बांग्लादेश के ख़िलाफ़ टेस्ट सीरीज़ में करारी हार के बाद पाकिस्तान ने बनाए ये अनचाहे रिकॉर्ड
बांग्लादेश ने पाकिस्तान को हराया (X)
मंगलवार (3 सितंबर) को रावलपिंडी में पाकिस्तान को बांग्लादेश के हाथों पहली बार टेस्ट सीरीज़ में हार का सामना करना पड़ा, जहां उसे 2-0 से क्लीन स्वीप नसीब हुई। इस हार ने न केवल पाकिस्तान के लिए ऐतिहासिक रूप से सबसे खराब प्रदर्शन किया, बल्कि उसने कई अनचाहे रिकॉर्ड भी बनाए, जिससे प्रशंसक और क्रिकेट पंडित हैरान रह गए।
बांग्लादेश से पाकिस्तान की ऐतिहासिक सीरीज़ हार से अनचाहे रिकॉर्ड बने
बांग्लादेश, जो इससे पहले टेस्ट क्रिकेट में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ जीत दर्ज नहीं कर पाया था, ने दूसरे टेस्ट के पांचवें दिन छह विकेट रहते 185 रन का लक्ष्य हासिल कर लिया, जो उसके टेस्ट इतिहास में तीसरा सबसे बड़ा सफल लक्ष्य है।
इस बीच, पाकिस्तान को कई ऐसे रिकार्ड के साथ संतोष करना पड़ा जिन्हें वह भूलना चाहता है:
- दूसरा घरेलू व्हाइटवॉश: पाकिस्तान ने अपने घरेलू मैदान पर दूसरी बार टेस्ट सीरीज़ में व्हाइटवॉश का सामना किया। पहली बार 2022/23 सीज़न में इंग्लैंड के हाथों टीम का व्हाइटवॉश हुआ था, जहाँ उन्हें 3-0 से हार का सामना करना पड़ा था।
- घर पर सबसे लंबे समय तक बिना जीत का सिलसिला: पाकिस्तान ने अब तक लगातार दस घरेलू टेस्ट मैच बिना जीत के खेले हैं, जिसमें छह हार और चार ड्रॉ शामिल हैं। ज़िम्बाब्वे और बांग्लादेश को छोड़कर, यह मौजूदा सदी में किसी भी टीम के लिए सबसे लंबे समय तक बिना जीत का सिलसिला है।
- सभी पूर्ण सदस्य देशों से हार: पाकिस्तान अब दस सबसे पुराने पूर्ण सदस्य देशों में से प्रत्येक के ख़िलाफ़ घरेलू मैदान पर टेस्ट सीरीज़ हार चुका है। बांग्लादेश के बाद यह अनचाहा रिकॉर्ड बनाने वाली वे दूसरी टीम हैं।
क्या पाकिस्तान क्रिकेट को फिर से गौरव मिलेगा?
दूसरे टेस्ट में पाकिस्तान ने लॉन्ग फॉर्मेट में अपनी तेज़ी से गिरावट को उजागर किया। पहली पारी में बांग्लादेश को 26/6 पर समेटने के बावजूद, उन्होंने मेहमान टीम को वापसी करने का मौक़ दिया और लिटन दास के शानदार शतक की बदौलत 262 रन बनाए।
इसके बाद पाकिस्तान की दूसरी पारी 172 रन पर ढे़र हो गई, जिसमें हसन महमूद ने पांच विकेट लिए। क्रिकेट में जब बारिश होती है, तो जमकर होती है और पाकिस्तान के लिए यह सीरीज़ निराशा की बाढ़ से कम नहीं थी। अब जब ये अनचाहे रिकॉर्ड इतिहास में दर्ज हो गए हैं, तो पाकिस्तान के लिए वापसी का रास्ता पहले से कहीं ज़्यादा चुनौतीपूर्ण लग रहा है।