BCCI आएगा राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक के दायरे में; वार्षिक मान्यता अनिवार्य


BCCI (Source: @BCCI/x.com) BCCI (Source: @BCCI/x.com)

भारतीय क्रिकेट में एक नया अध्याय शुरू होने वाला है क्योंकि BCCI एक नए युग में कदम रखने की तैयारी कर रहा है। भारत सरकार बहुप्रतीक्षित 'राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक 2025' पेश करने के लिए तैयार है, और BCCI भी इसके दायरे में आने के लिए तैयार है।

एक महत्वपूर्ण बदलाव के तहत, इस विधेयक के कानून बनने के बाद बीसीसीआई को जल्द ही वार्षिक मान्यता लेनी होगी। अब से, बोर्ड से जुड़े सभी मौजूदा और भविष्य के कानूनी विवादों का निपटारा राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण द्वारा किया जाएगा।

BCCI में बड़े बदलाव की तैयारी

भारत सरकार खेल जगत में एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है क्योंकि बहुप्रतीक्षित 'राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक 2025' संसद में पेश होने वाला है। इस ऐतिहासिक बदलाव का उद्देश्य एक स्पष्ट कानूनी ढाँचा तैयार करना है। इसका लक्ष्य राष्ट्रीय खेल महासंघों के संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।

इसके अलावा, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड एक राष्ट्रीय खेल महासंघ के रूप में इसके दायरे में आ जाएगा। अधिनियम के लागू होने के बाद, BCCI को वार्षिक मान्यता प्राप्त करनी होगी और उसके सभी मौजूदा और भविष्य के कानूनी कदमों का निपटारा नवगठित राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण द्वारा किया जाएगा।

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, मंत्रालय के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि बीसीसीआई स्वायत्त है, लेकिन उसे नए कानून का पालन करना होगा, तथा विवादों का निपटारा राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण द्वारा किया जाएगा।

अधिकारी ने कहा, "सभी एनएसएफ की तरह, इस विधेयक के अधिनियम बन जाने के बाद BCCI को भी देश के कानून का पालन करना होगा। बोर्ड मंत्रालय से धन नहीं लेता, बल्कि संसद का एक अधिनियम उन पर लागू होता है। वे अन्य सभी एनएसएफ की तरह एक स्वायत्त संस्था बने रहेंगे, लेकिन उनके विवाद, यदि कोई हों, तो राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण के समक्ष आएंगे, जो चुनाव से लेकर चयन तक के खेल मामलों के लिए विवाद समाधान निकाय बन जाएगा। हालाँकि, इस विधेयक का मतलब किसी भी एनएसएफ पर सरकारी नियंत्रण नहीं है। सरकार सुशासन सुनिश्चित करने में एक सूत्रधार की भूमिका निभाएगी, न कि उसे लागू करने वाली।"

BCCI के लिए कानूनी रास्ता सुगम बनाया जाएगा

किसी भी विवाद की स्थिति में, भारत की सर्वोच्च क्रिकेट संस्था और उसकी राज्य इकाइयाँ अब सीधे देश भर की विभिन्न अदालतों में नहीं जा पाएँगी। बोर्ड चुनावों के बाद, बीसीसीआई को नए राष्ट्रीय खेल बोर्ड से मंज़ूरी लेनी होगी।

यह विधेयक किसी सामान्य खेल कानून से कहीं बढ़कर है। इसका उद्देश्य खिलाड़ियों के कल्याण को बढ़ावा देना और खेलों में नैतिक आचरण सुनिश्चित करना है। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय खेल महासंघों के लिए स्पष्ट प्रशासनिक मानक स्थापित करना और प्रशासनिक विवादों को सुलझाने के प्रभावी तरीके प्रस्तुत करना भी है।

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Raju Suthar

Raju Suthar

Author ∙ July 23 2025, 12:31 PM | 2 Min Read
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