रोहित-विराट का टेस्ट भविष्य ख़तरे में; बड़े बदलाव की तैयारी में बीसीसीआई
रोहित शर्मा का भविष्य संदेह में है (स्रोत: पीटीआई)
भारत के कुछ सीनियर खिलाड़ियों के भविष्य का फ़ैसला ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद होगा क्योंकि बीसीसीआई घरेलू मैदान पर न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 0-3 की करारी हार का मूल्यांकन कर रहा है। इसके साथ ही बोर्ड अगले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) चक्र की शुरूआत से पहले एक संरचित चरणबद्ध नीति तैयार कर रहा है।
इस बात की प्रबल संभावना है कि ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ रोहित शर्मा, विराट कोहली, रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन जैसे चार सीनियर खिलाड़ियों में से कम से कम दो के लिए अंतिम सीरीज़ हो सकती है, जो अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के आखिरी पड़ाव पर हैं।
बीसीसीआई के बड़े अधिकारियों और चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर, मुख्य कोच गौतम गंभीर और कप्तान रोहित के बीच उम्रदराज़ टीम के भविष्य के बारे में अनौपचारिक चर्चा हो सकती है।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ सूत्र ने नाम न बताने की शर्त पर पीटीआई को बताया, "निश्चित तौर पर जायज़ा लिया जाएगा और यह अनौपचारिक प्रकृति का हो सकता है क्योंकि टीम 10 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना होगी। लेकिन यह बहुत बड़ी विफलता है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ क़रीब है और टीम की घोषणा पहले ही हो चुकी है, इसलिए इसमें कोई फेरबदल नहीं होगा।"
सूत्र ने कहा, "लेकिन अगर भारत इंग्लैंड में डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं करता है, तो कोई भी आश्वस्त हो सकता है कि सभी चार सुपर सीनियर आगामी पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ के लिए यूके जाने वाली फ्लाइट में नहीं होंगे। किसी भी स्थिति में, सभी चारों ने संभवतः अपना अंतिम टेस्ट घर पर एक साथ खेला होगा।"
ऐसा माना जा रहा है कि बीसीसीआई 2011 की घटना को दोहराने के लिए उत्सुक नहीं है, जब अचानक एक पुरानी टीम फॉर्म में नहीं थी और इसलिए चयनकर्ताओं, ख़ासकर अध्यक्ष अगरकर और मुख्य कोच गंभीर को आगे की योजना के बारे में सीनियर क्रिकेटरों से बात करने की ज़रूरत होगी।
साई सुदर्शन, देवदत्त पडिक्कल को भारत के लिए नियमित टेस्ट का मौक़ा मिलने की संभावना है
लेकिन एक बार जब ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ समाप्त हो जाती है और अगर भारत क्वालीफाई नहीं करता है- अगला चक्र अगले साल 20 जून से लीड्स में इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ के साथ शुरू होगा - तो चयन समिति साई सुदर्शन, देवदत्त पडिक्कल जैसे खिलाड़ियों को मौक़ा देकर दीर्घकालिक संभावनाओं पर विचार करने के लिए बाध्य हो सकती है, जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए तैयार दिखते हैं।
वाशिंगटन सुंदर अगले 10 सालों के लिए एक मज़बूत संभावना के रूप में उभर रहे हैं, इसलिए ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ समाप्त होने के बाद भारतीय टीम में अश्विन का भविष्य चर्चा का विषय बन सकता है।
बेहतर फिटनेस और विदेशी पिचों पर उपयोगी बल्लेबाज़ी के कारण जडेजा को बरक़रार रखा जा सकता है, हालांकि भारतीय परिस्थितियों के लिए अक्षर पटेल के रूप में एक तैयार विकल्प मौजूद है, जबकि मानव सुथार तीसरे स्थान पर हैं।
बल्लेबाज़ों की बात करें तो फरवरी 2021 से मौजूदा मैच के बीच कप्तान रोहित ने घरेलू टेस्ट मैचों में 35 पारियों में 37.81 की औसत से चार शतकों के साथ 1,210 रन बनाए, लेकिन पिछली 10 पारियों में 10 रन से कम के छह स्कोर और 20 से कम के दो स्कोर रहे हैं, जिसमें दो अर्धशतक शामिल हैं।
इसी दौरान, विराट ने घरेलू मैदान पर 25 पारियां खेलकर 30.91 की औसत से 742 रन बनाए हैं, इसके अलावा अहमदाबाद की सपाट पिच पर एक शतक भी लगाया है।
एक पूर्व चयनकर्ता ने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि ऑस्ट्रेलिया की पिचें बल्लेबाज़ी के लिए बेहतर होंगी, लेकिन इस तरह की शर्मनाक हार के बाद आत्म-संदेह को मिटाना मुश्किल काम होगा।"
कोहली अपनी बेहतरीन फिटनेस के कारण खराब प्रदर्शन के बावजूद क़रीब चार साल तक टिके रह सकते हैं, लेकिन रोहित को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के इस चक्र से आगे खेलते हुए नहीं देखा जा सकता।
जसप्रीत बुमराह को उप-कप्तान बनाया गया है, लेकिन कार्यभार प्रबंधन के कारण वह दीर्घकालिक समाधान नहीं हो सकते हैं, शुभमन गिल और ऋषभ पंत दो ऐसे उम्मीदवार हैं जो टेस्ट कप्तानी के लिए उपयुक्त दिखते हैं।
[पीटीआई इनपुट्स से]