चैंपियंस ट्रॉफ़ी के इतिहास में सबसे तेज़ शतक बनाने वाले बल्लेबाज़ों पर एक नज़र...
जोश इंग्लिस ने इंग्लैंड के खिलाफ 77 गेंदों पर शतक जड़ा (स्रोत: एपी फोटो)
चैंपियंस ट्रॉफ़ी का 9वां संस्करण चल रहा है और एक भी दिन ऐसा नहीं बीता जब कोई बड़ा रिकॉर्ड ना टूटा हो। जी हां, शनिवार की शाम को ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की दो दिग्गज टीमों ने टूर्नामेंट में धमाल मचाया, जहां कंगारू बल्लेबाज़ जोश इंग्लिस ने रिकॉर्ड बुक को फिर से लिखा।
ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बल्लेबाज़ ने चैंपियंस ट्रॉफ़ी के इतिहास में सबसे तेज़ शतक बनाने का रिकॉर्ड बनाया। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ रिकॉर्ड तोड़ 352 रनों का पीछा करते हुए, यॉर्कशायर में जन्मे इस क्रिकेटर ने सिर्फ़ 77 गेंदों में अपना पहला वनडे शतक जड़ा और बिना किसी परेशानी के ऑस्ट्रेलिया को जीत दिला दी।
इसलिए आइये इतिहास में वापस चलें और इस प्रमुख 50 ओवर के टूर्नामेंट में गेंदों के लिहाज़ से सबसे तेज़ शतकों पर नज़र डालें।
6. एंड्रयू फ्लिंटॉफ, 89 गेंदों पर शतक बनाम श्रीलंका, 2004
फ्लिंटॉफ का श्रीलंका के खिलाफ 89 गेंदों में शतक। [स्रोत - realkaushik/x]
2004 में साउथेम्प्टन पर श्रीलंका के ख़िलाफ़ एंड्रयू फ्लिंटॉफ की निर्दयी पारी प्रतियोगिता के इतिहास में छठी सबसे तेज़ शतक है। पहले बल्लेबाज़ी करने के लिए आमंत्रित किए जाने के बाद इंग्लैंड को कुछ शुरुआती झटके लगे और पांचवें नंबर पर बल्लेबाज़ी करने आए फ्लिंटॉफ ने अपने बेहतरीन खेल से मैच का रुख़ पलट दिया। यह उनका तीसरा वनडे शतक था जिसमें 9 चौके और तीन छक्के शामिल थे और इंग्लैंड को मैच जीतने वाले स्कोर तक पहुंचाया।
5. मार्कस ट्रेस्कोथिक 89 गेंदों पर शतक बनाम ज़िम्बाब्वे, 2002
ट्रेस्कोथिक ने जिम्बाब्वे के खिलाफ 89 गेंदों में 100 रन बनाए। [स्रोत - arnavv43/x]
खेल के सबसे आक्रामक सलामी बल्लेबाज़ों में से एक के रूप में जाने जाने वाले मार्कस ट्रेस्कोथिक ने अपने कद के मुताबिक़ न्याय किया जब उन्होंने ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ मात्र 89 गेंदों में यह शानदार शतक जड़ा। बाएं हाथ के इस सलामी बल्लेबाज़ ने कोलंबो में चैंपियंस ट्रॉफ़ी के 2002 संस्करण में यह उपलब्धि हासिल की। यह यादगार पारी तब आई जब इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला किया और ट्रेस्कोथिक की शानदार पारी की बदौलत 298 रन बनाए और अंततः मैच भी जीत लिया।
4. तिलकरत्ने दिलशान, 87 गेंदों पर शतक बनाम दक्षिण अफ़्रीका, 2009
दिलशान ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 87 गेंदों में 87 रन बनाए। [स्रोत - एसएलसी/एक्स]
2009 तिलकरत्ने दिलशान का साल था और यह तब और भी बेहतर हो गया जब श्रीलंकाई ओपनर ने चैंपियंस ट्रॉफ़ी 2009 संस्करण के पहले मैच में 87 गेंदों में शतक जड़ दिया। पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी श्रीलंका की शुरुआत शानदार रही क्योंकि दिलशान ने दक्षिण अफ़्रीकी आक्रमण को तहस-नहस कर दिया। अपनी शानदार टाइमिंग और क्लास का प्रदर्शन करते हुए उन्हें पूरे मैदान में धूल चटा दी।
16 चौकों और एक छक्के की मदद से खेली गई इस पारी के दम पर श्रीलंका ने 319 रनों का मज़बूत स्कोर खड़ा किया और अंततः दक्षिण अफ़्रीका को मात दी ।
3. शिखर धवन, 80 गेंदों में शतक बनाम दक्षिण अफ़्रीका, 2013
शिखर धवन ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 80 गेंदों में अपना पहला वनडे शतक जड़ा। [स्रोत - आईसीसी/एक्स]
कार्डिफ़ में 2013 चैंपियंस ट्रॉफ़ी के पहले मैच में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ शिखर धवन की धमाकेदार पारी एक और ऐसी पारी थी जो क्रिकेट प्रशंसकों के दिलों और दिमाग़ में हमेशा रहेगी। यह धवन के करियर के शुरुआती दौर में ही था जब बाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ ने किसी स्टाइल में एकदिवसीय फ़ॉर्मेट में अपनी पहचान बनाई, उन्होंने 80 गेंदों में 12 चौकों और एक छक्के की मदद से शतक जड़ा। धवन की शानदार पारी ने टीम इंडिया को मैच जिताऊ 331 रन बनाने में मदद की और महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई वाली टीम ने जीत के साथ अपने चैंपियनशिप अभियान की शुरुआत की।
2. जोश इंग्लिस, 77 गेंदों पर शतक बनाम इंग्लैंड, 2025
जोश इंग्लिस का 2025 सीटी में इंग्लैंड के विरुद्ध शतक। [स्रोत - रफी4999/x]
जोश इंग्लिस का 77 गेंदों में शतक, जिसने ऑस्ट्रेलिया को चैंपियंस ट्रॉफ़ी में 16 साल बाद पहली जीत दिलाई, इस सूची में ताज़ा नाम नाम है। मध्य ओवरों में अपनी बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाने वाले इंग्लिस 352 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए मुश्किल समय में बल्लेबाज़ी करने उतरे, जब ऑस्ट्रेलिया 134 रन पर 4 विकेट खोकर सिमट गया था। 29 वर्षीय खिलाड़ी ने मौक़े का फायदा उठाया और साबित किया कि ऑस्ट्रेलिया ने उन्हें इस पद पर क्यों चुना।
1. वीरेंद्र सहवाग, 77 गेंदों में बनाम इंग्लैंड, 2002
वीरेंद्र सहवाग ने इंग्लैंड के खिलाफ 77 गेंदों पर शतक जड़ा। [स्रोत - allaboutcricket/x]
मुल्तान का सुल्तान नाम से मशहूर वीरेंद्र सहवाग ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 270 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 77 गेंदों में शतक जड़ा था। यह वनडे क्रिकेट में उनके शुरुआती दिनों का ही दौर था। सौरव गांगुली ने सहवाग को पारी की शुरुआत करने के लिए प्रमोट किया और उसके ठीक एक साल बाद दिल्ली में जन्मे इस क्रिकेटर ने 21 चौकों की मदद से यह यादगार पारी खेली। इस पारी में भारत ने इंग्लैंड के स्कोर को 40 ओवर से भी कम समय में हासिल कर लिया।