ईरानी कप इतिहास के टॉप 5 व्यक्तिगत स्कोर पर एक नज़र...
सरफराज खान ने ईरानी कप में दोहरा शतक लगाया [स्रोत: @BCCIdomestic/x.com]
ईरानी कप ने अपने शानदार इतिहास में अनगिनत बेहतरीन प्रदर्शन देखे हैं। उभरते हुए खिलाड़ियों से लेकर अनुभवी खिलाड़ियों तक, बल्लेबाज़ों ने बार-बार इस मंच का इस्तेमाल रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज कराने के लिए किया है।
इन बड़ी हस्तियों के बीच, सरफ़राज़ ख़ान ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, वह प्रतियोगिता के 65 साल के इतिहास में दोहरा शतक दर्ज करने वाले मुंबई के पहले बल्लेबाज़ बन गए।
सरफ़राज़ अपने शानदार प्रदर्शन में निरंतर इजाफ़ा करते जा रहे हैं, ऐसे में हम एक नज़र ईरानी कप में शीर्ष पांच सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर पर डालते है।
5. सरफ़राज़ ख़ान – 221* (मुंबई बनाम शेष भारत, लखनऊ, 2024)
सरफराज खान [स्रोत: @BCCIdomestic/x.com]
पांचवें नंबर पर ईरानी कप के हॉल ऑफ़ फ़ेम में सबसे हाल ही में शामिल हुए खिलाड़ी हैं सरफ़राज़ ख़ान। एक यादगार प्रदर्शन के साथ सरफ़राज़ टूर्नामेंट के इतिहास में दोहरा शतक बनाने वाले पहले मुंबई के बल्लेबाज़ बन गए ।
लखनऊ के इकाना स्टेडियम में इस शानदार बल्लेबाज़ ने 276 गेंदों पर 25 चौकों और 4 छक्कों की मदद से 221* रन की यादगार पारी खेली। उनकी इस पारी ने न केवल उन्हें मुंबई के ईरानी कप रिकॉर्ड में शीर्ष पर पहुंचा दिया, बल्कि उन्होंने रामनाथ पारकर (194*) और अजिंक्य रहाणे (191) जैसे मुंबई के महान खिलाड़ियों के लंबे समय से चले आ रहे स्कोर को भी पीछे छोड़ दिया।
उनके दोहरे शतक ने उन्हें ईरानी कप के इतिहास में यह उपलब्धि हासिल करने वाले केवल 11वां खिलाड़ी बना दिया और शेष भारत (आरओआई) का प्रतिनिधित्व नहीं करते हुए ऐसा करने वाले वे चौथे खिलाड़ी बन गए।
4. सुरिंदर अमरनाथ – 235* (दिल्ली बनाम शेष भारत, दिल्ली, 1980)
सुरिंदर अमरनाथ [स्रोत: @ICC/x.com]
महान लाला अमरनाथ के बेटे सुरिंदर अमरनाथ शांत स्वभाव और अपार प्रतिभा के धनी थे। साल 1980 में दिल्ली के लिए शेष भारत के ख़िलाफ़ उनकी 235* रन की पारी इतिहास में टूर्नामेंट की सबसे असाधारण पारियों में से एक के रूप में दर्ज है।
600 मिनट तक क्रीज़ पर डटे रहने वाले अमरनाथ धैर्य की मिसाल थे। उन्होंने गेंदबाज़ी आक्रमण के साथ खिलवाड़ किया, और सही समय का इंतज़ार करते हुए बाज की तरह हमला करने की कोशिश की।
उनकी नाबाद पारी अभी भी ईरानी कप में दिल्ली के लिए सर्वोच्च स्कोर है, और अच्छे कारण से - यह एक ऐसी पारी थी जिसमें उन्होंने समय की कसौटी पर खरा उतरते हुए दिल्ली को ख़िताब जीतने में मदद की।
3. प्रवीण आमरे - 246 (शेष भारत बनाम बंगाल, बेंगलुरु, 1990)
सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली के साथ प्रवीण आमरे [स्रोत: @pravin__amre/x.com]
प्रवीण आमरे ने 1990 में बंगाल के खिलाफ शेष भारत के लिए 246 रन की पारी खेली थी, जो एक यादगार पारी थी। कप्तान और सलामी बल्लेबाज़ रवि शास्त्री के साथ, जिन्होंने उसी मैच में दोहरा शतक भी बनाया था, आमरे की पारी बंगाल को हराने वाली असाधारण टीम की रीढ़ थी।
उनकी पारी ने विपक्षी गेंदबाज़ों को परेशान कर रखा था। जब तक उनका क्रीज़ पर रहना समाप्त हुआ, तब तक आमरे ने मैच पर अपनी अमिट छाप छोड़ दी थी, और अपनी टीम को 737/7 के प्रभावशाली स्कोर तक पहुंचाया।
आमरे की पारी और शास्त्री की शानदार बल्लेबाज़ी की बदौलत मुंबई ने फॉलोऑन के बाद पहली पारी के आधार पर मैच जीत लिया।
2. मुरली विजय – 266 (शेष भारत बनाम राजस्थान, बेंगलुरु, 2012)
मुरली विजय [स्रोत: @BCCI/x.com]
2012 में, मुरली विजय ने ईरानी कप में अब तक की सबसे संतुलित और खूबसूरत पारी खेली। बेंगलुरु में राजस्थान के ख़िलाफ़ उनकी शानदार 266 रन की पारी सिर्फ़ रनों के बारे में नहीं थी, बल्कि तकनीक, स्वभाव और टाइमिंग के बारे में भी थी।
उन्होंने क्रीज़ पर 10 घंटे से अधिक समय बिताया तथा 36 चौकों और छह छक्कों की मदद से अपनी पारी को संवारा। शेष भारत ने राजस्थान के पहली पारी के 253 रन के जवाब में 7 विकेट पर 604 रन बनाए।
उनके मज़बूत इरादे की मदद से शेष भारत ने मैच पर पूरी तरह नियंत्रण बनाए रखा और दूसरी पारी में राजस्थान को 275 रन पर आउट करते हुए मैच को पारी और 79 रन से जीत लिया।
1. वसीम जाफ़र – 286 (विदर्भ बनाम शेष भारत, नागपुर, 2018)
वसीम जाफ़र [स्रोत: @BCCIdomestic/x.com]
हमारी सूची में सबसे ऊपर सदाबहार वसीम जाफ़र हैं, जिनकी 2018 में शेष भारत के ख़िलाफ़ विदर्भ की ओर से खेली गई 286 रन की पारी ईरानी कप इतिहास में सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर है।
अनुभवी बल्लेबाज़ ने विदर्भ की पारी को संभालने के साथ ही विपक्षी गेंदबाज़ी आक्रमण को तहस-नहस करते हुए खेल पर अपनी श्रेष्ठता और महारत दिखाई। उनकी पारी में 34 चौके और एक छक्का शामिल था, जिससे विदर्भ की टीम ने 800/7 का बड़ा स्कोर खड़ा किया।
क्रीज़ पर लंबे समय तक टिके रहने वाले जाफ़र की पारी एकाग्रता और मज़बूत इरादे का एक शानदार उदाहरण थी। शेष भारत की टीम 390 रन पर आउट हो गई और विदर्भ ने पहली पारी के आधार पर जीत हासिल कर ली।