उन्मुक्त चंद के जीवन पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'अनब्रोकन' सितंबर में होगी रिलीज
उन्मुक्त चंद [Source: Screengrab]
भारतीय क्रिकेटर उन्मुक्त चंद की असाधारण यात्रा पर आधारित बहुप्रतीक्षित डॉक्यूमेंट्री फिल्म "अनब्रोकन" 12 सितंबर, 2025 को रिलीज होने वाली है। यह फिल्म चंद के क्रिकेट करियर और उनके जीवन के उतार-चढ़ाव को दर्शाया गया है।
यह सिनेमाई यात्रा एक युवा क्रिकेटर के गौरव की ओर बढ़ने, लोकप्रियता से बाहर होने की चुनौतियों और वापसी के लिए उसके अथक प्रयास की प्रेरणादायक कहानी को गहराई से दर्शाती है।
अनब्रोकन किस बारे में है?
"अनब्रोकन" निश्चित रूप से उन्मुक्त चंद के जुनून, दृढ़ता और अदम्य साहस का प्रमाण है। व्यक्तिगत इंटरव्यू, पुराने फुटेज और भावुक पलों के माध्यम से, यह वृत्तचित्र दर्शकों को बल्ले के पीछे के उस व्यक्ति की एक प्रामाणिक झलक प्रदान करता है, जिसने जीवन में कम उम्र में ही अपार सफलताएँ हासिल कर लीं, लेकिन प्रतिस्पर्धी क्रिकेट की कठोर वास्तविकताओं का सामना भी किया।
भारतीय घरेलू सत्र से ठीक पहले इसकी रिलीज होने वाली है, जिससे भारत में उभरते क्रिकेटरों के सामने आने वाले दबावों और स्टारडम और संघर्ष के बीच की पतली रेखा के बारे में बातचीत को फिर से बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
चंद का उत्थान और पतन
उन्मुक्त चंद का क्रिकेट करियर असाधारण संभावनाओं के साथ शुरू हुआ। 26 मार्च, 1993 को दिल्ली में जन्मे चंद ने 2012 ICC अंडर-19 विश्व कप जीतने वाली भारतीय अंडर-19 टीम के प्रेरक कप्तान के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ फ़ाइनल में नाबाद शतक जड़कर टीम की अगुवाई की और युवा क्रिकेट जगत में अपना नाम दर्ज करा दिया।
इस प्रारंभिक सफलता के बाद घरेलू क्रिकेट में उल्लेखनीय प्रदर्शन हुए, जिसमें प्रथम श्रेणी सत्र में 57 से अधिक की औसत से रन बनाना तथा रणजी ट्रॉफी में दिल्ली के लिए शानदार पारियां खेलना शामिल है।
हालाँकि, चंद का स्टार युवा खिलाड़ी से सीनियर क्रिकेट में सफलता तक का सफ़र चुनौतीपूर्ण साबित हुआ। उनकी स्पष्ट प्रतिभा के बावजूद, उच्चतम स्तर पर अवसर कम होते गए। इंडियन प्रीमियर लीग और घरेलू मैचों में लगातार असंगत प्रदर्शनों के कारण वे धीरे-धीरे राष्ट्रीय टीम से गायब होते गए।
उनके करियर का यह दौर निराशा और अनिश्चितता से भरा रहा, क्योंकि उन्हें कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच स्थायी रूप से पैर जमाने के लिए संघर्ष करना पड़ा। अपने करियर के इस सफर में दिखाई गई दृढ़ता का प्रतीक, चंद ने विदेश जाकर और उभरते हुए क्रिकेट लीगों में, खासकर एमएलसी में लॉस एंजिल्स नाइट राइडर्स के लिए, भाग लेकर खुद को फिर से स्थापित किया।