कैसे रिवर्स स्विंग से निपटने के तेंदुलकर के अनोखे तरीके ने उन्हें बनाया 'क्रिकेट का भगवान'
तेंदुलकर ने बताया कि उन्होंने रिवर्स स्विंग गेंदबाजी का सामना कैसे किया [X]
सचिन तेंदुलकर बिना शक खेल के सबसे महान बल्लेबाज़ हैं। वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं और उन्होंने कई ऐसे पुरस्कार जीते हैं जिनकी बराबरी कोई नहीं कर सकता।
हालांकि, मास्टर ब्लास्टर के लिए खुद का नाम बनाना इतना आसान नहीं था। वह ऐसे दौर में खेले जब सिर्फ़ एक गेंद होती थी और रिवर्स स्विंग अपने चरम पर थी। पूर्व भारतीय कप्तान को 1990 और 2000 के दशक की शुरुआत में वसीम अकरम, वकार यूनिस जैसे गेंदबाज़ों से निपटना पड़ा और उसके बाद अपने करियर के आखिर में जेम्स एंडरसन और डेल स्टेन का सामना करना पड़ा।
बल्लेबाज़ी के वो तरीके जिन्होंने तेंदुलकर को बनाया दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़
इतने सारे महान गेंदबाज़ों, जो रिवर्स स्विंग में माहिर थे, से निपटने के लिए तेंदुलकर को अपनी बल्लेबाज़ी में बदलाव करना पड़ा और उन्होंने उन मामूली बदलावों के बारे में विस्तार से बताया, जिनसे उन्हें गेंदबाज़ों पर हावी होने में मदद मिली।
तेंदुलकर ने कहा, "अपने खेल के दिनों में मैं गेंद को एक तरफ से टेप से चिपका देता था। सीजन (चमड़े की) गेंदों में हम चमकदार और खुरदरी तरफ देखते हैं और टेनिस गेंद में हम एक तरफ टेप लगाते थे और मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इसका सामना करने के लिए रिवर्स स्विंग का अभ्यास करता था।"
भारत के इस दिग्गज ने अपने करियर का अंत 100 अंतरराष्ट्रीय शतकों के साथ किया, जो एक ऐसा रिकॉर्ड है जिसे तोड़ना लगभग नामुमकिन है। साल 1989 में भारत के लिए पदार्पण करने वाले तेंदुलकर ने 24 साल तक खेला और 2011 में विश्व चैंपियन भी बने।