इस बड़ी वजह के चलते बॉक्सिंग डे टेस्ट के दूसरे दिन भारतीय टीम ने बांह पर काली पट्टी पहनी
बॉक्सिंग डे टेस्ट के दूसरे दिन भारतीय टीम बांह पर काली पट्टी बांधे हुए थी [स्रोत: @sagar_d45/x.com]
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी का चौथा टेस्ट मैच मेलबर्न के ऐतिहासिक मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जा रहा है। यह मैच दोनों टीमों के लिए सीरीज़ और WTC फाइनल में जगह बनाने के लिहाज़ से अहम है।
मैच के पहले दिन ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला किया। इसके बाद सैम कोंस्टास की आक्रामक बल्लेबाज़ी ने ऑस्ट्रेलिया को भारी बढ़त की ओर अग्रसर कर दिया। कोंस्टास के आउट होने के बाद मार्नस लाबुशेन और उस्मान ख्वाजा ने मैच पर घरेलू टीम की पकड़ और मज़बूत कर दी।
एक समय ऐसा लग रहा था कि ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में भारत से मैच छीन लेगा। लेकिन जसप्रीत बुमराह ने शानदार स्पेल से मेहमान टीम को मैच में वापस ला दिया। पहले दिन का खेल खत्म होने तक मैच बराबरी पर था और ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 311/6 था।
भारतीय टीम काली बांह की पट्टी क्यों पहन रही है?
दूसरे दिन की शुरुआत में भारतीय टीम का लक्ष्य ऑस्ट्रेलिया के स्कोर को 400 से कम रखना और फिर बल्ले से दमदार प्रदर्शन करके मैच में अपनी पकड़ मज़बूत करना था। मैच की स्थिति को छोड़कर, भारतीय टीम दूसरे दिन काली पट्टी बांधे हुए दिखी। यह सभी खिलाड़ियों की बांह पर थी।
यह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन को श्रद्धांजलि देने के लिए था। उन्होंने 2004 से 2014 तक 10 साल तक इस पद पर काम किया। 92 वर्षीय डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को रात 9:51 बजे निधन हो गया। उन्हें अपने घर पर अचानक बेहोश होने के बाद दिल्ली एम्स अस्पताल ले जाया गया। भारतीय टीम ने राष्ट्रीय क्षति पर श्रद्धांजलि देने के लिए काली पट्टी बांधी।