ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के हॉल ऑफ़ फ़ेम में शामिल हुए माइकल बेवन
माइकल बेवन, ऑस्ट्रेलिया (स्रोत- ICC/X.com)
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर माइकल बेवन को ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट, विशेषकर सीमित ओवरों के प्रारूप में उनके शानदार योगदान के लिए ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट हॉल ऑफ़ फ़ेम में शामिल किया गया है।
बेवन, जिन्हें दुनिया के अब तक के सबसे बेहतरीन फिनिशर्स में से एक माना जाता है, ने 232 वनडे मैचों में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें उन्होंने 53.58 की औसत से कुल 6,912 रन बनाए। बेवन टीम के लिए मिस्टर डिपेंडेबल थे, जो भारी दबाव में भी अपना संयम बनाए रखते थे और अक्सर मुश्किल लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया को जीत दिलाते थे।
दो बार के विश्व चैंपियन टीम का हिस्सा रहे खिलाड़ी ने कुछ यादगार पारियां खेली हैं, जैसे कि 1996 में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ आखिरी गेंद पर जीत दिलाने वाली पारी, तो वहीं 2002 में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ खेली गई पारी, जिसमें उन्होंने नाबाद शतक लगाकर 246 रनों के लक्ष्य को हासिल किया था, जबकि एक समय ऑस्ट्रेलिया के 6 विकेट 82 रन पर गिर चुके थे।
व्हाइट बॉल क्रिकेट में क्रांति ला दी थी बेवन ने
बेवन का एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय करियर लगभग दस सालों तक चला। लक्ष्य का पीछा करने में अपनी शानदार क्षमता और मुश्किल समय में स्कोरबोर्ड को चलाए रखने की क़ाबिलियत के चलते बेवन ऑस्ट्रेलिया के लिए इस प्रारूप के मास्टर बन गए।
हालांकि, टेस्ट क्रिकेट खेलने की बात करें तो कहानी बिल्कुल अलग थी। एक दिवसीय मैचों में बेहतरीन रिकॉर्ड होने के बावजूद, बेवन खेल के सबसे लंबे प्रारूप में इसे दोहराने में नाकाम रहे। उन्होंने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अपने लाल गेंद के करियर की शानदार शुरुआत की थी, लेकिन बाएं हाथ के इस खिलाड़ी की अपनी कमियां थीं और 1997-98 की गर्मियों के बाद उनका 18 मैचों का टेस्ट करियर आगे नहीं बढ़ पाया।
इसी कारण से, उन्हें इस साल तक ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के हॉल ऑफ़ फ़ेम में शामिल करने पर विचार नहीं किया गया था, जब हॉल ऑफ़ फ़ेम समिति ने अपने चयन मानदंडों की समीक्षा करने और ऑस्ट्रेलिया के लिए एक दिवसीय या T20 क्रिकेट में चमत्कार करने वालों को समान मान्यता देने का फैसला किया।
हॉल ऑफ़ फ़ेम के चेयरमैन पीटर किंग और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी निक हॉकले ने पूर्व विश्व चैंपियन की जमकर तारीफ़ की और बेवन को आइकॉन और पायनियर बताया। कैनबरा में जन्मे इस क्रिकेटर को सीमित ओवरों की बल्लेबाज़ी की कला में महारत हासिल करने और हर साल ऑस्ट्रेलिया के लिए जीत सुनिश्चित करने के लिए लंबे समय से पहचान मिल रही थी और वह उस दौर में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर के रूप में उभरे थे।