OTD: साल 1994 में आज ही के दिन ऑस्ट्रेलिया को हराकर अपना पहला वनडे शतक जड़ा था सचिन तेंदुलकर ने
सचिन तेंदुलकर ने अपना पहला एकदिवसीय शतक 1994 में बनाया था [X]
साल 1994 में आज ही के दिन सचिन तेंदुलकर ने वन-डे इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना पहला शतक लगाया था। यह यादगार मौक़ा कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में सिंगर वर्ल्ड सीरीज़ में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ भारत के हाई-वोल्टेज मुक़ाबले के दौरान आया था।
अपनी शानदार तकनीक के लिए मशहूर सचिन ने घरेलू क्रिकेट में अपनी बल्लेबाज़ी के कारनामों के बाद कम उम्र में ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। हालाँकि उन्होंने अपने डेब्यू के एक साल बाद अपना पहला टेस्ट शतक बनाया, लेकिन उन्हें सफ़ेद गेंद वाले क्रिकेट में उसी स्तर की सफलता दोहराने में काफ़ी समय लगा।
बल्लेबाज़ी में माहिर तेंदुलकर ने अपना वनडे करियर मध्यक्रम के बल्लेबाज़ के रूप में शुरू किया था, लेकिन बाद में उन्हें फील्ड प्रतिबंधों का फायदा उठाने के लिए टॉप ऑर्डर में भेजा जाने लगा। उनकी पदोन्नति टीम इंडिया के लिए वरदान साबित हुई, क्योंकि वे दुनिया के अब तक के सबसे बेहतरीन ओपनर बन गए।
तेंदुलकर के प्रदर्शन ने भारत को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया
मास्टर ब्लास्टर के नाम से मशहूर तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सौ शतक लगाए हैं। 49 वनडे शतकों का उनका रिकॉर्ड किसी भी क्रिकेटर द्वारा बनाया गया सबसे ज़्यादा शतक था, लेकिन 2023 विश्व कप के सेमीफाइनल में विराट कोहली ने शानदार पारी खेलकर इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
क्रिकेट के भगवान के लिए यह एक लंबी और चुनौतीपूर्ण यात्रा थी, जिन्होंने वनडे में तीन अंकों का आंकड़ा छूने से पहले 72 पारियां खेलीं। कहने की ज़रूरत नहीं है कि यह शतक शक्तिशाली ऑस्ट्रेलियाई टीम से बेहतर प्रतिद्वंद्वी के ख़िलाफ़ नहीं आ सकता था।
क्रीज़ पर मनोज प्रभाकर के साथ साझेदारी करते हुए तेंदुलकर ने आठ शानदार चौके और दो शानदार छक्के लगाते हुए 110 रनों की लाजवाब पारी खेली। उनके असाधारण प्रयास ने भारत को स्पिन के अनुकूल कोलंबो की पिच पर 246 रनों का प्रतिस्पर्धी स्कोर बनाने में मदद की।
भारतीय गेंदबाज़ों के कहर से ऑस्ट्रेलिया बिखर गया
जवाब में, जब तक मार्क वॉ बल्लेबाज़ी कर रहे थे, तब तक ऑस्ट्रेलिया मज़बूत स्थिति में था। हालांकि, इस शानदार ओपनर के आउट होने के बाद ऑस्ट्रेलिया के लिए मुश्किलें खड़ी हो गईं और भारत ने जल्दी-जल्दी उनके पुछल्ले बल्लेबाज़ों को ढ़ेर कर दिया।
इस तरह, तेंदुलकर का पहला एकदिवसीय शतक बेकार नहीं गया और भारत ने इस मल्टी-नेशन टूर्नामेंट में 31 रनों से शानदार जीत हासिल की।