BCCI केंद्रीय अनुबंध: वह सब जो आपको जानना चाहिए...


विराट कोहली और रोहित शर्मा फ्रेम में [स्रोत: @Shebas_10dulkar/X] विराट कोहली और रोहित शर्मा फ्रेम में [स्रोत: @Shebas_10dulkar/X]

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) का केंद्रीय अनुबंध एक सालाना रिटेनरशिप प्रणाली है जिसे राष्ट्रीय टीम में उनके योगदान के लिए वरिष्ठ पुरुष क्रिकेटरों को मान्यता देने और पुरस्कृत करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने और प्रदर्शन को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किए गए ये अनुबंध खिलाड़ियों को उनकी भूमिका, स्थिरता और प्रारूप-विशिष्ट प्रभाव के आधार पर चार ग्रेड (A+, A, B और C) में वर्गीकृत करते हैं।

BCCI केंद्रीय अनुबंध: वह सब जो आपको जानना चाहिए

ग़ौरतलब है कि अनुबंध में भारत का प्रतिनिधित्व न करने की स्थिति में भी घरेलू क्रिकेट के लिए खिलाड़ी की उपलब्धता को अनिवार्य किया गया है, जिससे राष्ट्रीय और घरेलू प्रतिबद्धताओं को प्राथमिकता देने पर बोर्ड का ज़ोर और मज़बूत होता है।

ग्रेड और पात्रता मानदंड

BCCI खिलाड़ियों को चार श्रेणियों में वर्गीकृत करता है, जिनमें से प्रत्येक के लिए अलग-अलग वित्तीय पुरस्कार और अपेक्षाएं होती हैं:

  • ग्रेड A+: सभी प्रारूपों के दिग्गजों के लिए आरक्षित। 2023-24 में, रोहित शर्मा, विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह और रवींद्र जडेजा इस श्रेणी में थे। हालाँकि पहले उन्हें पदावनत किए जाने की ख़बरें आई थीं, लेकिन हाल ही में सामने आई रिपोर्ट के अनुसार वे अपने स्थान पर बने रह सकते हैं।
  • ग्रेड A: इसमें केएल राहुल, मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज जैसे प्रमुख खिलाड़ी शामिल हैं (2024 में ग्रेड B से पदोन्नत)।
  • ग्रेड B: इसमें शुभमन गिल जैसे उभरते सितारे और शार्दुल ठाकुर जैसे स्थापित खिलाड़ी शामिल हैं।
  • ग्रेड C: इसमें रिंकू सिंह, तिलक वर्मा और रुतुराज गायकवाड़ जैसी उभरती प्रतिभाएं शामिल हैं।

आप केंद्रीय अनुबंध के लिए कब योग्य होते हैं?

अर्हता प्राप्त करने के लिए खिलाड़ियों को न्यूनतम मैच आवश्यकताओं को पूरा करना होगा जो कि 3 टेस्ट, 8 एकदिवसीय और 10 T20 अंतरराष्ट्रीय मैच हैं।

BCCI के दिशा-निर्देशों का पालन न करने पर - जैसे कि रणजी ट्रॉफ़ी जैसे घरेलू टूर्नामेंटों को छोड़ना - टीम से बाहर किया जा सकता है, जैसा कि 2024 में श्रेयस अय्यर और ईशान किशन के मामले में देखा गया।

ग़ौरतलब है कि श्रेयस अय्यर को घरेलू सर्किट में लगातार अच्छे प्रदर्शन के बाद अपना केंद्रीय अनुबंध वापस मिल गया है। 

BCCI के केंद्रीय अनुबंध की राशि कितनी है?

हालांकि सटीक आंकड़े हर साल बदलते रहते हैं, लेकिन बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार रिटेनर्स की संरचना लगभग नीचे दी गई है:

ग्रेड

वार्षिक रिटेनरशिप (लगभग)
A+ 7-10 करोड़ रुपये
A 5-6 करोड़ रुपये
B 3-4 करोड़ रुपये
C 1-2 करोड़ रुपये


प्रति गेम मैच फीस

प्रारूप
फीस (लगभग)
टेस्ट 15 लाख रुपये
वनडे 6 लाख रुपये
T20 3 लाख रुपये

ये आय IPL वेतन से अलग है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए पारिश्रमिक मिल सके।

ख़ास बात यह है कि 2023-24 के अनुबंध चक्र में कई बदलाव हुए हैं। टेस्ट डेब्यू करने वाले सरफ़राज़ ख़ान और ध्रुव जुरेल को शुरू में बाहर रखा गया था, लेकिन इंग्लैंड के ख़िलाफ़ धर्मशाला में अपना तीसरा टेस्ट खेलने के बाद वे ग्रेड C के लिए पात्र हो गए।

उनके चयन ने BCCI द्वारा पात्रता मानदंडों का सख़्ती से पालन करने को उजागर किया। इसके विपरीत, अय्यर और ईशान किशन जैसे स्थापित सितारों को रणजी ट्रॉफ़ी में भागीदारी की तुलना में व्यक्तिगत प्रशिक्षण को प्राथमिकता देने के कारण बाहर रखा गया, जो घरेलू क्रिकेट को मज़बूत करने के लिए बोर्ड के प्रयास को रेखांकित करता है।

केंद्रीय अनुबंध क्यों महत्वपूर्ण है?

केंद्रीय अनुबंध खिलाड़ियों की वफ़ादारी और उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं, जिससे प्रतिभाओं को बनाए रखने के लिए एक संरचित मार्ग तैयार होता है। अनुबंधों को घरेलू क्रिकेट में भागीदारी से जोड़कर, BCCI ज़मीनी स्तर पर विकास के महत्व को पुष्ट करता है।

खिलाड़ियों के लिए, ये अनुबंध वित्तीय सुरक्षा प्रदान करते हैं, जिससे उन्हें बाहरी दबावों के बिना प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करने की इजाज़त मिलती है। जैसे-जैसे 2025-26 अनुबंध चक्र क़रीब आता है, सिस्टम योग्यता और अनुशासन के बीच संतुलन बनाए रखता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि भारत का क्रिकेट पारिस्थितिकी तंत्र मज़बूत और प्रतिस्पर्धी बना रहे। 

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