'बाबर आज़म को अहंकार की समस्या है': पूर्व क्रिकेटर ने पूर्व पाकिस्तानी कप्तान पर साधा निशाना


बाबर आज़म [Source: @BabarAzam_152/x.com] बाबर आज़म [Source: @BabarAzam_152/x.com]

पाकिस्तान का सबसे बड़ा बल्लेबाज़ फिर से चर्चा में है और सही कारणों से नहीं। जहाँ बाबर आज़म रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं पाकिस्तान के सबसे महान बल्लेबाज़ों में से एक ज़हीर अब्बास ने उनको लेकर टिप्पणी की है।

ज़हीर अब्बास ने खराब फॉर्म के बीच मदद न मांगने पर बाबर आज़म की आलोचना की

ऐसे समय में जब बाबर आज़म का बल्ला खामोश हो गया है और सवालों का अंबार लगा हुआ है, ज़हीर की टिप्पणियां आलोचना कम और चेतावनी अधिक लगती हैं।

ज़हीर अब्बास ने PTI से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि या तो बाबर को अहंकार की समस्या है या वह अपनी मौजूदा स्थिति से उबरने के लिए अपने सीनियर्स से सलाह लेने में शर्मीला है।’’

यह सीधे पेट पर वार है और शायद, बस शायद, ठीक वही बात है जो बाबर को अभी सुनने की जरूरत है।

बाबर का खराब दौर अब सिर्फ़ "बुरी किस्मत" की वजह से नहीं है। कई महीनों से वे औसत प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। उनका आखिरी अंतरराष्ट्रीय शतक 2023 एशिया कप में नेपाल के ख़िलाफ़ लगाया गया था।

न्यूज़ीलैंड और दक्षिण अफ़्रीका के साथ त्रिकोणीय श्रृंखला में उन्हें ओपनिंग के लिए पदोन्नत किया गया था, लेकिन फ़ॉर्म में तब भी नहीं लौट सके। 10, 23 और 29 के स्कोर ने फ़ैंस को हैरान कर दिया। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में उन्हें फिर से वापसी का मौका मिला, लेकिन न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 64 और भारत के ख़िलाफ़ 23 रन की पारी ही आसान आउट होने के बीच प्रतिरोध का एकमात्र मौका थी।

ज़हीर अब्बास के नाम 100 से ज़्यादा प्रथम श्रेणी शतक हैं। उन्हें बल्लेबाज़ी के बारे में एक-दो बातें पता हैं।

उन्होंने बाबर के क्रीज पर अधिक बंद रुख का जिक्र करते हुए कहा, "मुझे लगता है कि अपने बंद रुख के कारण, वह अपने शॉट्स को समय पर खेलने में संघर्ष कर रहा है और जल्दी आउट हो रहा है।"

ऐसे मैच में जहां सेकंड के अंश मायने रखते हैं, शरीर के आकार में हल्का सा बदलाव भी आपकी टाइमिंग को खराब कर सकता है और बाबर का आमतौर पर सहज स्ट्रोकप्ले हाल ही में वैसा नहीं दिख रहा है।

क्या आप मदद मांगने के लिए बहुत बड़े हैं?

लेकिन ज़हीर को सबसे ज्यादा चिंता बाबर के फुटवर्क की नहीं, बल्कि उसकी मानसिकता की है।

पूर्व कप्तान ने याद किया कि कैसे, उस समय अहंकार विकास के लिए पीछे रह जाता था। प्रतिद्वंद्विता कभी भी सीखने के रास्ते में नहीं आती। उन्होंने उन पलों का ज़िक्र किया जब यूनिस ख़ान ने अज़हरुद्दीन से सलाह ली थी और सईद अनवर ने मार्गदर्शन के लिए सुनील गावस्कर की ओर रुख किया था।

ज़हीर ने कहा, ‘‘अज़हरुद्दीन ने 1989-90 में भारत के पाकिस्तान दौरे के दौरान मुझसे मार्गदर्शन मांगा था... मैंने उनसे अपनी ग्रिप बदलने को कहा था।’’

तो फिर बाबर को आगे बढ़ने से कौन रोक रहा है? यह लाख टके का सवाल है।

हालांकि, खराब फॉर्म के बावजूद बाबर को टीम प्रबंधन का समर्थन मिल रहा है। टीम प्रबंधन ने हर मुश्किल समय में उसे सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर बनाए रखा है, लेकिन सबसे धैर्यवान ड्रेसिंग रूम की भी अपनी सीमाएं होती हैं। अगर जल्द ही कुछ नहीं बदला, तो बाबर के उस गड्ढे में गिरने का खतरा है, जिससे वह बहुत पहले ही बाहर निकल सकता था।

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