NCL में ढ़ाका मेट्रो की जगह मयमनसिंह डिवीजन को शामिल किया BCB ने; कूकाबुरा गेंदों का परीक्षण शुरू
बीसीबी ने एनसीएल में बदलाव किए हैं [स्रोत: @Joyerlorai/x.com]
बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) ने देश की सबसे पुरानी प्रथम श्रेणी प्रतियोगिता, आगामी राष्ट्रीय क्रिकेट लीग (NCL) 2025 से पहले कई बदलाव किए हैं। बुधवार को एक बड़ी घोषणा में, बोर्ड ने पुष्टि की है कि 25 अक्टूबर से शुरू होने वाले इस साल के संस्करण में ढ़ाका मेट्रो की जगह मयमनसिंह डिवीजन लेगा।
बांग्लादेश के प्रथम श्रेणी सर्किट में एक नया चेहरा शामिल
क्रिकबज़ की रिपोर्ट के अनुसार, यह मयमनसिंह की NCL में पहली मौजूदगी होगी जो घरेलू लाल गेंद के ढ़ांचे में एक नया रंग भर देगी। यह निर्णय 9 अगस्त को हुई BCB की 20वीं बोर्ड बैठक के दौरान लिया गया और इस सप्ताह इसकी आधिकारिक पुष्टि की गई।
BCB ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "इसके परिणामस्वरूप, ढ़ाका मेट्रो टीम आगामी प्रतियोगिता में भाग नहीं लेगी।"
मयमनसिंह का शामिल होना बांग्लादेश के घरेलू क्रिकेट मानचित्र में एक नया अध्याय जोड़ता है। इस क्षेत्र ने सालों से प्रतिभाशाली क्रिकेटरों को जन्म दिया है और अब स्थानीय खिलाड़ियों को आखिरकार देश के शीर्ष स्तरीय लाल गेंद टूर्नामेंट में प्रतिस्पर्धा करने का मौक़ा मिलेगा।
आठ टीमों के भाग लेने से, इस आयोजन से नई प्रतिद्वंद्विताएं आएंगी तथा राष्ट्रीय चयन के लिए प्रयासरत उभरते खिलाड़ियों के लिए अधिक अवसर पैदा होंगे।
कूकाबुरा और ड्यूक्स मंच साझा करेंगे
इस सीज़न में NCL में क्रिकेट गेंदों के चुनाव में भी एक दिलचस्प मोड़ देखने को मिलेगा। खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुकूल ढ़लने में मदद करने के लिए, BCB ने फैसला किया है कि पहले दो राउंड कूकाबुरा गेंद से खेले जाएँगे, जबकि बाकी राउंड पिछले तीन सीज़न से इस्तेमाल हो रही ड्यूक्स गेंद से खेले जाएँगे।
BCB के क्रिकेट परिचालन विभाग के अनुसार, इसका उद्देश्य घरेलू खिलाड़ियों को नवंबर में आयरलैंड के ख़िलाफ़ बांग्लादेश की टेस्ट सीरीज़ से पहले कूकाबुरा की विशेषताओं से परिचित कराना है, जहां इसी गेंद का उपयोग किया जाएगा।
आगे की लाल गेंद की चुनौती के लिए तैयारी
इस बदलाव का समय इससे बेहतर नहीं हो सकता था। बांग्लादेश को आयरलैंड के ख़िलाफ़ दो टेस्ट और तीन T20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने हैं, जिनमें से लाल गेंद के मैच 11 नवंबर को सिलहट और 19 नवंबर को मीरपुर में खेले जाएँगे। NCL के शुरुआती दौर में कूकाबुरा गेंद के इस्तेमाल से गेंदबाज़ों और बल्लेबाज़ों को अगले महीने की परिस्थितियों का बेहतर अंदाज़ा हो जाएगा।
पिछले तीन सालों से बांग्लादेश की घरेलू संरचना तेज़ गेंदबाज़ों की मदद करने और तेज गेंदबाज़ी को बढ़ावा देने के लिए ड्यूक गेंद पर निर्भर रही है, लेकिन BCB का मानना है कि यह मिश्रित नज़रिया घरेलू विकास और अंतर्राष्ट्रीय तत्परता के बीच सही संतुलन बनाएगा।