[वीडियो] जब शोएब अख़्तर ने फिटनेस को लेकर आज़म के पिता मोइन ख़ान की खिंचाई की
शोएब अख्तर का 2019 में मोइन खान से झगड़ा हुआ था (x.com)
पाकिस्तान क्रिकेट पिछले कुछ सालों में अक्सर मुश्किलों से भरा रहा है। लगभग हर ICC इवेंट में खिलाड़ियों, मैनेजमेंट और पूर्व खिलाड़ियों के बीच टकराव देखने को मिलता है।
2024 ICC T20 विश्व कप भी इससे अलग नहीं है, जिसमें बहुत सारा ड्रामा शामिल रहा। टूर्नामेंट से पहले बाबर आज़म को फिर से कप्तान बनाया गया, शाहीन अफ़रीदी को कप्तानी से हटाया गया और मोहम्मद आमिर और इमाद वसीम की टीम में वापसी हुई।
इसके अलावा, आज़म खान की फिटनेस, मोहम्मद रिज़वान की कप्तानी की महत्वाकांक्षा और अमेरिका तथा भारत से हार ने टूर्नामेंट में पाकिस्तान के लिए मुश्किलों को और बढ़ा दिया। यह पूरा विश्व कप पाकिस्तान क्रिकेट प्रशंसकों के लिए एक रोलरकोस्टर रहा है।
फिटनेस संबंधी आलोचना का सामना करने वाले पहले पाकिस्तानी नहीं हैं आज़म
आज़म ख़ान, मोइन ख़ान के बेटे हैं , जिन्हें ICC T20 विश्व कप 2024 के दौरान उनकी फिटनेस के लिए खासा परेशान होना पड़ा । पांच साल पहले साल 2019 वनडे विश्व कप के दौरान, एक और पाकिस्तानी विकेटकीपर की काफी आलोचना की गई थी।
यह पाकिस्तान के तत्कालीन कप्तान और विकेटकीपर सरफ़राज़ अहमद थे। शोएब अख़्तर ने वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ पहले मैच में हार के बाद सरफ़राज़ की फिटनेस की आलोचना की थी। हालांकि तब मोइन ने सरफ़राज़ का समर्थन किया और अख़्तर की फिटनेस पर सवाल उठाते हुए उनसे खुद पर ग़ौर करने को कहा।
इसके बाद शोएब ने मोइन की आलोचना को व्यक्तिगत रूप से लिया और कठोर जवाब दिया।
देखें: अख़्तर ने आज़म के पिता को बुरी तरह ट्रोल किया
अपने जवाबी वीडियो में शोएब ने मोइन से कहा कि अपनी फिटनेस के बावजूद उन्होंने 450 अंतरराष्ट्रीय विकेट लेकर पाकिस्तान को कई मैच जिताए हैं।
अख़्तर ने मोइन की कप्तानी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 450 विकेट लेने के लिए किसी को इमरान ख़ान जैसे महान कप्तानों की अगुआई में खेलना चाहिए, न कि मोइन खान जैसे किसी खिलाड़ी के नेतृत्व में।
पाकिस्तान क्रिकेट हमेशा से विवादों में घिरा रहा है। हाल ही में यूनुस ख़ान ने शाहिद अफरीदी पर दोहरे मापदंड का आरोप लगाया तो वहीं अहमद शहज़ाद ने बाबर की कप्तानी की आलोचना करते हुए ड्रेसिंग रूम में राजनीति का आरोप लगाया।
जब दिग्गजों में एकजुटता की कमी होती है तो मौजूदा खिलाड़ियों के लिए उन्हें आदर्श के रूप में देखना मुश्किल होता है। पाकिस्तान क्रिकेट में यह एक बार-बार देखा जाने वाला मुद्दा रहा है।