OTD: जब 10 साल पहले आज ही के दिन ईशांत शर्मा ने लॉर्ड्स में 7 विकेट लेकर इंग्लैंड को घुटनों पर ला दिया था
इशांत शर्मा ने 21 जुलाई 2014 को लॉर्ड्स में इंग्लैंड को धूल चटा दी थी [X]
21 जुलाई भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण तारीख़ है। साल 2014 में इसी दिन भारत ने 28 साल बाद लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर कोई टेस्ट जीता था। टीम की यह उपलब्धि महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में आई थी। इससे पहले भारत ने इस मैदान पर अपना पिछला टेस्ट 1986 में कपिल देव की कप्तानी में जीता था।
ऐतिहासिक प्रदर्शन की तैयारी
मैच की शुरुआत दोनों पारियों में बल्लेबाज़ों के सामूहिक प्रयास से हुई। भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 295 रन बनाए और 92वें ओवर में पूरी टीम ढेर हो गई। अजिंक्य रहाणे ने बल्लेबाज़ी की अगुआई की और 154 गेंदों पर 103 रन बनाए।
जवाब में गैरी बैलेंस ने 203 गेंदों पर 110 रनों की शानदार पारी खेल पक्का किया कि इंग्लैंड अपनी पहली पारी में 319 रन बनाए और 24 रन की बढ़त हासिल की। मैच की तीसरी पारी और अपनी दूसरी पारी में भारत ने एक और शानदार प्रदर्शन किया।
मुरली विजय ने 247 गेंदों पर 95 रन की पारी खेलकर इस मामले में नींव रखी। हालांकि मध्यक्रम ध्वस्त हो गया था, लेकिन रवींद्र जडेजा (57 गेंदों पर 68 रन) और भुवनेश्वर कुमार (71 गेंदों पर 52 रन) ने एक महत्वपूर्ण साझेदारी की और भारत को 342 रनों तक पहुंचाया। भारत ने अंतिम पारी में घरेलू टीम के सामने 319 रनों का लक्ष्य रखा।
एक मज़बूत शुरुआत के बाद, इंग्लैंड ने दो रन के अंतराल में तीन विकेट खो दिए और जब जो रूट और मोईन अली ने पारी को फिर से बनाना शुरू किया तो इंग्लैंड मुश्किल में पड़ गया। मैच का आखिरी दिन था और इंग्लिश टीम मुक़ाबले को ड्रॉ में बदलने की कोशिश कर रही थी।
इंग्लैंड अपने ही मैदान में बुरी तरह से हारा
हालांकि, धोनी के एक रणनीतिक मास्टरस्ट्रोक और इशांत शर्मा के शानदार स्पेल ने खेल का रुख़ बदल दिया। भारत ने इंग्लिश बल्लेबाज़ों को शॉर्ट बॉलिंग करने की रणनीति अपनाई। इस जाल का पहला शिकार मोईन अली बने। ऑलराउंडर के आउट होने के बाद इंग्लैंड की टीम 50 रन पर पांच विकेट खोकर 93 रन से मैच हार गई।
इशांत ने 23 ओवर में 7/74 के आंकड़े हासिल किए। उस दिन शर्मा ने जो आक्रामकता और मज़बूत इरादा दिखाया, उसने भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के दिलों में अपना नाम दर्ज करा दिया है। एक भारतीय तेज़ गेंदबाज़ को अपने ही घर में शॉर्ट गेंदों की बौछार से इंग्लिश बल्लेबाज़ों को परेशान करते देखना सुखद एहसास था। इस प्रदर्शन के लिए शर्मा को 'प्लेयर ऑफ़ द मैच' चुना गया था।