'जीत के लिए ऐसा किया': गेंद से छेड़छाड़ की शर्मनाक घटना को लेकर खेद जताया शाहिद अफ़रीदी ने
शाहिद अफरीदी ने कुख्यात बॉल टैंपरिंग घटना को याद किया [स्रोत: @SajSadiqCricket/X.com]
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट कप्तान और बेहतरीन ऑलराउंडर शाहिद अफ़रीदी ने कराची में आर्ट्स काउंसिल में आयोजित एक उर्दू सम्मेलन में बोलते हुए अपने विवादों के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने 2010 में खेल के प्रति अनुचित तरीके अपनाने पर खेद ज़ाहिर किया, लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने ऐसा केवल अपने देश के लिए मैच जीतने के लिए किया था।
शाहिद अफ़रीदी की बॉल-टैम्परिंग की घटना उनके क्रिकेट करियर की सबसे बदनाम घटनाओं में से एक है। यह वाकया जनवरी 2010 में पर्थ के WACA स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ एकदिवसीय मैच के दौरान हुआ था। उस मैच में पाकिस्तान की कप्तानी करने वाले अफ़रीदी को गेंद को और ज़्यादा स्विंग कराने के लिए उसकी स्थिति बदलने की कोशिश करते हुए गेंद को काटते पकड़ा गया था।
अफ़रीदी ने गेंद से छेड़छाड़ की घटना पर खेद जताया
यह घटना कैमरे में कैद हो गई और इसकी तुरंत आलोचना हुई। शाहिद अफ़रीदी पर आईसीसी की आचार संहिता के तहत गेंद से छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया और इसके बाद उन पर दो मैचों का प्रतिबंध लगा दिया गया।
आर्ट्स काउंसिल में उर्दू कॉन्फ्रेंस में इसी घटना को याद करते हुए अफ़रीदी ने कहा कि उन्हें अवैध तरीकों का सहारा नहीं लेना चाहिए था। हालांकि, पूर्व ऑलराउंडर ने कहा कि प्रतिस्पर्धी दबाव और अपने देश के लिए जीतने की इच्छा के कारण निर्णय लेने में चूक हुई।
उन्होंने कहा, "मुझे गेंद से छेड़छाड़ या पिच को खराब नहीं करना चाहिए था, लेकिन उस समय मैंने जीतने के प्रयास में ऐसा किया।"
इसे अक्सर अफ़रीदी के करियर के निर्णायक लेकिन विवादास्पद पलों में से एक माना जाता है, जबकि मैदान पर उनके बेहतरीन प्रदर्शन को नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है।
अफ़रीदी ने भारत के साथ गतिरोध के बीच पाकिस्तान से अपने पैरों पर खड़ा होने का आग्रह किया
इसी कार्यक्रम में शाहिद ने मौजूदा क्रिकेट मुद्दों पर अपने विचार रखे, जिनमें से एक हाल ही में चैंपियंस ट्रॉफ़ी 2025 की मेज़बानी को लेकर पाकिस्तान-भारत विवाद था। उन्होंने भारत द्वारा पाकिस्तान में मैचों की मेज़बानी करने से इनकार करने के मामले में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के रुख़ का पुरज़ोर समर्थन किया। ऐसा करके उन्होंने एकजुट और स्वतंत्र क्रिकेट कूटनीति में विश्वास जताया।