'टूटा गाबा का घमंड'- जब 2021 में भारत ने तोड़ा था गाबा का किला


बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के साथ भारतीय टीम। [स्रोत: @ThadhaniManish_/X] बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के साथ भारतीय टीम। [स्रोत: @ThadhaniManish_/X]

सरल शब्दों में कहें तो पिछली बार जब भारत ने गाबा में टेस्ट मैच खेला था, तब इतिहास रचा गया था। टेस्ट क्रिकेट के 15 रोमांचक सत्रों में लगभग 400 ओवर फेंके जाने के बाद भारत के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ विवेक राज़दान ने मैच को हिंदी में संबोधित करते हुए ऐतिहासिक लाइन "टूटा है गाबा का घमंड" कही थी।

क़रीब चार साल पहले खेले गए चौथे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी 2020-21 टेस्ट में मेहमान टीम ने 3 विकेट से जीत दर्ज की थी। यह पहली बार था जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया में लगातार दो टेस्ट सीरीज़ जीती थीं। इस तरह ऑस्ट्रेलिया का उस मैदान पर जीत का सिलसिला ख़त्म हो गया, जहां 32 सालों में खेले गए 31 टेस्ट में से किसी में भी हार नहीं मिली थी।

"आपसे गाबा में मुलाकात होगी," तत्कालीन ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन ने भारत के ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन को चेतावनी दी थी, जब उन्होंने हनुमा विहारी के साथ छठे विकेट के लिए 256 गेंदों पर 62 रनों की मैच बचाने वाली साझेदारी की थी, जिससे मेज़बान टीम तीसरे सिडनी टेस्ट के दौरान 2-1 की बढ़त बनाने का मौक़ा नहीं पा सकी थी।

पेन को शायद ही पता था कि एक मामूली सी स्लेजिंग उनके लिए शर्मिंदगी का सबब बन जाएगी। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के किले को भेद दिया और यह जीत आज तक उनके प्रशंसकों के दिमाग में बसी हुई है।

भारत ने कई सीनियर खिलाड़ियों के बिना कर दिखाया था कारनामा

ऑस्ट्रेलिया की दिग्गज चौकड़ी के ख़िलाफ़ 328 रन के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करना काग़ज़ों पर सपनों जैसा था। विराट कोहली, केएल राहुल, विहारी, अश्विन, रवींद्र जडेजा, मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा और उमेश यादव जैसे खिलाड़ियों के बिना ऐसा करना असंभव था।

चूंकि भारत काफी कम अनुभव वाली टीम के साथ सभी बाधाओं को पार करने में सक्षम रहा, इसलिए यह उसकी अब तक की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट जीतों में से एक है।

ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी के 369 रनों का पीछा करते हुए भारत ने 200 रन के क़रीब पहुंचने से पहले ही छह विकेट खो दिए थे। अपना पहला और दूसरा टेस्ट खेल रहे भारतीय ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर और शार्दुल ठाकुर ने व्यक्तिगत अर्धशतक जड़ते हुए सातवें विकेट के लिए 123 रनों की साझेदारी की और टीम को 300 से ऊपर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।

टी नटराजन के साथ-साथ सुंदर और ठाकुर ने भी पहली पारी में तीन-तीन बल्लेबाज़ों को आउट किया था। दूसरी पारी में मोहम्मद सिराज और ठाकुर ने मिलकर क्रमश: पांच और चार विकेट चटकाए और ऑस्ट्रेलिया को 294 रनों पर समेट दिया।


ब्रिस्बेन टेस्ट में सबसे सफल रन-चेज़ केवल शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा और प्लेयर ऑफ़ द मैच ऋषभ पंत के अर्धशतकों की वजह से संभव हुआ।

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Mohammed Afzal

Mohammed Afzal

Author ∙ Dec 13 2024, 8:59 PM | 3 Min Read
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