वो 5 अहम मुक़ाबले जब ज़ीरो पर आउट हुए मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर को 'क्रिकेट का भगवान' माना जाता है [X]
सचिन तेंदुलकर भारतीय क्रिकेट में सिर्फ एक नाम नहीं हैं बल्कि उन्हें इस खेल प्रेमी देश में 'क्रिकेट का भगवान' माना जाता है।
80 के दशक के अंत में एक होनहार युवा खिलाड़ी से लेकर खेल को गौरवान्वित करने वाले सबसे महान खिलाड़ी तक, तेंदुलकर की 24 साल की यात्रा ने ऐसी ऊंचाइयां हासिल की हैं, जिन्हें शायद कभी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
हालांकि हर क्रिकेटर उतार-चढ़ाव से गुज़रता है और 'क्रिकेट के भगवान' भी इसका अपवाद नहीं हैं।
सचिन ने लंबे समय तक अकेले ही भारतीय बल्लेबाज़ी को संभाला, लेकिन कई बार ऐसा भी हुआ जब वे अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं थे। यहां पांच अहम मैच बताए गए हैं, जहां महानतम बल्लेबाज़ ने शून्य पर अपना विकेट गंवाया।
5. 0 (1) बनाम दक्षिण अफ़्रीका, तीसरा टेस्ट, पोर्ट एलिज़ाबेथ, 1992
1992 में एक टेस्ट मैच के दौरान सचिन तेंदुलकर [X]
रंगभेद प्रकरण के बाद पहली बार भारत दक्षिण अफ़्रीकी टीम से भिड़ रहा था। इस सीरीज़ के पहले दो मैच ड्रॉ रहे और अब सब कुछ पोर्ट एलिज़ाबेथ के सेंट जॉर्ज पार्क में होने वाले सीरीज़ के आखिरी मैच पर निर्भर था।
भारत ने पहले बल्लेबाज़ी की और 212 रनों पर ही पूरी टीम ढे़र हो गई। सचिन ने पारी में 17 गेंदों पर 6 रन बनाए। भारत के मामूली स्कोर के जवाब में, दक्षिण अफ़्रीका ने हैंसी क्रोनिए के शानदार 135 रनों की बदौलत 275 रन बनाए और 63 रनों की बढ़त हासिल की।
दूसरी पारी में जब सचिन बल्लेबाज़ी करने आए तो भारत 10/2 के स्कोर पर संघर्ष कर रहा था। भारत को उम्मीद थी कि उनका नया खिलाड़ी शानदार पारी खेलेगा। लेकिन सचिन अपनी पहली ही गेंद पर ब्रेट शुल्ट्ज़ का शिकार बन गए।
चौथे नंबर पर बल्लेबाज़ी करने वाले इस खिलाड़ी की विफलता के कारण मैच ढह गया, जिसे कपिल देव की 180 गेंदों पर खेली गई 129 रनों की पारी से जीवन मिला और भारत 215/10 रन बनाने में सफल रहा।
दक्षिण अफ़्रीका के सामने 153 रनों का लक्ष्य था, जिसे उन्होंने केवल एक विकेट खोकर आसानी से हासिल कर लिया।
4. 0 (1) बनाम पाकिस्तान, ईडन गार्डन्स में एशियाई टेस्ट चैंपियनशिप का पहला मैच, 1999
1999 ईडन टेस्ट के दौरान शोएब अख्तर [X]
यह 1999 में खेला गया एशियाई टेस्ट चैम्पियनशिप का पहला मैच था। ईडन गार्डन्स में हुए इस खेल में भारत दूसरी बल्लेबाज़ी कर रहा था।
भारतीय गेंदबाज़ों ने मैच की पहली पारी में शानदार प्रदर्शन किया और पाकिस्तान को 185 रनों पर समेट दिया।
भारत को उम्मीद थी कि वह पहली पारी में ज़ोरदार प्रदर्शन करेगा और बड़ी बढ़त लेकर पाकिस्तान से मैच छीन लेगा और सचिन तेंदुलकर इस योजना का अहम हिस्सा होंगे। हालांकि, युवा और जोशीले शोएब अख्तर ने एक ड्रीम डिलीवरी पर सचिन को गोल्डन डक पर आउट करके घरेलू दर्शकों को चौंका दिया।
भारत ने पहली पारी में 40 रन से कम की बढ़त हासिल की थी। पाकिस्तान ने दूसरी पारी में 316 रन बनाए और भारत को 279 रन का लक्ष्य दिया।
तेंदुलकर दूसरी पारी में एक बार फिर असफल रहे और 13 गेंदों पर 9 रन ही बना सके तथा भारत 232 रनों पर ढेर हो गया और मैच 46 रनों से हार गया।
