BGT 2024-25: भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच वो ऐतिहासिक मुक़ाबला...जो टेस्ट क्रिकेट के दूसरे ड्रॉ के तौर पर छूटा
भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया मैच टाई - (स्रोत:@IndiaHistoryPic/X.com)
लंबे इंतज़ार के बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी 22 नवंबर से शुरू होगी जब ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में सीरीज़ का पहला मुक़ाबला होगा। टेस्ट इतिहास में यह दोनों टीमों के बीच 108वां मुक़ाबला भी होगा।
दोनों टीमों के बीच अब तक खेले गए 107 टेस्ट मैचों में से 45 में ऑस्ट्रेलिया ने जीत दर्ज की है, जबकि भारत को सिर्फ़ 32 में जीत मिली है। इसके अलावा, 29 मैच ड्रॉ रहे हैं और एक मैच टाई भी हुआ है।
टेस्ट क्रिकेट इतिहास का केवल दूसरा टाई मैच
लाल गेंद वाले क्रिकेट में मैच टाई होना एक दुर्लभ घटना है। इसकी शुरुआत से अब तक 2000 से ज़्यादा टेस्ट मैच खेले जा चुके हैं, लेकिन टेस्ट इतिहास में सिर्फ़ दो मैच ही टाई हुए हैं। ख़ास बात यह है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच साल 1986 में एक मैच टाई हुआ था, और इस लेख के ज़रिए हम भारत में हुए उस ऐतिहासिक मुक़ाबले पर फिर से नज़र डालेंगे।
साल 1986 में ऑस्ट्रेलिया ने तीन मैचों की टेस्ट सीरीज़ के लिए भारत का दौरा किया। पहला मैच चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में खेला गया। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए डेविड बून और कप्तान एलन बॉर्डर के शतकों की बदौलत जीत दर्ज की। इस बीच डीन जोन्स के दोहरे शतक की मदद से मेहमान टीम ने 574/7 रन बनाए।
जवाब में भारतीय बल्लेबाज़ों को अच्छी शुरुआत तो मिली लेकिन वे इसे बड़े स्कोर में तब्दील करने में नाकाम रहे। कपिल देव ने शतक जड़कर मेज़बान टीम को जीत की ओर बढ़ाया। आखिरकार भारत ने 397 रन बनाए।
ग्रेग मैथ्यूज़ ने ऑस्ट्रेलिया के लिए सौदा पक्का कर दिया
दूसरी पारी में समय ख़त्म होता जा रहा था और ऑस्ट्रेलिया ने नतीजे की तलाश में 170/5 के स्कोर पर पारी घोषित कर भारत के सामने 348 रनों का लक्ष्य रखा। इस बीच, कपिल देव की अगुआई वाली टीम ने लचीलापन दिखाया और लगभग जीत हासिल कर ली, क्योंकि सुनील गावस्कर ने 90 (168) रन बनाए, जबकि मोहिंदर अमरनाथ ने अर्धशतक जड़ा।
भारत की निगाहें जीत पर टिकी थीं और उसे जीत के लिए 4 रनों की ज़रूरत थी, जबकि उसके दो विकेट बचे थे, लेकिन रे ब्राइट और ग्रेग मैथ्यूज़ ने मैच का रुख़ पलट दिया और दो अहम विकेट लेकर भारत को 347 रन पर ही ढ़ेर कर दिया, जिसके चलते मैच बराबरी पर आ गया। मनिंदर सिंह आखिरी विकेट थे, जिन्हें मैथ्यूज़ ने चार गेंदों पर बग़ैर खाता खोले आउट कर दिया।
आखिर में सीरीज़ 0-0 से ड्रॉ हो गई क्योंकि बाकी दो मैचों का कोई नतीजा नहीं निकल सका था।