस ने इशारों-इशारों में इस बात पर भी निराशा ज़ाहिर की कि वूल्मर की मौत के बाद जांच के दौरान खिलाड़ियों को अधिकारियों से ठीक ठाक सहयोग नहीं मिला।
"मैं बॉब (वूलमर) के बहुत करीब था और मैच या नेट के बाद साथ बैठकर क्रिकेट पर चर्चा करना हमारी दिनचर्या थी। दुर्भाग्य से जिस रात उनका निधन हुआ, हम साथ नहीं बैठ सके, क्योंकि हम आयरलैंड से हार गए थे।"
यूनिस ने एक पाकिस्तानी टीवी चैनल पर कहा, "मैं भी शून्य पर आउट हो गया था और खुद से बहुत परेशान था। इसलिए, मैं अपने कमरे में चला गया और खुद को अंदर से बंद कर लिया। अगले दिन, मैंने उसे नाश्ते पर नहीं देखा और बाद में हमें उसकी मौत के बारे में पता चला।"
यूनिस ने कहा कि वूल्मर की मौत और वेस्टइंडीज़ में खिलाड़ियों को जिस तनाव से गुज़रना पड़ा, उसने लंबे समय तक पाकिस्तान की कप्तानी करने के बारे में उनका मन बदल दिया।
बाद में वूल्मर की मौत को प्राकृतिक कारणों से हुई माना गया, क्योंकि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और सरकार ने जमैका पुलिस के साथ मिलकर काम करने के लिए अपने सुरक्षा अधिकारियों को कैरेबियाई क्षेत्र में भेजा था।
पूर्व पाक कप्तान ने आगे कहा कि वूल्मर ने उन्हें विश्व कप के बाद सभी प्रारूपों में लंबे समय तक पाकिस्तान की कप्तानी करने के लिए मानसिक रूप से तैयार किया है।
"विश्व कप में जो कुछ हुआ, उसके बाद मैंने अपना मन बदल लिया और मैं अनिच्छुक कप्तान बन गया तथा मेरे मन में लंबे समय तक कप्तान बने रहने का कोई विचार नहीं था।"
यूनिस ने कहा कि वूल्मर की मौत के बाद खिलाड़ियों को दूसरे द्वीप पर ले जाया गया, जहां स्थानीय पुलिस ने उनसे तीन दिनों तक पूछताछ की।
उन्होंने कहा, "वहां हमारे लिए यह यातना जैसा था। मैं पूरी तरह समझता हूं कि एक खिलाड़ी को अपने देश के राजदूत के रूप में क्या जिम्मेदारियां निभानी होती हैं, लेकिन होना इसके विपरीत होना चाहिए... अधिकारियों को भी हमारा ध्यान रखना चाहिए।"