आज ही के दिन: 1954 में पाकिस्तान ने इंग्लैंड में पहली टेस्ट जीत दर्ज की थी, फ़ज़ल महमूद रहे जीत के हीरो
1954 में इंग्लैंड बनाम पाकिस्तान टेस्ट श्रृंखला (X.com)
17 अगस्त 1954 का दिन पाकिस्तान के क्रिकेट इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन था। जब उन्होंने इंग्लैंड की धरती पर अपनी पहली जीत दर्ज की। यह जीत ख़ास और यादगार था। क्योंकि पाकिस्तान एक नया टेस्ट खेलने वाला देश था और उस टीम में अनुभव की कमी थी।
पाकिस्तान को टेस्ट टीम का दर्जा सिर्फ़ दो साल पहले यानी 1952 में मिला था और यह उनका पहला इंग्लैंड दौरा था। खिलाड़ी दो महीने से ज़्यादा समय से इंग्लैंड की धरती पर थे और जल्द से जल्द टेस्ट सीरीज़ को खत्म करना चाहते थे।
यह सीरीज़ पाकिस्तान के लिए चुनौतीपूर्ण रही जिसमें इंग्लैंड तीन मैचों के बाद 1-0 से आगे चल रहा था। ओवल में चौथा और अंतिम टेस्ट पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण था। पाकिस्तान का यह दौरा उनका दूसरा अंतरराष्ट्रीय दौरा था।
पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी की लेकिन यह निर्णय जल्दी ही उल्टा पड़ गया क्योंकि पदार्पण कर रहे फ्रैंक टायसन और पीटर लोडर ने शुरूआती स्पेल में ही आक्रामक तेवर दिखाते हुए कुल मिलाकर सात विकेट चटका दिए।
पाकिस्तान ने पहली पारी में सिर्फ़ 133 रन बनाए। कप्तान अब्दुल हफ़ीज़ कारदार ने 36 रन बनाकर वे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे। जबकि दूसरा दिन बारिश के कारण धुल गया। दुनिया ने देखा कि पाकिस्तान ने तीसरे दिन एक शक्तिशाली इंग्लिश टीम को कड़ी टक्कर दी।
फ़ज़ल महमूद ने लगातार तीन घंटे गेंदबाज़ी करते हुए सिर्फ 53 रन देकर 6 विकेट चटकाए, जिससे इंग्लैंड की टीम 130 रनों पर सिमट गई।
दूसरी पारी में अनुभवहीन पाकिस्तानी टीम ने बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से जूझते हुए 164 रनों का स्कोर खड़ा किया।
168 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड की दूसरी पारी में एक बार फिर फ़ज़ल महमूद का बोलबाला रहा। ओवल की परिस्थितियां उनकी स्विंग और सीम गेंदबाज़ी के लिए पूरी तरह अनुकूल थीं और उन्होंने 46 रन देकर छह विकेट चटकाकर शानदार प्रदर्शन किया।
इंग्लैंड पहली बार अपनी घरेलू धरती पर दबाव में दिखी और अंततः 24 रन से हार गई तथा उसे घरेलू मैदान पर पहली बार टेस्ट हार का सामना करना पड़ा।
यह जीत पाकिस्तान क्रिकेट के लिए एक निर्णायक क्षण था। इसने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पाकिस्तान की भविष्य की सफलताओं की नींव रखी। आज तक 1954 के ओवल टेस्ट की जीत को पाकिस्तान की सबसे बड़ी क्रिकेट उपलब्धियों में से एक के रूप में याद किया जाता है। जो लाल गेंद के क्रिकेट में एक प्रतिस्पर्धी ताकत के रूप में उनके उदय का प्रतीक है।