सैमसन को नज़रअंदाज़ करके गिल को हद से ज़्यादा मौक़े देने पर कैफ़ ने खड़े किये सवाल
संजू सैमसन और शुबमन गिल [स्रोत: @sathish_offical/x.com]
शुभमन गिल के लिए हालात तेज़ी से बदल रहे हैं और इस बार आलोचक दबी आवाज़ में नहीं, बल्कि खुलकर अपनी राय रख रहे हैं। भारत के पूर्व बल्लेबाज़ मोहम्मद कैफ़ ने भी इस मामले में अपनी राय रखते हुए वही बात कही है जो कई प्रशंसक हफ्तों से कह रहे थे: युवा सलामी बल्लेबाज़ को आराम की ज़रूरत है।
कैफ़ ने दक्षिण अफ़्रीका के T20I मैचों में मिली असफलता के बाद गिल पर सवाल उठाए
इस सीरीज़ में जहां भारत को उम्मीद थी कि शुभमन गिल 2026 T20 विश्व कप से छह महीने पहले अपनी छाप छोड़ेंगे, वहीं दाएं हाथ का यह बल्लेबाज़ बेखबर नज़र आ रहा है। दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ पहले दो T20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में तीन गेंदों पर दो बार आउट होने से स्थिति और भी बिगड़ गई है।
ऐसे प्रारूप में जहां गति ही सर्वोपरि है और आत्मविश्वास ही मुद्रा है, गिल इन दोनों में ही कमज़ोर नज़र आ रहे हैं। कैफ़ ने अपने आकलन को सीधे-सीधे ज़ाहिर किया। अपने यूट्यूब चैनल पर उन्होंने गिल की समस्याओं का साफ़ विश्लेषण किया और बताया कि शीर्ष नेतृत्व में फेरबदल से भारत को क्यों लाभ हो सकता है।
“देखिए वो कैसे आउट हो रहे हैं, स्लिप में कैच आउट हो रहे हैं, आगे बढ़कर शॉट खेल रहे हैं और टाइमिंग सही नहीं बैठ रही, अभिषेक शर्मा की तरह आक्रामक शॉट खेलने की कोशिश कर रहे हैं और कैच आउट हो रहे हैं। उन्होंने सब कुछ आजमा लिया है। मुझे लगता है अब उन्हें आराम देने और साबित हो चुके खिलाड़ियों को मौका देने का समय आ गया है। संजू सैमसन एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं; उन्हें पर्याप्त मौके नहीं मिले हैं। दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए। उप-कप्तान भी पहले टीम से बाहर किए जा चुके हैं। अगर गिल को आराम देना और किसी और को मौका देना टीम के हित में है, तो इसमें कोई बुराई नहीं है,” कैफ ने कहा।
और वह ग़लत नहीं हैं। संजू सैमसन ने 2024 में पांच T20 पारियों में तीन शतक जड़े, जो एक सलामी बल्लेबाज़ के लिए अभूतपूर्व उपलब्धि है, फिर भी उन्हें टीम में स्थायी जगह नहीं मिल पाई है।
कैफ़ का मुद्दा सिर्फ गिल तक ही सीमित नहीं रहा। उन्होंने चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए बताया कि कैसे कुछ खिलाड़ियों को लंबे समय तक खेलने का मौक़ा मिलता है जबकि बाकी को मुश्किल से कुछ ही मैच खेलने को मिलते हैं।
“लेकिन अब ऐसा लगता है कि बदलाव का समय आ गया है। आपने जायसवाल जैसे खिलाड़ियों को टीम से बाहर कर दिया, संजू सैमसन को लगातार मौके दिए बिना बेंच पर बैठाए रखा, जबकि उन्होंने सलामी बल्लेबाज के तौर पर खूब रन बनाए। उन्होंने पांच टी20 पारियों में तीन शतक लगाए, जो इतिहास में किसी ने नहीं किया। कुछ खिलाड़ियों को बहुत कम मौके मिलते हैं, जबकि दूसरों को ज्यादा मौके दिए जाते हैं क्योंकि आप उन्हें टीम में स्थापित करना चाहते हैं। यह साफ तौर पर दिखाई देता है। लेकिन अब, मुझे लगता है कि दबाव इतना बढ़ गया है कि कहीं न कहीं बदलाव का समय आ गया है,” उन्होंने आगे कहा।
गिल के ऊपर वर्कलोड
गिल सिर्फ गेंदबाज़ों से ही नहीं जूझ रहे हैं, बल्कि ज़िम्मेदारी के बोझ से भी लड़ रहे हैं। मोहम्मद कैफ़ ने बताया कि इस युवा खिलाड़ी को बहुत कम उम्र में ही बहुत अधिक ज़िम्मेदारी सौंप दी गई है।
मैंने यह बात पहले भी कही है: शुभमन गिल को एक साथ बहुत सारी जिम्मेदारियां सौंप दी गई हैं। टेस्ट कप्तानी, वनडे कप्तानी, टी20 उप-कप्तानी - कोई भी खिलाड़ी एक साथ इतना भार नहीं उठा सकता। यह संभव ही नहीं है। जिम्मेदारियां धीरे-धीरे सौंपी जानी चाहिए।
भारत के लिए आगे क्या?
गिल साफ़ तौर से जांच के दायरे में हैं। सैमसन पहले से कहीं अधिक ज़ोर-शोर से दरवाज़े पर दस्तक दे रहे हैं। जायसवाल वेटिंग रूम में हैं। अभिषेक शर्मा पहले से ही आक्रामक रुख़ अपना रहे हैं।
भारत एक बार फिर चौराहे पर खड़ा है: क्या योजना पर क़ायम रहना है या जोखिम उठाना है?
एक बात तो साफ़ है: कैफ़ के शब्दों ने विवाद को और बढ़ा दिया है और गिल के आसपास का दबाव का माहौल हर गुज़रते मैच के साथ और भी तेज़ होता जा रहा है।
अगर भारत यह बदलाव करता है, तो यह सभी के लिए एक वरदान साबित हो सकता है। आखिरकार, कभी-कभी एक बड़े खिलाड़ी को ज़ोरदार वापसी के लिए बस एक छोटा सा ब्रेक ही काफी होता है।




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