3. 0 (2) बनाम वेस्टइंडीज़, तीसरा टेस्ट, केंसिंग्टन ओवल, ब्रिजटाउन, 2002
भारत इस मैच में पहले मैच के बाद सीरीज़ में 1-0 की बढ़त के साथ उतर रहा था। इस मैच में, उन्होंने पहले बल्लेबाज़ी की और जब तेंदुलकर 26/2 पर आए तो वे मुश्किल में थे।
बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता था कि महान खिलाड़ी इस समय अपनी पारी को किस गति से आगे बढ़ाते हैं। हालांकि, वह जिस दूसरी गेंद का सामना कर रहे थे, उसी पर आउट हो गए और इससे टीम का पतन शुरू हो गया और भारत अपनी पहली पारी में सिर्फ़ 102 रन पर ढेर हो गया।
कार्ल हूपर और शिवनारायण चंद्रपॉल ने वेस्टइंडीज़ की पहली पारी में शतक बनाए और उनका कुल स्कोर 394 रन तक पहुंचाया, जिससे उन्हें 292 रनों की बढ़त मिली।
इसका मतलब यह हुआ कि भारत मैच से बाहर हो गया। मेहमान टीम अपनी दूसरी पारी में 296 रन ही बना पाई, जिसका मतलब था कि वेस्टइंडीज़ को मैच जीतने के लिए आखिरी पारी में सिर्फ़ पाँच रन बनाने थे। उन्होंने यह काम सिर्फ़ 1.2 ओवर में ही कर लिया, जबकि उनके सभी विकेट सुरक्षित थे।
बाद में घरेलू टीम ने 2-1 के अंतर से सीरीज़ जीत ली।
2. 0 (5) बनाम पाकिस्तान, तीसरा वनडे, पेशावर, 2004
2004 की एकदिवसीय सीरीज़ के दौरान सचिन तेंदुलकर [X]
इस मैच से पहले सीरीज़ 1-1 से बराबर थी। यह मैच इसलिए महत्वपूर्ण था क्योंकि इससे जीतने वाली टीम को सीरीज़ में आगे बढ़ने की लय मिलती।
भारत ने पहले बल्लेबाज़ी की और उम्मीद थी कि सचिन-सहवाग की जोड़ी इस अहम मैच में उन्हें अच्छी शुरुआत देगी। लेकिन सचिन तेंदुलकर 5 गेंदों पर 0 रन बनाकर शब्बीर अहमद की गेंद पर आउट हो गए और भारत शुरुआती मुश्किल में फंस गया।
युवराज सिंह ने 76 गेंदों पर 65 रनों की अच्छी पारी खेली और भारत 50 ओवरों में 244/9 रन बनाने में सफल रहा।
पाकिस्तान ने 47.2 ओवर में छह विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। यासिर हमीद घरेलू टीम के लिए बल्लेबाज़ी के स्टार रहे। इससे पाकिस्तान ने सीरीज़ में 2-1 की बढ़त हासिल कर ली।
हालांकि भारत ने सीरीज़ के आखिरी दो मैच जीते और इसे 3-2 के अंतर से अपने नाम करने में सफल रहा।
1. 0 (3) बनाम श्रीलंका, क्वींस पार्क ओवल, त्रिनिदाद, 2007 वनडे विश्व कप
2007 विश्व कप बनाम श्रीलंका के दौरान आउट होने के बाद सचिन तेंदुलकर [X]
2007 के वनडे विश्व कप के अपने पहले ग्रुप स्टेज मैच में भारत को बांग्लादेश के ख़िलाफ़ करारी हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि उस मैच के बाद उन्होंने बरमूडा के ख़िलाफ़ दमदार वापसी की और हालात ऐसे हो गए कि भारत को श्रीलंका के ख़िलाफ़ अपना आखिरी मैच जीतना ही था।
श्रीलंका ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 50 ओवर में 254/6 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने की कमज़ोर शुरुआत के बाद, भारत को उम्मीद थी कि चौथे नंबर पर बल्लेबाज़ी कर रहे सचिन उन्हें मज़बूती प्रदान करेंगे।
हालांकि, दिलहारा फर्नांडो ने तीन गेंद पहले ही उनका कीमती विकेट ले लिया। इसके बाद भारत जुझारूपन नहीं दिखा सका और 185 रन पर ढे़र हो गया। यह मुक़ाबला 69 रनों से श्रीलंका के नाम रहा।
इस हार का मतलब था कि भारत को विश्व कप के ग्रुप चरण से बाहर होना पड़ा, जिसके बाद पूरे देश में निराशा और हताशा फैल गई।