ललित मोदी ने BCCI से ₹10 करोड़ का ED जुर्माना भरवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से आदेश की मांग की


ललित मोदी [Source: @IndianTechGuide/X.com] ललित मोदी [Source: @IndianTechGuide/X.com]

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उन पर लगाए गए 10.65 करोड़ रुपये के जुर्माने का भुगतान करने का निर्देश देने की मांग की है। यह खुलासा News18 की एक रिपोर्ट से हुआ है, जिसमें इस घटनाक्रम का श्रेय IANS को दिया गया है।

आईपीएल की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ललित मोदी को 2013 में BCCI की सभी गतिविधियों से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया गया था। ऐसा उनके कार्यकाल के दौरान कदाचार, अनुशासनहीनता और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के बाद हुआ, खासकर IPL फ्रैंचाइज़ बोली प्रक्रियाओं में अनियमितताओं के संबंध में। IPL 2010 के तुरंत बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया और बाद में दोषी पाए जाने के कारण आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया।

ललित ने कानूनी लड़ाई जारी रखी

यह जुर्माना दक्षिण अफ़्रीका में आयोजित 2009 IPL सत्र से संबंधित विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के कथित उल्लंघन से उत्पन्न हुआ है। मोदी ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर तर्क दिया कि BCCI के अपने नियम (विशेष रूप से इसके नियमों और विनियमों के नियम 34) इसे आधिकारिक कर्तव्यों के दौरान हुए नुकसान और व्यय के लिए अपने पदाधिकारियों को क्षतिपूर्ति करने के लिए बाध्य करते हैं। उन्होंने BCCI उपाध्यक्ष (2005-2010) और आईपीएल अध्यक्ष (2007-2010) के रूप में कार्य किया।

उच्च न्यायालय ने मोदी की याचिका खारिज की

बॉम्बे हाई कोर्ट ने 19 दिसंबर, 2023 को दिए गए अपने आदेश में मोदी की याचिका को "पूरी तरह से गलत" बताते हुए खारिज कर दिया। जस्टिस एमएस सोनक और जितेंद्र जैन की पीठ ने क्षतिपूर्ति के उनके दावे को खारिज कर दिया और उन्हें चार सप्ताह के भीतर 1 लाख रुपये का जुर्माना भरने का निर्देश दिया।

ललित मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की

मोदी ने अब उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर की है। उनकी याचिका नियम 34 पर आधारित तर्क को दोहराती है और इस बात पर प्रकाश डालती है कि BCCI ने पहले भी मानद सचिव एन. श्रीनिवासन और कोषाध्यक्ष एमपी पांडोव जैसे अन्य अधिकारियों को दंड के विरुद्ध क्षतिपूर्ति दी है। उनका तर्क है कि यह बीसीसीआई द्वारा अपने नियमों के आवेदन में "भेदभावपूर्ण तरीके" को दर्शाता है।

मोदी ने कहा कि उन्होंने गैर-अनुपालन या अवमानना से बचने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा लगाए गए 1 लाख रुपये के जुर्माने का भुगतान किया, लेकिन ऐसा उन्होंने अपील करने के अपने अधिकार के प्रति "बिना किसी पूर्वाग्रह" के किया। सुप्रीम कोर्ट अब मोदी की उस याचिका पर विचार करेगा, जिसमें बीसीसीआई को ईडी द्वारा उनके ख़िलाफ़ लगाए गए भारी जुर्माने को कवर करने का निर्देश देने का निर्देश दिया गया है।

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Raju Suthar

Raju Suthar

Author ∙ June 30 2025, 8:35 AM | 3 Min Read
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