कौन हैं स्मरण रविचंद्रन? 21 वर्षीय बल्लेबाज़ जिन्होंने पंजाब के ख़िलाफ़ जड़ा दोहरा शतक
स्मरण रविचंद्रन हाल ही में शानदार फॉर्म में हैं [स्रोत: @CrazyCricDeep.x.com]
स्मरण रविचंद्रन इन दिनों कर्नाटक क्रिकेट की चर्चा का विषय हैं। अगर आप रणजी ट्रॉफ़ी या विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी पर नज़र रखते हैं, तो आपने शायद उनका नाम चर्चा में सुना होगा।
और क्यों नहीं? कर्नाटक के 21 वर्षीय खिलाड़ी ने शानदार बल्लेबाज़ी की है और बेहतरीन प्रदर्शन किया है। शुक्रवार को रणजी ट्रॉफ़ी में पंजाब के ख़िलाफ़ दोहरा शतक उनकी उपलब्धियों में से एक है। लेकिन स्मरण रविचंद्रन आखिर कौन हैं? आइए इस पर क़रीब से नज़र डालते हैं।
स्मरण रविचंद्रन कौन हैं?
स्मरण का क्रिकेट की दुनिया में सफ़र हमेशा से ही अच्छा नहीं रहा है। वह पहली बार में ही कर्नाटक की सीनियर टीम में नहीं आ गए थे - ऐसा बिलकुल नहीं है। कई बार अनदेखी का सामना करने के बाद, कई लोग हार मान लेते। लेकिन स्मरण ने ऐसा नहीं किया। इसके बजाय, वह फिर से ड्रॉइंग बोर्ड पर गए, कड़ी मेहनत की और मज़बूती से वापसी की।
उनकी सफलता सीके नायडू ट्रॉफ़ी के दौरान मिली, जहाँ उन्होंने 829 रन बनाए और सभी को चौंका दिया। यह ऐसा प्रदर्शन था जिसने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। और जब आप सोच रहे थे कि वह एक हिट वंडर है, तो वह महाराजा T20 ट्रॉफ़ी में बड़े मंच पर आया जहाँ उसने शानदार नाबाद 104 रन बनाए।
इसके अलावा, स्मरण ने 2024/25 विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी के दौरान अपनी उपस्थिति का सही अनुमान लगाया। कर्नाटक की टीम में जगह बनाने से संतुष्ट न होकर, उन्होंने इस अवसर को दोनों हाथों से भुनाया। फाइनल में, उन्होंने सभी बाधाओं को पार करते हुए शतक जड़ा, जिसने कर्नाटक को ट्रॉफ़ी जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।
अगर विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी उनका पसंदीदा खेल था, तो रणजी ट्रॉफ़ी में उनकी हालिया उपलब्धियां उनके लिए और भी यादगार साबित हुईं। एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में पंजाब के ख़िलाफ़ खेलते हुए, स्मरण ने दूसरे दिन एक ऐसी पारी खेली जिसे केवल मास्टरक्लास ही कहा जा सकता है। 277 गेंदों पर 25 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 203 रन की उनकी पारी सपनों जैसी थी।
स्मरण उस समय बल्लेबाज़ी के लिए आए जब कर्नाटक पहले से ही मज़बूत स्थिति में था, लेकिन उन्होंने अपनी उपलब्धियों पर आराम नहीं किया। उन्होंने अपनी पारी को ईंट दर ईंट आगे बढ़ाया। दूसरे दिन चाय तक कर्नाटक ने 420/7 रन बना लिए थे, जिसमें स्मरण का दोहरा शतक सबसे ख़ास रहा।
कर्नाटक का पहले दिन का दबदबा
यह मत भूलिए कि कर्नाटक ने स्मरण की वीरता के लिए मंच तैयार किया। गेंदबाज़ों ने धमाकेदार प्रदर्शन किया और पहले दिन पंजाब को महज़ 55 रनों पर ढ़ेर कर दिया। इसके बाद स्मरण ने बल्लेबाज़ी की कमान संभाली और पहले दिन स्टंप तक 100 गेंदों पर नाबाद 83 रन बनाए।
महज़ 21 साल की उम्र में स्मरण रविचंद्रन ने दिखा दिया है कि उनमें उच्चतम स्तर पर चमकने की क्षमता है। पांच प्रथम श्रेणी मैचों, नौ लिस्ट A खेलों और सात T20 मैचों में उन्होंने 600 से अधिक रन बनाए हैं, जिसमें तीन शतक शामिल हैं। घरेलू वनडे फाइनल हो या रणजी ट्रॉफ़ी का मुक़ाबला, हर मौक़ पर अच्छा प्रदर्शन करने की उनकी क्षमता उनके स्वभाव के बारे में बहुत कुछ बताती है।