ओवल में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट मैचों में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी करने वाले भारतीय
मोहम्मद सिराज [Source: @BCCI/x.com]
मोहम्मद सिराज और इंग्लैंड के हाई-प्रेशर क्रिकेट में कुछ खास बात है। ये खिलाड़ी ओवल के दर्शकों के बीच जब माहौल गरम हो और दांव आसमान छू रहे हों, तब दर्शकों को कैसे झूमने पर मजबूर किया जाए, ये बखूबी जानता है।
सिराज ने ओवल में पाँचवें इंग्लैंड बनाम भारत टेस्ट में तहलका मचा दिया, जब वह पूरे जोश, ट्रिक्स के साथ मैदान पर उतरे। उनके प्रयासों से भारत ने 6 रनों से ऐतिहासिक जीत हासिल की और सीरीज़ को 2-2 पर बराबर समाप्त कराई।
दशकों से, इस प्रतिष्ठित मैदान पर कुछ गेंदबाज़ों ने शानदार प्रदर्शन किया है। आइए ओवल में भारतीय गेंदबाज़ों के शीर्ष 5 सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर एक नज़र डालते हैं।
5. मोहम्मद निसार: 5/120 - 1936
1936 में, भारत अभी टेस्ट क्रिकेट में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन भारत के शुरुआती असली तेज़ गेंदबाज़ों में से एक, मोहम्मद निसार, यहाँ सिर्फ़ खेलने के लिए नहीं आए थे। ओवल के सपाट विकेट पर, उन्होंने ज़बरदस्त गति से गेंदबाज़ी की और इंग्लैंड के कुछ बेहतरीन बल्लेबाज़ों को आउट किया।
उन्होंने वैली हैमंड (217), मौरिस लेलैंड, स्टेन वर्थिंगटन, गब्बी एलन और हेडली वेरिटी जैसे गेंदबाज़ों को अपनी ही धुन में पवेलियन भेजा। 120 रन देकर 5 विकेट लेने का उनका स्पेल भारत के लिए एकमात्र चमकीला प्रदर्शन था, जिससे इंग्लैंड ने 471 रन बनाए। हालाँकि भारत ने फॉलोऑन खेला और 9 विकेट से हार गया।
4. हरभजन सिंह: 5/115 - 2002
अगर क्रिकेट में "वन-मैन आर्मी" का कोई अवॉर्ड होता, तो हरभजन सिंह इस मैच में उसे अपने नाम कर लेते। 2002 का ओवल टेस्ट रनों की बरसात था। इंग्लैंड ने माइकल वॉन के 195 रनों की बदौलत 515 रन बनाए। भारतीय गेंदबाज़ी आक्रमण में बाकी सभी गेंदबाज़ रन लुटा रहे थे। लेकिन भज्जी नहीं। उन्होंने 38.4 ओवर की मैराथन गेंदबाज़ी करते हुए 5 अहम विकेट लिए, जिनमें बुचर, स्टीवर्ट, कॉर्क, ट्यूडर और हॉगर्ड शामिल थे।
ज़वाब में राहुल द्रविड़ (217) के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत ने 508 रन बनाए।
3. मोहम्मद सिराज: 5/104 - 2025
यह उस तरह का मैच था जिसके बारे में आप पीढ़ियों को बतायेंगे। एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का आखिरी टेस्ट मैच रोमांचक हुआ; इंग्लैंड 2-1 से आगे था और भारत बराबरी की कोशिश में था। और जब भारत पहली पारी में 224 रनों पर ढेर हो गया, तो स्थिति गंभीर लग रही थी। लेकिन मोहम्मद सिराज के इरादे कुछ और ही थे। उन्होंने पहली पारी में 86 रन देकर 4 विकेट चटकाए और इंग्लैंड को 247 रनों पर रोक दिया।
इसके बाद आकाशदीप के 66 और जयसवाल के 118 रनों की बदौलत भारत ने दूसरी पारी में 396 रन बनाए और इंग्लैंड के सामने 374 रनों का लक्ष्य रखा। एक समय ब्रुक और रूट की साझेदारी के दम पर मेजबान टीम ने बढ़त बनाए हुए थी, लेकिन सिराज ने अपना आत्मविश्वास नहीं खोया। जैक क्रॉली और पोप को आउट करने के बाद, उन्होंने आखिरी दिन पुछल्ले बल्लेबाज़ों को धूल चटाई और 6 रनों से जीत पक्की की।
2. सुरेंद्रनाथ: 5/75 - 1959
यह मैच एकतरफ़ा था। लेकिन इस तबाही के बीच, सुरेंद्रनाथ ने एक ऐसा स्पेल डाला जो मानो सोने पर सुहागा हो। 25 मेडन के साथ 51.3 ओवर फेंकते हुए, उन्होंने 75 रन देकर 5 विकेट लिए, जो अनुशासन का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
इंग्लैंड ने फिर भी 361 रन बनाए, लेकिन सुरेंद्रनाथ की 1.45 की इकॉनमी कमाल की थी। ऐसे मैच में जहाँ भारत किसी भी पारी में 200 का आंकड़ा नहीं छू पाया था, वे अकेले योद्धा की तरह डटे रहे, लेकिन इंग्लैंड ने पारी और 27 रनों से जीत हासिल की।
1. बीएस चंद्रशेखर: 6/38 - 1971
ओवल में तीसरे टेस्ट से पहले सीरीज़ 0-0 की बराबरी पर थी। एलन नॉट और रिचर्ड हटन की बदौलत इंग्लैंड ने पहली पारी में 355 रन बनाए। भारत 71 रन से पिछड़ते हुए 284 रन बनाकर जवाब में आया। फिर आए भगवत चंद्रशेखर। अपनी मशहूर व्हिपलैश गेंदबाज़ी के साथ, उन्होंने इंग्लैंड की दूसरी पारी में सिर्फ़ 38 रन देकर 6 विकेट चटकाए।
मेजबान टीम 101 रन पर ढेर हो गई, जिससे भारत को 173 रनों का लक्ष्य मिला। भारत के लिए यह लक्ष्य आसान नहीं था क्योंकि गावस्कर शून्य पर आउट हो गए थे, लेकिन अजीत वाडेकर, दिलीप सरदेसाई, गुंडप्पा विश्वनाथ और फ़ारुख़ इंजीनियर ने टीम को जीत दिलाई। भारत ने 4 विकेट से जीत हासिल की और इंग्लैंड में अपनी पहली सीरीज़ जीत दर्ज की।