BCCI है अजीत अगरकर से नाराज, कर सकता है एशिया कप 2025 के बाद मोर्ने मोर्कल की छुट्टी - रिपोर्ट
गौतम गंभीर और अजीत अगरकर (Source: @Johns/X.com)
ऐसी ख़बरें आ रही हैं कि भारत के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर BCCI की जांच के घेरे में आ गए हैं और इंग्लैंड में हालिया नतीजों के कारण उनकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है। द टेलीग्राफ के अनुसार, रोजर बिन्नी की अगुवाई वाला बोर्ड अगरकर पर कड़ी नज़र रख रहा है, जो इस समय बाकी टीम के साथ इंग्लैंड में हैं।
बीसीसीआई अगरकर से क्यों नाराज है?
रिपोर्ट के अनुसार , बीसीसीआई इंग्लैंड दौरे के दौरान टीम चयन को लेकर अजीत अगरकर और पूर्वी क्षेत्र के चयनकर्ता शिव सुंदर दास से नाखुश है। गौरतलब है कि कुलदीप यादव और अभिमन्यु ईश्वरन को पूरी सीरीज़ के लिए बेंच पर बैठाने से भारतीय क्रिकेट बोर्ड नाराज़ है।
हिंदुस्तान टाइम्स ने एक सूत्र के हवाले से कहा, "कोच हमेशा संतुलन की बात करते हैं, लेकिन कुलदीप यादव जैसे विश्वस्तरीय कलाई के स्पिनर को बाहर रखने के विनाशकारी परिणाम हुए हैं।"
इन चार टेस्ट मैचों में भारतीय प्रबंधन ने अंशुल कंबोज को पदार्पण का मौका दिया, वाशिंगटन सुंदर को शामिल किया, लेकिन कुलदीप यादव को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया, जो आर अश्विन के संन्यास के बाद से भारत के मुख्य स्पिनर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, "ऐसा समझा जाता है कि टीम के साथ दौरे पर गए राष्ट्रीय चयन समिति के दो सदस्यों, अध्यक्ष अजीत अगरकर और पूर्व के प्रतिनिधि शिव सुंदर दास की भूमिका भी आत्मनिरीक्षण के दायरे में आ गई है।"
गौरतलब है कि अगरकर टीम के साथ मौजूद हैं और अक्सर मुख्य कोच गौतम गंभीर और भारतीय कप्तान शुभमन गिल के साथ लंबी बातचीत करते देखे जाते हैं। अगरकर को जुलाई 2023 में भारत का मुख्य चयनकर्ता नियुक्त किया गया था और उनकी नियुक्ति को दो साल हो चुके हैं।
मोर्ने मोर्केल और रयान टेन डोइशेट निशाने पर
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल और गंभीर के सहायक कोच रेयान टेन डोएशेट भी जांच के दायरे में हैं और इंग्लैंड दौरे के बाद बीसीसीआई की समीक्षा के दौरान उन्हें उनकी भूमिकाओं से हटाया जा सकता है।
बीसीसीआई सितंबर में होने वाले एशिया कप 2025 तक इंतजार करना चाहेगा और उसके बाद इन दोनों पदों पर कड़ा फैसला लेगा।
गौतम गंभीर की नौकरी खतरे में नहीं
इसी रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि जुलाई 2024 में भारतीय टीम में शामिल होने के बाद से सिर्फ दो टेस्ट जीत दर्ज करने के बावजूद गौतम गंभीर की नौकरी को कोई खतरा नहीं है।
गौरतलब है कि गंभीर ने भारत को मार्च 2025 में तीसरी आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जिताई थी, जो भारतीय कोच के रूप में उनका पहला सीमित ओवरों का आईसीसी टूर्नामेंट भी था। इस प्रकार, सीमित ओवरों के टूर्नामेंटों में सफलता ने गंभीर को अपनी नौकरी सुरक्षित रखने में मदद की है।