'शुरुआती 9 सालों तक....': नेटफ्लिक्स की ताज़ा रिलीज़ डॉक्यूमेंट्री में शोएब अख़्तर का बड़ा खुलासा
शोएब अख्तर ने किया बड़ा खुलासा [स्रोत: @MSNSports/X.com]
क्रिकेट में भारत और पाकिस्तान के बीच की प्रतिद्वंद्विता हमेशा से ही प्रशंसकों के बीच चर्चा का विषय रही है। नेटफ्लिक्स ने हाल ही में इंडिया वर्सेज़ पाकिस्तान: द ग्रेटेस्ट राइवलरी नामक एक डॉक्यूमेंट्री रिलीज़ की है, जिसमें वीरेंद्र सहवाग, सौरव गांगुली, सुनील गावस्कर, वक़ार यूनिस, जावेद मियांदाद, रविचंद्रन अश्विन, इंज़माम-उल-हक़ और शोएब अख़्तर जैसे महान क्रिकेटर शामिल हैं। डॉक्यूमेंट्री में कई खुलासे हुए, जिनमें से सबसे चौंकाने वाला खुलासा शोएब का था, जिन्हें “रावलपिंडी एक्सप्रेस” के रूप में जाना जाता है।
शोएब का शानदार करियर
जब भी प्रशंसक इतिहास के सबसे महान तेज़ गेंदबाज़ों की चर्चा करते हैं, तो शोएब का नाम हमेशा लिया जाता है। उन्होंने तेज़ गेंदबाज़ी को फिर से परिभाषित किया और लगातार 150 किमी/घंटा से अधिक की गति से गेंद फेंकने वाले पहले गेंदबाज़ बने। अपनी गति से बल्लेबाज़ों को डराने की उनकी क्षमता ने उन्हें अपने समय के सबसे ख़तरनाक तेज़ गेंदबाज़ों में से एक बना दिया।
अख़्तर ने 1997 में पाकिस्तान के लिए आग़ाज़ किया और इमरान ख़ान, वसीम अकरम और वक़ार यूनिस जैसे दिग्गज तेज़ गेंदबाज़ों की श्रेणी में शामिल हो गए। 14 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में, उन्होंने 46 टेस्ट मैच, 163 वनडे और 15 T20 मैच खेले, जिसमें शोएब ने कुल 444 विकेट लिए। उनके नाम क्रिकेट में अब तक की सबसे तेज़ गेंद फेंकने का रिकॉर्ड भी है—161.3 किमी/घंटा (100.23 मील प्रति घंटा)।
अपनी इन बड़ी उपलब्धियों के बावजूद, शोएब ने डॉक्यूमेंट्री में एक कम चर्चित, बेहद निजी कहानी का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि वे अपंग पैदा हुए थे और अपने जीवन के पहले आठ सालों तक चल नहीं पाए थे। उनकी मां बेटे की इस हालत को लेकर बेहद चिंतित थीं, लेकिन एक अप्रत्याशित चमत्कार ने सब कुछ बदल दिया।
अख़्तर याद करते हैं, "एक संत हमारे घर आया करते थे । उन्होंने एक बार मेरी मां से कहा था, 'एक दिन, एक लड़का पैदा होगा जो पूरी दुनिया में प्रसिद्धि और पहचान हासिल करेगा।' मेरी मां चिंतित थीं, सोच रही थीं कि वह कौन हो सकता है। जब मैं पैदा हुआ, तो मैं अपंग था। मैं चल नहीं सकता था। लेकिन फिर, नौ साल की उम्र में एक चमत्कार हुआ - मैंने दौड़ना शुरू कर दिया। और मैं बिजली की तरह तेज़ दौड़ने लगा।"
2011 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद अख़्तर ने लीजेंड्स लीग क्रिकेट सहित कई प्रदर्शनी मैचों में खेलना जारी रखा। फिलहाल घुटने के कई सारे ऑपरेशन के बाद शोएब खेल के मैदान से बतौर खिलाड़ी अब दूर ही रहते हैं।