विदेशी दौरों पर खिलाड़ियों के परिवार को लेकर सख़्त हुआ बीसीसीआई, लिए गए अहम फ़ैसले: रिपोर्ट
विराट कोहली और रोहित शर्मा अपनी पत्नियों के साथ [स्रोत: @ImTanujSingh/X.com]
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने हाल ही में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी में टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद टीम इंडिया के विदेशी दौरों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह फैसला भारत को 1-3 से सीरीज़ में मिली क़रारी हार, एक दशक में पहली बार ऐतिहासिक ट्रॉफ़ी गंवाने और 2025 में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहने के बाद लिया गया है।
बीसीसीआई के नए दिशा-निर्देशों के पीछे क्या कारण है?
ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ भारत की हार एक बड़ा झटका थी। पर्थ में 295 रनों की बड़ी जीत के साथ सीरीज़ की शुरुआत करने के बावजूद, टीम ने अगले मैचों में संघर्ष किया, अगले चार टेस्ट में से तीन हार गए। नतीजतन, ऑस्ट्रेलिया ने WTC फाइनल में जगह पक्की कर ली, जबकि भारत दौड़ से बाहर हो गया। इस नतीजे ने बीसीसीआई के भीतर दौरे के दौरान टीम की तैयारी और फोकस को लेकर गंभीर चिंताएँ पैदा कर दी हैं।
बीसीसीआई की हाल ही में हुई वार्षिक आम बैठक के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की गई और कुछ चिंताओं के समाधान के लिए नए दिशानिर्देश प्रस्तावित किए गए।
बैठक में वरिष्ठ चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर, कप्तान रोहित शर्मा और मुख्य कोच गौतम गंभीर सहित प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं।
भारतीय खिलाड़ियों और उनके परिवारों के लिए नए नियम
रिपोर्ट्स के मुताबिक़, बीसीसीआई ने विदेशी दौरों पर क्रिकेटरों के परिवारों के साथ बिताए जाने वाले समय को सीमित करने का फैसला किया है। नए नियम के तहत खिलाड़ियों की पत्नियाँ और परिवार 45 दिनों के दौरे के दौरान अधिकतम दो सप्ताह तक ही रह सकते हैं। इससे पहले, परिवार के सदस्यों को दौरे की पूरी अवधि के दौरान खिलाड़ियों के साथ रहने की अनुमति थी, जिससे बोर्ड के अनुसार खिलाड़ियों का ध्यान प्रभावित हो सकता है।
सूत्रों ने बताया किअनुष्का शर्मा (विराट कोहली की पत्नी) और आथिया शेट्टी (केएल राहुल की पत्नी) समेत कई क्रिकेटरों की पत्नियाँ बॉर्डर-गावस्कर सीरीज़ के दौरान मौजूद थीं। हालाँकि, नई नीति के तहत अब इसकी अनुमति नहीं होगी।
एक और महत्वपूर्ण बदलाव में, बीसीसीआई ने सभी खिलाड़ियों के लिए टीम बस में एक साथ यात्रा करना अनिवार्य कर दिया है। इस कदम का उद्देश्य टीम के भीतर एकता को बढ़ावा देना और बेहतर समन्वय सुनिश्चित करना है। हाल ही में हुई सीरीज़ में विराट और रोहित अलग-अलग यात्रा करते देखे गए थे, लेकिन अब इस प्रथा पर रोक लगा दी जाएगी।