सबसे तेज़ टेस्ट जीत: कानपुर में बांग्लादेश को शिकस्त देने के साथ ही टीम इंडिया ने रचा इतिहास
टीम इंडिया ने बांग्लादेश को 7 विकेट से हराया [स्रोत: पीटीआई]
कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में टीम इंडिया ने बांग्लादेश को सात विकेट से हराकर दो मैचों की सीरीज़ 2-0 से अपने नाम कर ली। मैच के दूसरे और तीसरे दिन बारिश और गीली आउटफील्ड के कारण खेल रद्द होने के बाद भारतीय बल्लेबाज़ों ने मैच के अंतिम दिन तेज़ी से रन बनाए।
इसके अलावा, मैच के पहले दिन बारिश ने भी बाधा डाली, जहाँ केवल 35 ओवर ही खेले जा सके, जिससे लगभग दो सत्रों का खेल बर्बाद हो गया। कहने की ज़रूरत नहीं है कि धमाकेदार बल्लेबाज़ी और बेहतरीन गेंदबाज़ी की बदौलत भारत ने बांग्लादेश पर छह सत्रों से भी कम समय में जीत दर्ज की, जो अब टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में एक रिकॉर्ड है।
रोहित और उनकी टीम ने सबसे तेज़ टेस्ट जीत दर्ज की
कानपुर टेस्ट की दोनों पारियों में भारतीय बल्लेबाज़ों ने कुल मिलाकर सिर्फ़ 52 ओवर खेले और 7.36 के मैच रन-रेट से 383 रन बनाए। उल्लेखनीय रूप से, भारत ने 8.22 के रन-रेट से बल्लेबाज़ी करते हुए पहली पारी में सिर्फ़ 34.4 ओवरों में 285 रन बनाए, जहाँ उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज़ टीम 50, टीम 100, 150, 200 और 250 रन एक ही दोपहर में बनाए।
कानपुर टेस्ट में टीम इंडिया ने ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी की, 52 ओवरों में उनके प्रदर्शन ने अब उन्हें गेंदों की संख्या के मामले में सबसे तेज़ टेस्ट जीत दर्ज करने में मदद की है। खेल के 147 साल पुराने इतिहास को शामिल करते हुए शीर्ष पांच सबसे तेज़ परिणाम सूची में रोहित शर्मा की टीम ने सिर्फ नौ महीनों के अंतराल में दो तेज़ जीत दर्ज की हैं, जिनमें से पहली जीत इस साल की शुरुआत में केपटाउन में दक्षिण अफ्रीका पर भारत की सात विकेट की जीत थी।
टेस्ट इतिहास में गेंदों की संख्या के आधार पर सबसे तेज़ टीम जीत की सूची:
मैच | स्थान, साल | विजेता (गेंदों की संख्या) |
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वेस्टइंडीज़ बनाम इंग्लैंड | ब्रिजटाउन, 1935 | इंग्लैंड (276 गेंदों का सामना) |
दक्षिण अफ़्रीका बनाम भारत | केप टाउन, 2024 | भारत (281 गेंदों का सामना) |
दक्षिण अफ़्रीका बनाम ज़िम्बाब्वे | केप टाउन, 2005 | दक्षिण अफ़्रीका (300 गेंदों का सामना) |
भारत बनाम बांग्लादेश | कानपुर, 2024 | भारत (312 गेंदों का सामना) |
ऑस्ट्रेलिया बनाम दक्षिण अफ़्रीका | मेलबर्न, 1932 | ऑस्ट्रेलिया (327 गेंदों का सामना) |
रोहित की कप्तानी में भारत अब अक्टूबर और नवंबर में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ तीन मैचों की घरेलू सीरीज़ की मेज़बानी करेगा। इसके बाद वे इस साल के अंत में पांच मैचों की 'बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी' के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा करेंगे।
उपरोक्त सभी मैच 2023-25 डब्ल्यूटीसी चक्र का हिस्सा हैं क्योंकि टीम इंडिया का लक्ष्य अगले साल लगातार तीसरे फाइनल के लिए क्वालीफाई करना है।