भारत ने अपना पहला पिंक बॉल टेस्ट कब खेला था? जानें...क्या रहा था उस मैच का नतीजा
इशांत शर्मा अपने पहले पिंक बॉल टेस्ट में भारत के लिए हीरो बनकर उभरे [स्रोत: @BCCI/x.com]
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुक़ाबला गर्माता जा रहा है क्योंकि दोनों टीमें सीरीज़ के एकमात्र डे/नाइट टेस्ट मैच के लिए तैयार हैं। दोनों टीमें 6 दिसंबर से ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में एडिलेड क्रिकेट ग्राउंड पर सुबह 9:30 बजे भारतीय समयानुसार आमने-सामने होंगी।
डे/नाइट टेस्ट मैचों को पिंक बॉल टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस खेल में इस्तेमाल की जाने वाली गेंद का रंग अलग होता है। भारत के पिंक बॉल टेस्ट के इतिहास पर आगे बढ़ने से पहले आइए देखें कि पिंक बॉल टेस्ट क्या होते हैं और डे/नाइट टेस्ट मैचों में पिंक बॉल का इस्तेमाल क्यों किया जाता है।
पिंक बॉल टेस्ट क्या है?
दिन-रात टेस्ट मैच आईसीसी द्वारा खेल के सबसे शुद्ध स्वरूप को अधिक से अधिक दर्शकों तक पहुंचाने की पहल थी। जब दिन-रात टेस्ट मैचों को आगे बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे थे, तब यह तय किया गया कि इन खेलों के लिए गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया जाएगा। उस समय गुलाबी गेंद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए नई थी और इसलिए दिन-रात टेस्ट मैचों को गुलाबी गेंद टेस्ट के रूप में जाना जाने लगा।
दिन/रात टेस्ट मैचों में गुलाबी गेंद का उपयोग क्यों किया जाता है?
अगर हमें एक वाक्य में उत्तर देना हो तो टेस्ट क्रिकेट में प्रयुक्त पारंपरिक लाल गेंद की तुलना में गुलाबी गेंद रात के वक़्त ज़्यादा साफ़ दिखाई देती है।
ऐसे में कोई यह पूछ सकता है कि इन मैचों के लिए सफ़ेद गेंद का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा रहा है। इसका जवाब इस तथ्य में निहित है कि सफ़ेद गेंद टेस्ट मैचों में खिलाड़ी की सफ़ेद जर्सी में खो जाएगी। पहला गुलाबी गेंद टेस्ट नवंबर 2015 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के बीच खेला गया था।
भारत ने अपना पहला पिंक बॉल टेस्ट मैच कब खेला था?
भारत ने 22 नवंबर, 2019 को कोलकाता के प्रतिष्ठित ईडन गार्डन्स स्टेडियम में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ अपना पहला गुलाबी गेंद टेस्ट मैच खेला। बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाज़ी की और इशांत शर्मा की विनाशकारी गेंदबाज़ी की बदौलत भारत ने ये मैच अपने नाम किया था। लंबे कद के भारतीय तेज़ गेंदबाज़ ने 12 ओवर में 22 रन देकर पांच विकेट चटकाए और बांग्लादेश को 106 रनों पर समेटने में अहम भूमिका निभाई।
भारतीय टीम के तत्कालीन कप्तान विराट कोहली ने शानदार पारी खेली और 194 गेंदों पर 136 रन बनाए। कोहली की इस पारी की बदौलत भारत ने 347/9 का मज़बूत स्कोर खड़ा किया और फिर पारी घोषित करने का फैसला किया।
खेल के दूसरे चरण में बांग्लादेश को एक बार फिर भारतीय गेंदबाज़ों का सामना करने में परेशानी हुई। उमेश यादव ने पांच विकेट लिए, जबकि इशांत ने चार विकेट लिए। इन दोनों तेज़ गेंदबाज़ों के प्रयास के कारण बांग्लादेश की पूरी टीम 195 रन पर ढ़ेर हो गई। भारत ने यह मैच पारी और 49 रन से जीत लिया।