Rcbs New Bowler Puts Rohit And Gill To Shame Records Better Test Average In Sena Countries
रोहित और गिल की तुलना में SENA देशों में बेहतर टेस्ट बल्लेबाज़ी औसत है इस भारतीय तेज़ गेंदबाज़़ का
रोहित और शुबमन-(स्रोत:@Johns/X.com)
ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ चल रही सीरीज़ में भारतीय बल्लेबाज़ों की जमकर आलोचना हो रही है। पहले टेस्ट में दमदार प्रदर्शन के बाद, एडिलेड टेस्ट में शीर्ष क्रम लड़खड़ा गया और अब गाबा में भी उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा।
रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दिग्गज खिलाड़ी सवालों के घेरे में हैं क्योंकि वे तब नाकाम रहे जब इसकी सबसे अधिक ज़रूरत थी, ख़ासकर कप्तान। यहां तक कि यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल जैसे युवा भी पिछली तीन पारियों में नाकाम रहे हैं और भारतीय प्रशंसकों के गुस्से का सामना कर रहे हैं।
भुवनेश्वर कुमार ने SENA देशों में रोहित से बेहतर औसत दर्ज किया
बल्लेबाज़ी इकाई में मची उथल-पुथल के बीच एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है, जिसने शीर्ष क्रम को शर्मसार कर दिया है। ग़ौर करने वाली बात यह है कि भुवनेश्वर कुमार का SENA (दक्षिण अफ़्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) देशों में बल्लेबाजी औसत शुभमन गिल, रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल से बेहतर है। गौरतलब है कि भुवी ने SENA देशों में 16 पारियां खेली हैं और 30 की औसत से 398 रन बनाए हैं।
देश
पारी
रन बनाए
औसत
ऑस्ट्रेलिया
2
50
50
इंग्लैंड
10
247
27.44
दक्षिण अफ़्रीका
2
101
33.66
न्यूज़ीलैंड
नहीं खेला
भुवी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन इंग्लैंड में आया जब उन्होंने नाबाद 68 रन बनाए। दूसरी ओर, रोहित शर्मा का 47 पारियों में औसत सिर्फ़ 29.20 है। वहीं, गिल ने 19 पारियां खेली हैं और उनका औसत 26.72 रहा है। यहां SENA देशों में शीर्ष क्रम और भुवी के रिकॉर्ड का पूरा आँकड़ा दिया गया है।
खिलाड़ी
पारी
औसत
भुवनेश्वर कुमार
16
30.61
रोहित शर्मा
47
29.20
शुभमन गिल
19
26.72
यशस्वी जायसवाल
9
26.55
आरसीबी ने भुवनेश्वर कुमार को 10.75 करोड़ में खरीदा
भुवी की बात करें तो उन्होंने आखिरी बार 2018 में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच खेला था। उन्होंने 21 टेस्ट मैच खेले हैं और 63 विकेट लिए हैं और 552 रन भी बनाए हैं। हाल ही में उन्हें आईपीएल 2025 की मेगा नीलामी में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने 10.75 करोड़ की भारी भरकम रकम में खरीदा था।
उन्होंने हाल ही में संपन्न सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में हैट्रिक लेकर अपनी योग्यता साबित की और उस प्रदर्शन के दम पर चयनकर्ताओं के दरवाज़े खटखटाए।