वैभव सूर्यवंशी को लेकर पूर्व भारतीय कोच ने दी BCCI को अहम सलाह, कांबली-पृथ्वी शॉ का दिया उदाहरण
आईपीएल में वैभव सूर्यवंशी (स्रोत:@praneeshroyce,x.com)
महज़ 14 साल की उम्र में वैभव सूर्यवंशी ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में तूफान ला दिया है और 35 गेंदों पर शतक बनाकर अपना नाम क्रिकेट के इतिहास में दर्ज करा लिया है। यह टूर्नामेंट के इतिहास का दूसरा सबसे तेज़ शतक है।
लेकिन अपनी इस प्रगति के बीच, पूर्व भारतीय कोच ग्रेग चैपल ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को एक चेतावनी जारी की है।
सूर्यवंशी पर ग्रेग चैपल की ख़ास सलाह
ईएसपीएन क्रिकइन्फो के लिए अपने नवीनतम कॉलम में चैपल ने भारत के तीन सबसे चर्चित सितारों - तेंदुलकर, कांबली और शॉ - की अलग-अलग यात्राओं को याद किया।
चैपल ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो के लिए अपने कॉलम में लिखा, "सचिन तेंदुलकर ने किशोरावस्था में सिर्फ़ प्रतिभा की वजह से ही सफलता नहीं पाई, बल्कि उन्हें एक मज़बूत सपोर्ट सिस्टम मिला - एक शांत स्वभाव, एक समझदार कोच, एक परिवार जिसने उन्हें सर्कस से बचाया। दूसरी तरफ़, विनोद कांबली, जो उतने ही प्रतिभाशाली और शायद ज़्यादा तेज़तर्रार थे, उन्हें प्रसिद्धि और अनुशासन के बीच संतुलन बनाने में संघर्ष करना पड़ा। उनका पतन भी उनके उत्थान जितना ही नाटकीय था। पृथ्वी शॉ एक और चमत्कारी खिलाड़ी हैं, जो गिर गए हैं, लेकिन फिर भी शिखर पर वापस पहुँचने का रास्ता ढूँढ़ सकते हैं।"
क्रिकेट की दुनिया में युवा खिलाड़ियों का आना कोई नई बात नहीं है। सचिन तेंदुलकर 16 साल की उम्र में डेब्यू करने के बाद यक़ीनन खेल के सबसे महान बल्लेबाज़ बन गए। विनोद कांबली और शॉ जैसे अन्य खिलाड़ी ऐसे हैं जो चमके, लेकिन जल्द ही फीके पड़ गए।
चैपल ने यह भी कहा कि प्रतिभाशाली होने के बावजूद कांबली को भावनात्मक और अनुशासनात्मक समर्थन का अभाव था, जिसके कारण उनकी प्रतिष्ठा में तेज़ी से गिरावट आई।
पृथ्वी शॉ का नाटकीय सफ़र
पृथ्वी शॉ, जिन्होंने 2018 में भारत को अंडर-19 विश्व कप ख़िताब दिलाया और बड़ी उम्मीदों के बीच सीनियर टीम के लिए पदार्पण किया, उनका करियर ऑफ-फील्ड मुद्दों, फिटनेस में चूक और ख़राब अनुशासन के कारण रुक गया है।
वैभव सूर्यवंशी को लेकर बोले चैपल
वैभव अब सुर्खियों में हैं, इसलिए असली चुनौती अब उनके करियर की दिशा तय करने की है। चैपल ने BCCI से उनके लिए एक संरचित विकास योजना सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। इस योजना में मानसिक स्वास्थ्य सहायता, मीडिया प्रशिक्षण, फिटनेस कंडीशनिंग और इतनी कम उम्र में प्रसिद्धि पाने में उनकी मदद करने के लिए मार्गदर्शन शामिल होना चाहिए।
इस साल के IPL में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी वैभव ने अपनी उम्र से कहीं ज़्यादा संयम, निडरता और शानदार स्ट्रोक्स का प्रदर्शन किया है। अपने पहले सीज़न में ही उन्होंने यह साबित करके सुर्खियाँ बटोरी हैं कि अगर सही प्लेटफ़ॉर्म दिया जाए तो प्रतिभा उम्र को मात दे सकती है।

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