'अगर आप मेहनत से...'- दिलीप ट्रॉफ़ी में शानदार प्रदर्शन करने वाले मुशीर ख़ान की सराहना करते हुए KKR के पूर्व कोच ने कही ये बात
विजय दहिया ने मुशीर खान की सराहना की [X.com]
पूर्व भारतीय विकेटकीपर विजय दहिया ने मुशीर ख़ान की ‘मज़बूत मानसिकता’ की सराहना की और कहा कि अगर वह निरंतरता बनाए रखते हैं तो युवा बल्लेबाज़ भविष्य में भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे।
मुशीर ने शुक्रवार को बेंगलुरु में चल रही दिलीप ट्रॉफ़ी 2024 में इंडिया A के ख़िलाफ़ इंडिया B की ओर से 181 रन की शानदार पारी खेलकर सभी को प्रभावित किया।
उनकी पारी और नवदीप सैनी के साथ आठवें विकेट के लिए 205 रनों की साझेदारी की बदौलत भारत B ने सात विकेट पर 94 रन के नाज़ुक स्कोर से वापसी करते हुए पहली पारी में 321 रन बनाए।
दहिया ने पीटीआई वीडियो से कहा, "मुशीर को जो चीज अलग बनाती है, वह है उनकी मानसिकता, जो बहुत मजबूत है। मैं भविष्य की भविष्यवाणी नहीं कर सकता, लेकिन अगर वह लगातार रन बनाते रहे, तो वह भारतीय टीम के लिए बहुत अच्छा विकल्प हो सकते हैं।"
इस दौरान दहिया मुशीर की निरंतरता से आश्चर्यचकित रहें।
दहिया ने कहा , "उनकी बल्लेबाजी की सबसे खास बात उनकी निरंतरता है। उन्होंने वहीं से शुरुआत की, जहां से उन्होंने पिछले सीजन में छोड़ा था। उन्होंने रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल और फाइनल में रन बनाए और फिर 2024 में घरेलू क्रिकेट के पहले दिन शतक बनाया।"
“मुशीर ने बाएं हाथ के स्पिनर के रूप में शुरुआत की और अंततः बल्लेबाजी में उनका परिवर्तन यह दर्शाता है, “अगर आप मेहनत से किसी चीज के पीछे पड़ जाएं, शिद्दत से किसी चीज के पीछे पड़ जाएं तो वो जरूर मिलती है।” कुछ, तुम्हें आख़िरकार मिल ही जाएगा”, उन्होंने कहा।
DPL में ऋषभ पंत और ईशांत शर्मा के साथ अनुभव साझा किया विजय दहिया ने
दिल्ली प्रीमियर लीग में पुरानी दिल्ली 6 के मुख्य कोच दहिया ने कहा कि ऋषभ पंत और ईशांत शर्मा जैसे सीनियर खिलाड़ियों से बातचीत करना DPL में उभरती प्रतिभाओं के लिए सीखने का अनुभव था।
उन्होंने कहा, ‘‘ऋषभ पंत ने सिर्फ एक मैच खेला लेकिन होटल में और अभ्यास में उन्होंने खिलाड़ियों के साथ जो समय बिताया उससे उन्हें प्रेरणा मिली।
उन्होंने कहा, "इशांत ने सभी अभ्यास सत्रों में भाग लिया और सभी खिलाड़ियों के साथ समय बिताया। दुर्भाग्य से, वह चोट के कारण नहीं खेल सके।"
उन्होंने कहा, "सभी लड़कों ने ऋषभ और ईशांत की तारीफ की क्योंकि उन्होंने कभी भी उन्हें खुद से कमतर नहीं महसूस होने दिया। इसके बजाय, उन्हें अपनेपन का अहसास हुआ और इससे उनकी घबराहट शांत हुई।"
[PTI इनपुट्स]