कौन हैं एम. बूची बाबू नायडू? इस बड़े टूर्नामेंट के पीछे का शख़्स...
बुची बाबू नायडू (X.com)
भारत के क्रिकेट इतिहास का आधार बूची बाबू टूर्नामेंट, एक लंबे प्रारूप का क्रिकेट टूर्नामेंट है जो 15 अगस्त से शुरू होने वाला है। लेकिन इस टूर्नामेंट का नाम किसके नाम पर रखा गया है और इसका क्या ऐतिहासिक महत्व है?
इस टूर्नामेंट का नाम मोथावरपु वेंकट महिपति नायडू, जिन्हें बूची बाबू नायडू के नाम से भी जाना जाता है, से लिया गया है। देश के औपनिवेशिक शासन के दौरान बूची बाबू नेमद्रास में क्रिकेट की शुरुआत की और देश के खेल इतिहास पर एक अमिट छाप छोड़ी।
बूची बाबू टूर्नामेंट: यह सब कैसे शुरू हुआ
यह टूर्नामेंट नायडू को सम्मानित करने का एक तरीका है, जो दुर्भाग्य से उद्घाटन संस्करण की शुरुआत से पहले ही स्वर्ग सिधार गए थे। उनके असामयिक निधन के बाद, प्रतियोगिता का नाम उनके नाम पर रखा गया।
दिलचस्प बात यह है कि प्रतिष्ठित रणजी ट्रॉफ़ी (जो 1934 में अस्तित्व में आई) से पहले भी यह भारत का सबसे लोकप्रिय क्रिकेट टूर्नामेंट था।
यह टूर्नामेंट प्रतिभाशाली स्थानीय खिलाड़ियों को अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ अपना कौशल दिखाने का मौक़ा देने के लिए शुरू किया गया था।
आगामी 2024 संस्करण तमिलनाडु के चार स्थानों: तिरुनेलवेली, सलेम, कोयम्बटूर और नाथम में खेला जाएगा, जिसमें सेमीफाइनल और फाइनल भी शामिल होंगे।
टूर्नामेंट में सूर्यकुमार यादव, श्रेयस अय्यर और यहां तक कि ईशान किशन जैसे कुछ लोकप्रिय खिलाड़ियों के भाग लेने की उम्मीद है, जो टूर्नामेंट में झारखंड की कप्तानी करेंगे।