BCCI को राहत, खेल मंत्रालय ने RTI से संबंधित प्रावधानों में संशोधन किया
बीसीसीआई [स्रोत: @gujratsamachar/X.com]
संशोधित खेल विधेयक से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) राहत की सांस लेने वाला है। भारतीय खेल मंत्रालय ने हाल ही में राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक के RTI-संबंधी प्रावधानों में संशोधन किया है, जिसके तहत केवल उन्हीं संगठनों को इसके दायरे में आने की अनुमति है जो सरकारी सहायता पर निर्भर हैं।
विधेयक के प्रभावी हो जाने पर BCCI को स्वयं को राष्ट्रीय खेल महासंघ (NSF) के रूप में पंजीकृत कराना होगा।
भारत सरकार के RTI निरीक्षण से बचेगा BCCI
संशोधित खेल विधेयक पिछले महीने भारतीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया द्वारा पेश किया गया था। विधेयक के खंड 15 (2) में उल्लेखित है कि "किसी मान्यता प्राप्त खेल संगठन को इस अधिनियम के तहत अपने कार्यों, कर्तव्यों और शक्तियों के प्रयोग के संबंध में सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम, 2005 के तहत एक सार्वजनिक प्राधिकरण माना जाएगा।"
सूचना का अधिकार (RTI) कुछ समय से BCCI के लिए एक मुद्दा रहा है, क्योंकि भारतीय क्रिकेट बोर्ड देश के अन्य खेल महासंघों के विपरीत वित्त पोषण के लिए भारत सरकार पर निर्भर नहीं है।
संशोधित विधेयक के अनुसार, BCCI को अब तीन साल बाद 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक के क्रिकेट आयोजन में टीम इंडिया की भागीदारी के मद्देनज़र खुद को NSF के रूप में पंजीकृत कराना होगा।
BCCI की प्रतिष्ठा पर असर नहीं पड़ेगा
नए विधेयक में एक राष्ट्रीय खेल बोर्ड (NSB) के गठन का भी प्रस्ताव है, जो सख्त जवाबदेही उपायों की निगरानी करेगा। सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों (NSF) को केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए NSB से मान्यता प्राप्त करनी होगी।
नियामक ढाँचों से कभी-कभार टकराव के बावजूद, BCCI दुनिया के सबसे शक्तिशाली और आर्थिक रूप से स्वतंत्र क्रिकेट बोर्ड के रूप में काम कर रहा है। भारतीय बोर्ड अक्सर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल के विकास की दिशा तय करता है। हालाँकि नए विधेयक के अनुपालन से अतिरिक्त औपचारिकताएँ शुरू हो सकती हैं, लेकिन लंबे समय में इससे BCCI की प्रतिष्ठा पर कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है।